रेलवे इंजीनियरिंग और कम्पोनेंट क्लस्टर से लेकर फार्मा क्लस्टर तक पर होगा काम
मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश की राजधानी के चारों तरफ बनाए गए औद्योगिक क्षेत्रों में अब एक बार फिर बड़ा निवेश आने वाला है, जिससे आसपास के लोगों के लिए रोजगार के नए द्वारा खुल जाएंगे। खास बात यह है कि यह निवेश किसी एक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में आने वाला है। इसके अलावा कई कंपनियां प्रदेश के अन्य इलाकों में भी निवेश की तैयारियां तेजी से कर रही हैं। अगर राजधानी की बात की जाए तो भोपाल के आसपास विकसित किए गए नए औद्योगिक क्षेत्रों में आगामी कुछ सालों में 1093 करोड़ का निवेश आने वाला है, जिससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
खास बात यह है कि यह निवेश रेलवे इंजीनियरिंग और कम्पोनेंट क्लस्टर, फार्मा क्लस्टर, मल्टी प्रोडक्ट क्लस्टर, ग्लास, टाइल्स, लॉजिस्टिक, स्टील इंजीनियरिंग और एग्रीकल्चर इम्पलीमेंट्स, फर्नीचर क्लस्टर, फूड क्लस्टर में आने वाला है। इस संबंध में उद्योगपतियों की तरफ से आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन भोपाल जिला उद्योग केंद्र की तरफ से कराए जा चुके हैं। इसमें भी पहली बार रेलवे कम्पोनेंट क्लस्टर, फार्मा, ग्लास क्लस्टर शामिल हुए हैं। गोविंदपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया में आठ से दस लोग रेलवे कोच कम्पोनेंट बनाते हैं। इनको अगरिया छापर में पांच एकड़ जमीन दी जा रही है। यहां छह इकाई लगाई जाएंगी, जिसमें 500 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ा जाएगा।
मारूकॉम प्लास्टिक क्लस्टर के प्रॉपराइटर नीरज शुक्ला के मुताबिक भविष्य की कृषि में काफी बदलाव होने वाले हैं। सिंचाई सिस्टम को और अपडेट करने की जरूरत है। नए तरीके के पम्प बनाने के साथ सिंचाई के हल्के और उच्च गुणवत्ता के पाइप बनाए जाएंगे। नीरज बताते हैं कि आगे हर सेक्टर में कई बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में कृषि के बदलावों की चुनौतियों के लिए बड़े निवेश की जरूरत है। इसलिए क्लस्टर में शामिल हुए हैं। अचारपुरा, अगरिया छापर, अजामपुरा व अन्य स्थानों पर उद्योगों के लिए दी जा रही जमीनों में सबसे ज्यादा रोजगार स्टील इंजीनियरिंग सेक्टर एंड एग्रीकल्चर इंपलीमेंट्स में दिया जाएगा। आॅनलाइन आवेदन करने वाली कंपनियों की तरफ से इसमें 2200 लोगों को रोजगार स्टील में 100 करोड़ निवेश के साथ 2200 लोगों को रोजगार दिए जाने। वहीं प्लास्टिक 514 करोड़ निवेश के साथ 2100 लोगों को जॉब की जानकारी दी गई है।
झाबुआ में बन रहा खाद बनाने का संयंत्र
इंडियन फास्फेट लिमिटेड द्वारा झाबुआ जिले के मेघनगर में 200 करोड़ रुपये की लागत से संयंत्र की स्थापना की जा रही है। इससे मध्य प्रदेश में किसानों को एसएसपी और डीएपी के लिए अन्य प्रदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सिंगल सुपर फास्फेट के संयंत्र से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इंडियन फास्फेट लिमिटेड सागर जिले में डीएपी प्लांट के लिए भी निवेश कर रहा है। झाबुआ और सागर के संयंत्र में लगभग 400 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसी तरह से मेसर्स ग्रीनको ग्रुप द्वारा नीमच जिले के गांधी नगर में 7200 करोड़ रुपये की लागत से 1440 मेगावाट का पंप्ड स्टोरेज प्लांट लगाया जा रहा है। हाइड्रो पावर को बढ़ावा देने की यह महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके शुरू होने से विद्युत दरों में उल्लेखनीय कमी की भी संभावना है। ग्रीनको ग्रुप की सहयोगी कंपनी पनारी एनर्जी पन्ना में पंप स्टोरेज के प्रोजेक्ट के लिए इच्छुक है। इससे लगभग 2500 लोग रोजगार से जुड़ेंगे।
सीहोर में 250 करोड़ का निवेश करेगी आटीसी
आइटीसी लिमिटेड द्वारा सीहोर जिले के औद्योगिक क्षेत्र बढ़ियाखेड़ी में 250 करोड़ रुपये के नवीन निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे करीब 200 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इसी तरह से मेसर्स सिद्धायु लाइफ साइंसेज (बैद्यनाथ) द्वारा छिंदवाड़ा जिले में खैरीटैगांव में जड़ी-बूटियों से दवाओं के निर्माण के लिए 125 करोड़ रुपये की लागत से इकाई शुरू करने की तैयारी है। इससे 2250 लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, इससे जनजातीय वर्ग को विशेष रूप से लाभ होगा।
भविष्य में कोच बनाने की प्लानिंग
कंपनी सीमा इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर ताहिर खान ने बताया कि उनके पास लखनऊ स्थित रेलवे के इंजीनियरिंग कार्यालय से डिजाइनें आती हैं। वे इन डिजाइनों से कोच कम्पोनेंट तैयार कर उन्हें आइसीएफ , इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चेन्नई और कपूरथला भेजते हैं। भविष्य में उनकी कोच बनाने की प्लानिंग है। इस कारण वे क्लस्टर में शामिल हुए हैं।
चार बड़ी कंपनियां भी करेंगी 7775 करोड़ का निवेश
प्रदेश में चार बड़ी कंपनियां प्रदेश में निवेश की योजना पर काम कर रही हैं। इनमें इंडियन फास्फेट लिमिटेड 200 करोड़ रुपये, ग्रीनको गांधी नगर में 7200 करोड़ रुपये, आइटीसी कंपनी औद्योगिक क्षेत्र बढिय़ाखेड़ी में 250 करोड़ रुपये और मेसर्स सिद्धायु लाइफ साइंसेज (वैद्यनाथ) छिंदवाड़ा जिले के खैरीटैगांव में 125 करोड़ का निवेश करेगी। यह कुल मिलाकर 7775 करोड़ होता है, जिससे प्रदेश में 5350 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए निवेशक पूर्व में ही अपने प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दे चुके हैं।