सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच वैसे तो कई मामलों में तीखे
आरोप- प्रत्यारोप लगते रहते हैं , लेकिन मामला जब सदन के अंदर के आरोपों का हो और उसके साथ दस्ताबेज लहराएं जाएं तो मामला बेहद संगीन हो जाता है। अब कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा लगाए गए आरोपों को भाजपा की सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। यह मामला कहां तक जाता है, इस पर अब सभी की निगाहें लगी हैं।
भले ही विधानसभा का सत्र समाप्त हो चुका है , लेकिन अब भी सदन में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी द्वारा लगाया गया एक आरोप जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। इस आरोप को लेकर भाजपा व कांग्रेस में जमकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। अब इस मामले में कौन सही है या कौन गलत यह तो आरोप- प्रत्यारोप लगाने वाले नेता ही जाने, लेकिन भाजपा के पलटवार से यह भी सवाल बना हुआ है कि जिन कागजों के आधार पर जीतू पटवारी ने आरोप लगाए हैं, वह गलत जानकारी पर्यटन विभाग द्वारा दी गई है या फिर जीतू पटवारी द्वारा। इस मामले ने कितना तूल पकड़ लिया है इससे ही समझा जा सकता है कि प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सदन में विधानसभा में गलत तथ्यों के आधार पर सरकार और भाजपा पर आरोप लगाए हैं। पटवारी ने अपने नंबर बढ़ाने और पार्टी को बदनाम करने के लिए सदन का गलत उपयोग किया। इस मामल की भाजपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत करेंगे और मामले को प्रश्न एवं संदर्भ समिति में शिकायत दर्ज कराया जाएगा। गृहमंत्री ने अपने निवास पर पत्रकारों से कहा कि गुरुवार को सदन की बड़ी विचित्र स्थिति थी, जहां सरपंच और उपसरपंच दोनों ही गायब थे। उन्होंने कहा कि गांव और श्रेय लूटने की होड़ कोई तीसरा ही कर रहा था। बिना ड्राइवर और कंडेक्टर अविश्वास प्रस्ताव की गाड़ी चल रही थी। फिलहाल इस मामले में जमकर बयान युद्ध चल रहा है। इस मामले में जो दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं उसमें बीजेपी कार्यालय के नाम पर भुगतान का उल्लेख भी है। यह कागज पर्यटन विभाग के हैं , जिन्हें विभाग ने जीतू पटवारी को उपलब्ध कराए हैं। फिलहाल इस मामले में सच तो सामने आना ही चाहिए।
संसदीय कार्य एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी पर पलटवार किया और उन पर विधानसभा में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पटवारी ने परिशिष्ट-अ में लिखी बीजेपी कार्यालय में भोजन और नाश्ते की जानकारी तो बताई लेकिन उसका भुगतान भाजपा द्वारा किया गया यह तथ्य जीतू पटवारी ने छुपा लिया। हम उनके खिलाफ प्रश्न संदर्भ समिति में मामला लेकर जाएंगे और उन पर कार्रवाई की मांग करेंगे। जीतू ने सदन को गुमराह किया है। दरअसल कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने गुरुवार को विधानसभा में दस्तावेज दिखाते हुए बीजेपी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को सरकारी खर्च पर 90 बार नाश्ता और भोजन कराने का आरोप लगाया था। ये आरोपी उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के दौरान लगाया था। जिसके बाद सीएम ने तुरंत जीतू को जवाब देते हुए कहा था- धन्य हो महाप्रभु, मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि बीजेपी कार्यालय में सरकार का एक नया पैसा कार्यकर्ताओं के भोजन में नहीं लगाया गया। अंधेरे में लट्ठ मारते रहते हो मेरे मित्र।
जीतू ने विधानसभा में कहा था- मैं सदन के पटल पर यह जानकारी रखना चाहता हूं कि आपके विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी कार्यालय में 90 बार कार्यकर्ताओं को भोजन कराया गया। इसमें बीजेपी कार्यालय लिखा हुआ है और अधिकारियों का साइन किया हुआ है। यदि ये नकली हो तो मेरी सदस्यता निरस्त की जाए। यदि ये सही हो तो उन अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए जिन्होंने ये दिया है। मुझे पता था ये आएगा, आप कहो तो सदन के पटल पर रख सकता हूं। मीडिया को भी दे सकता हूं।
पर्यटन विकास निगम ने दी सफाई
मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ने विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस सदस्य के आरोपों को गलत करार दिया है। निगम के महाप्रबंधक चालन एसपी सिंह ने बताया कि आरोप लगाया गया कि 2014 से लेकर 2018 के बीच में मुख्यमंत्री निवास में हुए कार्यक्रमों में भाजपा की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में मप्र पर्यटन विकास निगम की ओर से स्वल्पाहार व भोजन का भुगतान शासकीय मद से किया गया है। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि इस विषय पर सभी पुराने अभिलेखों की पड़ताल की गई तो स्थिति स्पष्ट हो गई कि वर्ष 2014 से लेकर 2018 के बीच में मुख्यमंत्री निवास में जो भी आयोजन हुए, उनमें कतिपय आयोजन भाजपा कार्यालय के माध्यम से समय-समय पर कराए गए। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री निवास पर कराए गए कार्यक्रमों की सूची परिशिष्ट-अ के अनुसार दिया गया। इसका समस्त भुगतान भाजपा कार्यालय ने पलास रेसीडेंसी में स्वयं किया गया। उक्त अवधि में कोई भी राशि लंबित नहीं है। उदाहरण के लिए भेजे गए देयकों की छाया प्रतियां तथा उनकी ओर से किए गए भुगतान का विवरण परिशिष्ट-ब के अनुसार संलग्न है। उन्होंने कहा कि दस्तावेजी व अभिलेखों में स्वयंमेव प्रमाणित है कि आरोप पूर्णत: निराधार एवं भ्रामक है।
पटवारी ने परिशिष्ट ‘ब’ को छिपाया
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इससे बड़ा कोई झूठ नहीं हो सकता। ये परिपत्र-अ उन्होंने सदन के अंदर लहराया। इसमें जवाब में परिशिष्ट-अ और परिशिष्ट-ब लिखा हुआ है। ये परिशिष्ट-अ लहरा रहे थे। परिशिष्ट-ब में साफ तौर पर उसका भुगतान बीजेपी द्वारा किया जाना लिखा हुआ है। जब जीतू पटवारी मंत्री थे तब का प्रश्न है। उन्होंने अपनी सरकार से भाजपा को बदनाम करने के लिए ये उत्तर उस समय दिलवाया, क्योंकि 131 करोड़ का घोटाला जनसंपर्क में कमलनाथ की सरकार में हुआ था। उस मुद्दे से भटकाने के लिए ये प्रयास किया गया था। ये उनकी सरकार का सवाल था और उनकी सरकार के जवाब के होते हुए इस सवाल में बीजेपी कहीं नहीं थी। लेकिन सवाल में बीजेपी पूछा गया। इससे समझिए उनकी सरकार में भाजपा पूछने का क्या मतलब था। ये भाजपा को बदनाम करने का एक षड्यंत्र था और उसमें वे फंसे इसलिए क्योंकि जनसंपर्क विभाग और जीएडी(सामान्य प्रशासन विभाग) ने जानकारी निरंक लिख दी। ये होटल पलाश के सभी बिल भिजवा दिए। होटल पलाश में तो सरकार, पार्टी और सबके बिल जाते हैं। पार्टी की पूरी रसीदें हैं। ये सभी जानकारी परिशिष्ट ब में लिखी हुई हैं। आप लोग उसे देख सकते हैं।
जीतू के आरोप झूठे: वीडी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि भाजपा ने हमेशा से ही शुचिता की राजनीति की है। यह कांग्रेस नहीं है कि चीन से दलाली का पैसा लेकर अपने दल को चलाते होंगे। नेशनल हेराल्ड से लेकर अन्य बातें पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी का चरित्र कैसा है। इसका जवाब न तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी के पास है और दूसरे अन्य नेताओं के पास ही है। उन्होंने कहा कि विधायक जीतू पटवारी ने विधानसभा में सत्र के दौरान सदन में जो आरोप लगाएं हैं, वह पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं। हमारे पास साक्ष्य मौजूद हैं। प्रदेश दफ्तर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते से आज कहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी शुचिता की राजनीति करती है। ये भारतीय जनता पार्टी है, जो राष्ट्रवाद पर काम करती है न कि जीतू पटवारी का दल ।