इसी माह रवाना होगी रामेश्वरम के लिए पहली ट्रेन.
मंगल भारत। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे नेता हैं जिन्हें महिलाएं अपना भाई तो बच्चे मामा कहते हैं, लेकिन अब बुजुर्ग उन्हें अपना बेटा भी मानने लगे हैं। इसकी वजह है उनके द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा। इस यात्रा पर प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद लगभग विराम लग गया था। लेकिन प्रदेश की सत्ता हाथ में आने के बाद जैसे ही कोरोना से मुक्ति मिली, फिर से नए प्रावधानों के साथ इस योजना को हरी झंडी दे दी गई थी। अब इस योजना के तहत पहली ट्रेन नए साल में 21 जनवरी को रामेश्वरम को रवाना होने जा रही है। इसकी वजह से एक बार फिर से सीएम शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों के लिए श्रवण कुमार बनने जा रहे हैं। सरकार की योजना फिलहाल प्रदेश के 20 हजार श्रद्धालुओं को तीर्थ दर्शन कराने की है। इसके लिए अब 20 नई ट्रेनें चलाएगी।
यह ट्रेनें मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत चलाई जाएंगी। यह ट्रेनें 21 जनवरी से 3 अप्रैल तक चलेंगी। योजना के पहले चरण में बड़वानी व शाजापुर जिले के बुजुर्ग यात्रियों के लिए 21 जनवरी को रामेश्वरम के लिए रवाना किया जाएगा। इन जिलों के यात्री इंदौर व शाजापुर स्टेशन से ट्रेन में बैठेंगे, तो वहीं रायसेन जिले के बुर्जुग तीर्थ यात्रियों के लिए 16 मार्च को कामाख्या पीठ के लिए ट्रेन रवाना की जाएगी। यह ट्रेन औबेदुल्लागंज, रानी कमलापति व भोपाल स्टेशन पर हाल्ट लेकर जाएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस योजना के तहत दिसंबर व जनवरी माह (मकर संक्रांति के समय) तीर्थ दर्शन ट्रेन चलाई जाने की तैयारी थी, लेकिन इन दिनों सर्दी अधिक पड़ने और बुर्जुगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों के शेड्यूल को थोड़ा आगे बढ़ाया गया। गौरतलब है कि शिवराज सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बुर्जुगों और विकलांग नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत 2012 में शुरू किया गया था। 3 सितंबर साल 2012 में भोपाल से रामेश्वरम प्रथम तीर्थ दर्शन रेल चलाई गयी थी।
इन जिलों के यात्री कर सकेंगे तीर्थ यात्रा
बड़वानी, शाजापुर, पन्ना, धार, सिंगरौली एवं सीधी, सिवनी, मंडला, बड़वानी, आगर- मालवा, राजगढ़, खरगौन, सीहोर, रायसेन व झाबुआ आदि जिलों के बुजुर्ग तीर्थ यात्री पहले चरण में यात्रा कर सकेंगे। लेकिन इसके लिए ट्रेनों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता के साथ मास्क का पालन करना पड़ेगा।
तो वहीं प्रदेश के 60 वर्ष के पुरुष और 58 वर्ष की महिला या उससे अधिक आयु के नागरिक जो आयकर दाता नहीं हैं, कई नागरिक अपने घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते हैं, ऐसे में सरकार द्वारा उन्हें नई सौगात दी गयी है, जिसमें नागरिकों को निशुल्क तीर्थ यात्रा करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसमें आवेदक की आयु 60 वर्ष या फिर उससे ज्यादा होनी चाहिए। इसके साथ ही इस मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना 2023 में 60 फीसदी से अधिक विकलांग के लिए आयु का कोई बंधन नहीं रखा गया है। यह लोग अपने साथ देखभाल के लिए एक सहायक को भी ले जा सकते ह। इसमें लाभार्थी के साथ सहायक की पात्रता में यात्री की आयु 65 साल से ज्यादा होनी चाहिए। योजना के अंतर्गत समूह बनाकर भी लोग तीर्थ यात्रा पर जा सकते है, 3 से 5 व्यक्तियों के समूह में एक सहायक जा सकता है। तीर्थ दर्शन यात्रा में नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती है, जिसमें स्पेशल ट्रैन से यात्रा, खाना पीना, रुकने की व्यवस्था, आवश्यक जगहों पर बस से यात्रा, गाइड एवं अन्य सुविधाएं शामिल है।
यह तीर्थ हैं शामिल
योजना में जिन तीर्थों को शामिल किया गया है उनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, शिर्डी, तिरुपति, अजमेर शरीफ, काशी(वाराणसी), गया, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद शिखर, श्रवणबेलगोला, वेलाकानी चर्च (नागपट्टनम ), रामदेवरा, जेसलमेर गंगासागर- कामाख्या देवी, गिरनार जी, पटना साहिब, मध्य प्रदेश के तीर्थ स्थल – उज्जैन, मेहर, श्री रामराजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मुडवारा। रामेश्वरम – मदुरई, तिरुपति – श्री कालहस्ती , द्वारका – सोमनाथ, पूरी – गंगासागर, हरिद्वार – ऋषिकेश, अमृतसर शामिल हैं।
बीते साल भी अप्रैल में चलाई थीं ट्रेनें
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई वरिष्ठ जनों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती है। उनके लिए प्रदेश सरकार की ओर से तीर्थ यात्रा कराने के लिए अलग-अलग चरणों में तीर्थ दर्शन ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके पहले पिछले साल अप्रैल 2022 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हजारों बुजुर्ग यात्रियों को तीर्थ दर्शन कराए थे। इसके बाद तीर्थ दर्शन ट्रेनें लगातार चलाई जा रही हैं।