चुनावी साल के लिए कांग्रेस का संकल्प
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। चुनावी वर्ष 2023 में मप्र कांग्रेस नए साल में नई सरकार के संकल्प के साथ मैदान में उतरने की तैयारी मे जुट गई है। नए साल के पहले दिन प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ता तिरंगा लेकर सड़कों पर निकलेंगे। महात्मा गांधी की प्रतिमा तक पदयात्रा कर सभा का आयोजन किया जाएगा। यहां नए साल में नई सरकार-कमलनाथ सरकार बनाने का संकल्प कांग्रेसजन लेंगे। नए साल के नए संकल्प को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर, प्रकाश जैन एवं प्रदेश महासचिव राजीव सिंह ने नए साल के संकल्पों की जानकारी मीडिया को दी। कांग्रेस ने नए साल के लिए नारे भी तैयार किए हैं। संकल्प दिवस पर प्रदेश के हर जिले में कांग्रेसजन नया साल-बदलो सरकार, नया साल-कमलनाथ सरकार के नारे लगाकर सत्ता परिवर्तन का संकल्प लेंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 2023 केवल चुनावी साल नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश में सरकार बदलने का भी साल है। प्रदेश की जनता भी कांग्रेस सरकार बनाने को संकल्पित है। तीनों वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि नए साल में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी एवं कमलनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश में हर वर्ग भाजपा सरकार से परेशान है। किसानों को उपज की कीमत नहीं मिल रही है तो युवा बेरोजगारी से परेशान हैं। आम आदमी महंगाई के बोझ से दबा जा रहा है तो महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। छोटे व्यापारियों के काम धंधे चौपट हो गए हैं। जीएसटी की मार से कोई वर्ग अछूता नहीं है। साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदेश सरकार पर हो चुका है। आत्महत्या के मामले हों या फिर अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों पर अत्याचार मध्य प्रदेश नंबर एक पर है। भ्रष्टाचार चरम पर है और स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल बेहाल हैं। पार्टी आगामी वर्ष में भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को हर स्तर पर उठाएगी। जन आक्रोश रैलियां की जाएंगी और जन आर्शीवाद से कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।
ये मुद्दे लेकर जनता के बीच जाएगी कांग्रेस
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासी अत्याचार में मध्यप्रदेश पूरे देश में नंबर एक पर है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश बच्चों के लिए देश का सबसे असुरक्षित प्रदेश है। बलात्कार और यौन शोषण के मामले में लगातर 4 वर्षों तक मध्यप्रदेश पूरे देश में नंबर एक पर रहा है। वैश्विक गरीबी सूचकांक में मध्यप्रदेश देश के सर्वाधिक गरीब राज्यों में शामिल है, अलीराजपुर जिला देश का सबसे गरीब जिला बन चुका है, खुशी सूचकांक की बात करें तो 36 राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश सबसे नीचे गिरकर 35वें नंबर पर है, स्वास्थ्य सूचकांक की बात करें तो 19 बड़े राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश सबसे नीचे गिरकर 17वें नंबर पर है, शिक्षा सूचकांक में 29 राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश 23वें नंबर पर है, उत्तरप्रदेश और बिहार को छोड़कर मध्यप्रदेश में सर्वाधिक 2.34 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। वहीं शिशु मृत्यु दर भी मध्यप्रदेश में सर्वाधिक है।
राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 33 है, जबकि मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर 43 है, मातृ मृत्यु दर में भी मध्यप्रदेश अव्वल है। राष्ट्रीय मातृ मृत्यु दर प्रति लाख प्रसव 130 है, परन्तु मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर प्रति लाख प्रसव 173 है, फसलों का क्षेत्रफल घट रहा है, हजारों शासकीय स्कूल बंद किये जा रहे है और स्कूल में प्रवेश लेने वाले छात्रों, मध्यप्रदेश पर वर्तमान में 3 लाख 32 हजार करोड़ का कर्ज है और 39,486 करोड़ का और कर्ज लिया जा रहा है, प्रदेश के हर व्यक्ति पर 40,000 से अधिक का कर्ज है। मध्यप्रदेश में पिछले कई वर्षों से कोई भर्ती परीक्षा नहीं हुई है, व्यापमं और ई-टेंडर जैसे हजारों करोड़ के घोटाले हुए हैं, आत्महत्या के मामले में भी मध्यप्रदेश ही अव्वल है, महंगाई और बेरोजगारी से लेकर घोटालों और अपराधों में पहले से ही बढ़त बनाये हुये हैं, सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल, सबसे महंगा वाहन पंजीयन, सबसे महंगी स्कूल शिक्षा, सबसे महंगी बिजली, सबसे महंगी खाद्य सामग्री, सबसे महंगी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी मध्यप्रदेश कुख्यात है। कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाला जा चुका है। चयनित शिक्षक नियुक्ति के इन्तजार में आत्महत्या कर रहे हैं, यहां संविदा कर्मियों का कोई भविष्य नहीं है, अधिकांश आयोगों में ताले लगे हैं।
कामचोर-निष्क्रिय पदाधिकारी होंगे पद मुक्त
कांग्रेस के कमजोर संगठन को मजबूत करने की कवायद चल रही है। इसके लिए बूथ स्तर पर काम करने की प्लानिंग की जा रही है, ताकि वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिले और सत्ता में फिर से आने का सपना पूरा हो सके। संगठन मजबूती के लिए सबसे पहले ब्लॉक, मंडलम् और सेक्टर के उन पदाधिकारियों को पद मुक्त करेगा, जो पद मिलने के बाद से न तो काम कर रहे और न ही सक्रिय हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने हमेशा एक ही बात कही है कि हमारी लड़ाई भाजपा नेताओं से नहीं। उसके मजबूत संगठन से है, इसलिए कांग्रेस संगठन को भी मजबूत करना जरूरी है। यह तभी संभव है जब जिला और शहर अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी बूथ स्तर पर कार्यकतार्ओं को संगठित कर काम करें। कांग्रेस के कमजोर संगठन को मजबूत करने की बात नाथ समझ गए, लेकिन जिला अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी नहीं समझ पाए। इसका परिणाम जुलाई 2022 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में देखने को मिला गया। निकाय चुनाव में कांग्रेस का परफॉर्मेंस अच्छा न होने पर शायद प्रदेशाध्यक्ष नाथ को समझ आ गया कि कमजोर संगठन के भरोसे वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव नहीं जीता जा सकता, इसलिए उन्होंने कमजोर संगठन को मजबूत करने की कमान अपने हाथ में ले ली। इसके चलते अब सबसे पहले उन ब्लॉक और मंडलम् अध्यक्षों सहित सेक्टर प्रभारियों को पद मुक्त किया जाएगा, जो न तो काम कर रहे हैं और न ही सक्रिय हैं।
ऐसा रहेगा कार्यक्रम
संकल्प दिवस के रूप में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए पीसीसी के पदाधिकारियों ने बताया कि 1 जनवरी को पूर्वान्ह 11 बजे से तिरंगे झण्डे के साथ जिला कांग्रेस कमेटियों द्वारा कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पैदल यात्रा होगी। यात्रा की समाप्ति पर सभा आयोजित की जाएगी। सभा में जनता को प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों की जानकारी दी जाएगी। इसमें बेरोजगारी, मंहगाई, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, महिलाओं व आदिवासियों, छोटे व्यापारी व छोटे उद्योग धंधे करने वाले सरकार की नीतियों के कारण परेशान हैं, लघु उद्योग बंद हो रहे है, किसानों को उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, उर्वरक व खाद महंगे हो गए है, किसान त्रस्त हैं, भ्रष्टाचार चरम पर है। इन जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस संघर्ष का संकल्प लेगी। कांग्रेस लगातार धरना-प्रदर्शन करेंगी, जन जन आक्रोश रैलियों का आयोजन किया जाएगा। सभाओं तथा प्रचार-प्रसार के जरिये भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।