आज देश को मिल रही डिजिटल करेंसी, कैश रखने की नहीं होगी जरूरत.
आज 1 दिसंबर 2022 से भुगतान करने के तौर-तरीकों में एक नई चीज जुड़ रही है। अब जेब में कैश लेकर चलने की जरूरत रहेगी और न ही किसी थर्ड पार्टी ऐप द्वारा आॅनलाइन पेमेंट की कोई मजबूरी होगी। आज भारत का रिटेल डिजिटल रुपया लॉन्च होने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च करने की घोषणा कर चुका है। बता दें कि खुदरा डिजिटल रुपए से ग्राहक आपस में लेन-देन के साथ किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकेंगे। शुरुआत में इसे चार शहरों और चार बैंकों में लॉन्च किया जाएगा। वहीं, बाद में इसे नौ और शहरों में लाया जाएगा। इसे रखने के लिए बैंक ग्राहकों को डिजिटल वॉलेट भी मुहैया कराएंगे। इसे मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस में स्टोर किया जा सकेगा और ग्राहक इसका इस्तेमाल रोजमर्रा की खरीदारी में कर सकेंगे। किसी ऑनलाइन भुगतान की तरह ही डिजिटल रुपये से लेन-देन किया जा सकेगा। इसके लिए ग्राहकों के मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस में बैंकों द्वारा एक डिजिटल वॉलेट इंस्टॉल किया जाएगा, जिसमें इस डिजिटल करेंसी को रखा जा सकता है। ग्राहक खरीदारी के बाद दुकानदार द्वारा दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करके इससे भुगतान कर सकेंगे। फिलहाल, 1 दिसंबर को पहले चरण के रूप में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में इसे शुरू किया जा रहा है।
देश में हर दिन 115 लोगों की जान ले रहा एड्स तीन स्टेज में फैलता है इसका वायरस
साल के आखिरी महीने का पहला दिन.. यानी 1 दिसंबर.. यानी विश्व एड्स दिवस। ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों को एड्स को लेकर जागरूक किया जा सके। एड्स का कारण है एचआईवी या ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस। ये वायरस शरीर के इम्युन सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर कर देता है कि शरीर दूसरा कोई संक्रमण या बीमारी झेलने के काबिल नहीं बचता। एचआईवी ऐसा वायरस है, जिसका समय पर अगर इलाज नहीं किया गया तो ये आगे चलकर एआईडीएस की बीमारी बन जाता है। इसका अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के सहारे वायरल लोड को कम किया जा सकता है, जिससे शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बना रहता है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने और संक्रमित खून के संपर्क में आने से एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है। सही समय पर इसका इलाज शुरू कर देना बहुत जरूरी है। एचआईवी से संक्रमित होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- बुखार होना, गला खराब होना या कमजोरी आना। एआईडीएस होने पर वजन घटना, बुखार आना या रात में पसीना आना, थकान-कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं। आमतौर पर एचआईवी के एआईडीएस में तब्दील होने में तीन स्टेज लगती है।
पहली बार दुनिया का सबसे पुराना दिमाग मिला, उम्र 52.50 करोड़ साल
चीन में एक प्राचीन समुद्री कीड़े का जीवाश्म मिला है। यह जीवाश्म 52.50 करोड़ साल पुराना है। इसकी खास बात ये है कि यह अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म है, जिसमें दिमाग भी देखा जा सकता है। दिमाग के हैरान करने वाले आकार से आथ्रोर्पोड्स के विकास के बारे में कई जानकारी मिलती हैं। चीन के युन्नान प्रांत में एक साइट पर मिले इस प्राचीन जीव का नाम कार्डियोडिक्टियन कैटेनुलम। 1984 में इसे कई अन्य जीवाश्मों के साथ खोजा गया था। यह जीव कीड़े जैसा दिखता है और ये फाइलम लोबोपोडिया से जुड़ा है। यह समुद्र तल पर रहने वाले आथ्रोर्पोड पूर्वजों का एक विलुप्त हो चुका समूह है। इनके शरीर पर कवच की तरह शेल होते थे। ये कैम्ब्रियन काल के दौरान पाए जाते थे। वैज्ञानिकों की एक दूसरी टीम ने जीवाश्म नमूने की दोबारा जांच की और पाया कि इसमें आश्चर्यजनक रूप से एक रहस्य छुपा हुआ था- दिमाग समेत एक पूरा संरक्षित नर्वस सिस्टम।
‘ट्विटर को एप स्टोर से हटाना चाहता है एपल’ आरोप लगाने वाले मस्क दो दिन बाद ही पलटे
आईफोन निर्माता कंपनी एपल और ट्विटर के बीच मतभेद सुलझ गया है। इस बात का दावा और किसी ने नहीं बल्कि खुद एलन मस्क ने किया है। एलन मस्क ने ट्वीट करते हुए लिखा कि एपल के सीईओ टिम कुक के साथ उन्होंने एक बैठक की जिसके बाद एप्पल इंक के एप स्टोर से ट्विटर को संभावित रूप से हटाए जाने के बारे में गलतफहमी दूर हो गई। मस्क ने कहा कि हमने जब इस बारे में टिम कुक से पूछा तो उन्होंने कहा कि यह महज एक गलतफहमी थी, उन्होंने ऐसा करने पर कभी विचार ही नहीं किया। मस्क ने एपल पर अपने एप स्टोर से ट्विटर को ब्लॉक करने की धमकी देने का आरोप लगाया था, यह भी कहा गया था कि एपल ने ट्विटर पर विज्ञापन देना भी बंद कर दिया था। उन्होंने बाद में एक अन्य ट्वीट में कुक के ट्विटर अकाउंट को टैग करते हुए पूछा, “यहां क्या चल रहा है?” वहीं मस्क के नवीनतम ट्वीट पर टिप्पणी के अनुरोधों का एपल ने तुरंत जवाब नहीं दिया। मस्क के पहले के ट्वीट्स पर एपल ने सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी है।