बच्चा पैदा होने से पहले कहता है… आजम खान के इस बयान पर एक और एफआईआर.
सपा के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। आजम खान के खिलाफ रामपुर के गंज थाने में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि रामपुर उपचुनाव में सपा प्रत्याशी आसिम रजा के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की। साथ ही चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। सीओ सिटी अनुज चौधरी ने बताया कि शहनाज बेगम की तहरीर पर गंज थाने में आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि महिला का आरोप है कि शुतरखाना में आयोजित जनसभा में आजम खान ने महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की गई। उनका बयान सभी महिलाओं का अपमान है। जिसके बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 में मुकदमा दर्ज किया गया। दरअसल, शुतरखाना में आयोजित एक जनसभा में आजम खान ने कहा कि जो आज तुम्हारे और हमारे साथ हुआ है, चार सरकारों में अगर मैंने ऐसा किया होता तो बच्चा मां की कोख से पैदा होने से पहले ये पूछता कि पूछ लो आजम खान से कि कोख से बाहर निकलना भी है या नहीं। मैं मुजरिम हूं और मुझसे गलती हुई है।
जेएनयू में फिर बवाल, अब दीवारों पर लिखा- ब्राह्मणों भारत छोड़ो, जांच का आदेश
दिल्ली स्थित जेएनयू यानी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। जेएनयू परिसर में स्थित कई इमारतों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे गए हैं। जेएनयू परिसर को ब्राह्मण विरोधी नारों से विरूपित किए जाने की घटना पर जेएनयू प्रशासन हरकत में आया है और जांच के आदेश दिए गए हैं। जेएनयू के कुलपति ने एसआईएस यानी स्कूल आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और संकाय कक्षों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है और इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। दरअसल, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्कूल आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर गुरुवार को ब्राह्मण विरोधी नारे लिखकर उसे विरूपित किया गया, जिसका फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया है। विद्यार्थियों ने दावा किया कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारों के साथ स्कूल आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत में तोड़फोड़ की गई।
राज्यपाल कोश्यारी के बाद बीजेपी के मंत्री लोढ़ा की शिवाजी पर टिप्पणी से बवाल
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तुलना मराठा राजा छत्रपति शिवाजी से करने वाले बयान को लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष ने पर्यटन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल प्रभात लोढ़ा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोढ़ा ने शिवाजी के आगरा से मुगल सम्राट औरंगजेब की कैद से बचकर भागने की ऐतिहासिक घटना की तुलना शिंदे के शिव सेना छोड़ने से करके एक विवाद खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने गुरुवार को उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि शिवसेना ने कहा कि उन्हें महान मराठा योद्धा के बारे में सही ज्ञान नहीं है। हालांकि लोढ़ा ने बाद में कहा कि उन्होंने शिवाजी महाराज और शिंदे के बीच कोई तुलना नहीं की। शिवाजी महाराज अत्यधिक पूजनीय हैं। मेरा मतलब महान योद्धा को कमतर साबित करना नहीं था। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की कि लोढ़ा को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई मंत्री शिवाजी के बारे में ऐसा कैसे कह सकता है और वह भी महाराष्ट्र में। वह अब माफी मांग रहे हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
किस मर्ज का इलाज करती है दुनिया की सबसे महंगी दवा? 28 करोड़ में मिलती है एक डोज!
इंसान के शरीर में अगर कोई ऐसी बीमारी हो, जिसका इलाज महंगा हो, तो इंसान की कमर मेडिकल बिल्स भरते-भरते ही टूट जाती है। खास तौर कुछ ऐसी दवाएं इस दुनिया में मौजूद हैं, जिनकी कीमत सुनते ही इंसान को हार्ट अटैक आ सकता है। ऐसी ही महंगी दवाओं में शुमार है हेमेजेनिक्स। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से एप्रूव हेमजेनिक्स नाम की दवा की सिर्फ एक डोज इतनी महंगी है कि इसकी कीमत में कई शानदार बंगले आ जाएंगे। ये दुनिया की सबसे महंगी दवा के तौर पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है। इस दवा की एक डोज $3.5 मिलियन यानि भारतीय मुद्रा में 28 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत में आती है। इंसान के शरीर में तरह-तरह की बीमारियां होती हैं लेकिन जेनेटिक डिसऑर्डर्स को ट्रीट करना डॉक्टर्स के लिए सबसे मुश्किल साबित होता है। ऐसा ही एक जेनेटिक डिसऑर्डर है हीमोफिलिया। इस ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर का इलाज न तो आसान है न ही सस्ता। इस बीमारी में शरीर ब्लड क्लॉट बनाने वाले प्रोटीन को प्रोड्यूस करना बंद कर देता है। अब तक इस बीमारी को ट्रीट करने के लिए मरीज को रूटीन इंजेक्शन देकर प्रोटीन की कमी पूरी की जाती थी, लेकिन हेमेजेनिक्स नाम की दवा की एक डोज ही इस बीमारी को हमेशा के लिए ट्रीट कर देती है।