सरकारी सुविधाओं और माध्यमों से संतुष्ट नहीं लोग
भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी।
मप्र में एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार और नकारा अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का सख्ती से पालन हो सके और सरकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को मिल सके। लेकिन अफसर ही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। हद तो यह है कि अफसर ग्रामीणों की समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचने ही नहीं दे रहे हैं। गौरतलब है कि इन दिनों मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं उनके सामने लोग अपनी समस्याओं के आवेदनों का अंबार लगा देते हैं। इससे मुख्यमंत्री भी हैरान और परेशान हैं। यही कारण है की लगभग हर दौरे और सभा के दौरान मुख्यमंत्री को कठोर कदम उठाना पड़ रहा है।
हर दिन दो सौ से अधिक भ्रष्टाचार के मामले
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तमाम प्रयासों के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में जन समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। परेशान और पीड़ित लोग सरकारी सुविधाओं और माध्यमों से संतुष्ट नहीं हैं। लगभग हर दिन दो सौ से अधिक भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन के नाम पर घोटाले हो रहे हैं और पेंशन के लिए बुजुर्ग दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम पंचायत बोचरो में तत्कालीन सचिव रमाकांत द्विवेदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसकी शिकायत बंशीलाल भुरतिया ने की। पूरे मामले की जांच सीईओ जनपद पंचायत ब्यौहारी ने की और 6 मार्च 2021 को सीईओ जिला पंचायत को रिपोर्ट सौंप दी। जांच में पाया गया कि तत्कालीन सचिव ने अपनी पत्नी के नाम पर मनरेगा योजना से 5,760 रुपए मस्टर रोल में निकाल लिए। हितग्राही रामकरण गोंड के नाम पर खेत तालाब स्वीकृत हुआ। 76,992 रुपए व्यय होना बताया गया, बावजूद मौके पर कार्य नहीं हुआ। किचिन शेड निर्माण में भी गड़बड़ी करना पाया गया। प्राथमिक पाठशाला भवन चीटीमार भवन में लगी सामग्री स्वयं के उपयोग में ले ली गई। शिकायत प्रमाणित पाए जाने के बाद भी सचिव पर अधिकारियों की मेहरबानी बनी हुई है। शहडोल जिले के सीईओ जिला पंचायत हिमांशु चंद्र इस मामले में गोलमोल जवाब देते हैं। पहले तो वे इस तरह की किसी जांच रिपोर्ट होने से इनकार करते हैं। इसके बाद कहते हैं कि आपके पास कोई दस्तावेज हों तो भेज दें, दिखवा लूंगा।
अफसर फाइल दबाकर बैठे
एससी बामनिया सेवानिवृत्त सहायक परियोजना प्रशासक बड़वानी ने बताया कि उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर ने दो माह में 24 वर्ष व 30 वर्ष क्रमोन्नति आदेश प्रसारित होने का निर्णय दिया था। परन्तु खेद है कि उन्हें आर्थिक स्वत्वों का भुगतान ही नहीं हुआ है। अवमानना याचिका लगाई फिर भी अफसर फाइल दबाकर बैठे हैं। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को पत्र लिखते हुए मार्गदर्शन मांगा है। लिखा है एससी बामनिया सेवानिवृत्त सहायक परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिम जाति विकास सेंधवा द्वारा उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में दायर याचिका के निर्णय 18 फरवरी 22 की प्रति उपलब्ध कराते हुए 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ देने का निवेदन किया है । बामनिया को नियमानुसार 24 व 30 वर्ष की क्रमोन्नति आयुक्त कार्यालय से दिया जाना है। वे दफ्तरों के 8 साल से चक्कर लगा रहे हैं।
समस्याओं की भरमार
भाजपा नेता राजेंद्र सिंह द्वारा की गई शिकायत में कहा गया है कि जुझारी जिला जबलपुर की राशन दुकान से लोगों को तीन माह में एक बार राशन दिया गया। इसमें 5 किलो गेहूं और 50 किलो चावल शामिल है। यह प्रक्रिया जुलाई 2021 से नवंबर 2022 तक जारी है। कुल 331 कार्डधारी राजेन्द्र सिंह ठगे जा रहे हैं। संचालक, खाद्य दीपक सक्सेना का कहना है कि राशन वितरण के नाम पर कोई गड़बड़ी होती है तो सीधे उन्हें शिकायत की जा सकती है। आम लोगों से मिली जानकारी पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। अशोकनगर के सोबरन सिंह यादव ने जानकारी भेजी है कि ग्राम खोरीबरी की सरकारी जमीन पर नल जल योजना के तहत टंकी रखी गई है, इसके ऊपर से 33 केवी की लाइन है एवं नीचे से पंचायत की बीएसएनएल की केबल है। मैं बार-बार मांग कर रहा हूं कि अवैध कब्जा हटाया जाए। खोरबरी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने नगर परिषद को पत्र लिखकर कहा है कि विद्यालय में न खेल मैदान है और न बाउंड्रीवॉल है। जबकि शाला की जमीन सरकारी रिकॉर्ड में है। स्कूल में असुरक्षा का माहौल बना रहता है।