आदिवासियों को अपना बनाने संघ संभालेगा मैदानी मोर्चा
– मिशन 2023 में भाजपा का पूरा फोकस अनुसूचित जनजाति पर.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में मिशन 2023 के मद्देनजर भाजपा ने हर वर्ग को साधने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश में चुनावी आहट के बीच भाजपा के अलावा अब आरएसएस ने भी आदिवासियों को फोकस कर मैदानी कसावट शुरू कर दी है। हिन्दुओं को एकजुट करने में आदिवासी अहम कड़ी हैं, जिन्हें आरएसएस फोकस करता रहा है। वोटबैंक के नजरिए से भी भाजपा के लिए यह अहम है। इस कारण आदिवासियों को लेकर प्लान तैयार किया जा रहा है। भाजपा और संघ की कोशिश है कि आदिवासियों को अपना बनाया जाए।
गौरतलब है कि मिशन 2023 के तहत भाजपा ने अपना पूरा फोकस अनुसूचित जनजाति पर कर रखा है। इस वर्ग को साधने के लिए पार्टी लगातार कार्यक्रम कर रही है। अब संघ भी इस दिशा में सक्रिय होने जा रहा है। वनवासी राम की थीमलाइन से लेकर धर्मांतरण रोकने और अधिकारों के संरक्षण तक पर आरएसएस की विशेष टीमें इनके बीच जाएंगी। खास बात ये कि इसमें भारत जोड़ो यात्रा वाले आदिवासी इलाके भी शामिल रहेंगे। भाजपा भी इस रूट के इलाकों को फोकस करके काम कर रही है। आरएसएस भी इस बेल्ट में परंपरागत तरीके से काम करेगा। इससे पूर्व 2003 में शिवगंगा अभियान के जरिए संघ के अनुशांगिक संगठन वनवासी कल्याण परिषद ने बड़ी संख्या में आदिवासियों को जोड़ा था। स्वयंसेवक आदिवासी जागरूकता के लिए काम करेंगे। आदिवासियों को उनके अधिकार समझाने के साथ विचारधारा को इस वर्ग में मजबूत किया जाएगा। भाजपा पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा कर रही है।
आदिवासियों के विकास और रोजगार पर ध्यान
संघ आदिवासियों के विकास और रोजगार पर फोकस करेगा। मप्र में बेरोजगार के रूप में 32.57 लाख युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि सरकारी और निजी सेक्टर मिलाकर 1 लाख से कुछ अधिक पद रिक्त हैं। संघ पदाधिकारियों के अनुसार दिल्ली के बिट्टू टिक्की वाले और फ्लिपकार्ट शुरू करने वाले सचिन और बिन्नी बंसल युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन सकते हैं। बिट्टू ने सड़क किनारे दुकान शुरू कर 500 करोड़ का कारोबार खड़ा कर दिया। आदिवासी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग और औद्योगिक ट्रेनिंग दिलाने के लिए एमपी नगर में वनवासी कल्याण परिषद के कौशल विकास केंद्र का नवीन भवन बनकर तैयार हो गया है। 11 दिसंबर को आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले इसका लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत योगेश बापट भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस अभियान में जनजातीय संस्कार केंद्र वालों गांवों में संघ पदाधिकारियों ने ग्रामीणों से सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों के बारे में फीडबैक लिया। इनमें गांवों में सामाजिक समरसता, धर्मजागरण, हाल ही में हुए धर्मांतरण, हिंदू त्योहारों पर गांव के माहौल, स्वच्छता से जुड़े कामकाज का ब्यौरा पूछा गया। आदिवासी गांवों में 48 घंटे बिताकर लौटे संघ पदाधिकारियों ने गांववार अपना-अपना फीडबैक विद्याभारती को दिया है। इसी के आधार पर विस्तृत आंतरिक रिपोर्ट तैयार हो रही है। सूत्रों के मुताबिक इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, लेकिन यह रिपोर्ट आदिवासी अंचल में संघ और विद्या भारती की गतिविधियों के रोडमैप का आधार होगी। मध्यप्रदेश की तीनों प्रांत मालवा, महाकौशल और मध्य भारत में 1500 से अधिक जनजातीय संस्कार केंद्र चल रहे हैं। विद्या भारती के अंतर्गत जनजातीय शिक्षा के मध्य भारत प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख रूप सिंह लोहाने ने बताया कि मध्य भारत में के जिलों में 456 संस्कार केंद्र चलाए जा रहे हैं। इनमें सर्वाधिक रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल जिलों में हैं। इन सभी में केंद्र अवलोकन पूरा हो चुका है। गौरतलब है कि इन संस्कार केंद्रों में सिर्फ एक ही शिक्षक होता है, जो प्राथमिक कक्षाओं के आदिवासी बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक जागरुकता के कार्यक्रम संचालित करता है।
अब संघ के रोजगार सृजन केंद्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब रोजगार के मुद्दे पर भी ध्यान दे रहा है। अगले सप्ताह चार दिन के प्रवास पर भोपाल आ रहे आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भोपाल सहित 16 जिलों में रोजगार सृजन केंद्रों का शुभारंभ करेंगे। भोपाल में यह केंद्र सी-13, शिवाजी नगर में खुलेगा। होसबाले यहीं से अन्य जिलों में ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे। स्वदेशी जागरण मंच के साथ 23 संगठनों का समूह इस पूरी योजना का संचालन कर रहा है। इसे ‘स्वावलंबी भारत अभियान नाम दिया गया है। देश में अब तक 55 रोजगार सृजन केंद्र शुरू हो चुके हैं। इनमें 2 भोपाल में हैं। अगस्त में भोपाल आए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सतीश कुमार ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में एक केंद्र शुरू किया था। पिछले महीने शारदा विहार में भी एक केंद्र शुरू हुआ है। स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संगठन मंत्री केशव दुबोलिया ने बताया कि 12 वीं पास युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए स्टार्टअप, मुद्रा लोन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना सहित राज्य की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। विषय विशेषज्ञों की भी सेवाएं ली जाएंगी। भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभागों के जिलों में ये रोजगार सृजन केंद्र शुरू किए जाएंगे।
वनवासी राम के सहारे बड़ा दांव
सियासी सरगर्मी के बीच वनवासी राम को लेकर संघ का काम भाजपा को मजबूत करेगा। वनवासी कल्याण परिषद के तहत इस पर काम हो रहा है। राज्य स्तरीय दफ्तर भी तैयार किया गया है। लोकार्पण सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के भोपाल दौरे के समय होगा। संघ का मानना है कि मिशनरी संस्थाएं आदिवासियों का धर्म बदलने का काम करती हैं। इस कारण वनवासी राम से जोड़कर आदिवासियों को हिन्दू बनाए रखा जाए। भाजपा और संघ के लिए राष्ट्रीय स्तर से भी 2018 के बाद से ही मप्र अहम केंद्र बना हुआ है। संघ के कई बड़े बौद्धिक आयोजन इस दौरान हो चुके हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी के मप्र से सटे जिलों में भी संघ ने कार्यक्रम किए हैं। आरएसएस का सहयोगी संगठन विद्याभारती मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों में धर्म जागरण, सामाजिक समरसता और शैक्षणिक गतिविधियों की जमीनी हकीकत पर आंतरिक रिपोर्ट तैयार करा रहा है। ताकि आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने और उनमें आध्यात्मिक जागरण का रोडमैप तैयार किया जा सके। हाल ही में विद्या भारती की सहयोगी संस्था जनजातीय क्षेत्र की शिक्षा के माध्यम से संस्कार केंद्र कार्य अवलोकन अभियान चलाया गया। इस अभियान से संघ के बड़े पदाधिकारी खुद आदिवासी आबादी के बीच इन संस्कार केंद्रों का निरीक्षण करने पहुंचे और दो दिन उसी गांव में ठहरे। मध्यभारत प्रांत के जिलों में यह कार्यक्रम 15 से 30 नवंबर के बीच किया गया। कुछ जिलों में यह अभियान अभी चल ही रहा है।