कागजी सड़क बनाकर सरकार को लगा दिया नौ लाख का चूना

अफसरों व ठेकेदारों पर दर्ज हुआ कई धाराओं में मामला दर्ज

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में निर्माण कामों से जुड़े विभागों में शामिल लोक निर्माण, जल संसाधन विभाग और आरईएस ऐसे सरकारी महकमे बन चुके हैं, जिनमें आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे मामलों में सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई के अभाव में अफसरों की मनमानी जारी है। ऐसा ही एक मामले का हाल ही में खुलासा हुआ है। इस मामले में अब लोकायुक्त संगठन पुलिस ने ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों, ठेकेदार और अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र, सरकारी धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला सड़क निर्माण में गड़बड़ी का है। अफसरों व ठेकेदारों के गठजोड़ ने हद करते हुए वन विभाग की सड़क पर कागजी सड़क बनाकर नौ लाख रुपए से अधिक का भुगतान तक कर डाला। दरअसल मामले की शिकायत होने पर जांच की गई तो पता चला कि जिस सड़क को पहले ही वन विभाग द्वारा बनाया जा चुका है उसी सड़क को कागजों में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने न केवल बनवा दिया बल्कि उसका भगुतान भी कर दिया। इस सड़क को कागजों में बना दिखाकर ठेकेदार को 9,34043 रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। इससे शासन को नौ लाख रुपए से अधिक की हानि हुई है। इस मामले की शिकायत लोकायुक्त संगठन की उज्जैन इकाई से देवास जिले के ग्राम चापड़ा के निवासी राम राठौर ने की थी। उन्होंने जांच एजेंसी से शिकायत कर कहा था कि ग्राम धाबडिय़ा से बाबड़ी खेड़ा के बीच मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के बीच सड़क का निर्माण किया गया था। उक्त सड़क का निर्माण साल 2012-13 में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा किया गया था। देवास के ग्रामीण यांत्रिकी – विभाग के तत्कालीन अधिकारियों और ठेकेदारों ने पद का दुरुपयोग कर सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया है। लोकायुक्त संगठन ने जब शिकायत की जांच की तब बड़ी गड़बड़ी सामने आ गई। पता चला कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने सड़क का निर्माण नहीं किया, बल्कि कागज में बनाकर ठेकेदार को उसका भुगतान कर दिया है। जांच में पाया गया कि 1650 मीटर सड़क का निर्माण रोजगार गारंटी योजना के तहत वन विभाग ने कराया था। चार जुलाई 2012 को सड़क विभाग के सुपुर्द कर दी गई थी। उसके बाद वन विभाग द्वारा बनाई गई सड़क को ग्रामीण यांत्रिकी विभाग देवास के अधिकारियों ने कराड़ा कांस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार के साथ मिलकर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ दिया और नए सिरे से सड़क का निर्माण दिखा दिया। वन विभाग द्वारा तैयार की गई सड़क पर ठीक दो महीने में यानी 5 सितंबर 2012 को सड़क का निर्माण दिखाकर विभाग के सुपुर्द कर दिया। जांच एजेंसी ने माना कि अफसरों पद का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदार के साथ आपराधिक षडय़ंत्र किया और ठेकेदार को 934043 रुपए का जबरन भुगतान कर दिया।
यह बनाए गए आरोपी
इस मामले की जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जेपी गौर, डीवी राणा, पीएस तोमर, एसएस सोलंकी, तत्कालीन उपयंत्री बीके आशापुरे, केएस गुरुदत्ता, मेसर्स कृष्णा कंसल्टेंसी जिला छतरपुर के टीम लीडर सुधीर सिंह, तत्कालीन प्रोप्राइटर राजेश गंगेले और कराड़ा कांस्ट्रक्शन सिल्वर अक्स कालोनी इंदौर के ठेकेदार कृष्णकांत कराड़ा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर आरोपी बनाया गया है।