सरकार इस साल दे सकती है दो किस्तों में डीए की किस्तें
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। डीए को लेकर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों से पीछे चल रहे प्रदेश के कर्मचारियों की अब इस साल बल्ले- बल्ले रहने वाली है। हाल ही में प्रदेश के कर्मचारियों को शिव सरकार द्वारा चार फीसदी डीए दिया गया है, इसके बाद अब एक बार फिर से सरकार ने आठ फीसदी डीए देने की तैयारी शुरु कर दी है। फिलहाल प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। डीए की नई किस्त देने के लिए ही आगामी वित्तीय वर्ष में 46 प्रतिशत के हिसाब से विभागों को राशि उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसी तरह वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए स्थापना व्यय में तीन प्रतिशत अतिरिक्त राशि विभागों को स्थापना व्यय मद में वृद्धि की जा रही है। अभी प्रदेश सरकार बजट का 36.39 प्रतिशत हिस्सा वेतन-भत्ते और पेंशन पर खर्च कर रही है। इसमें 26.47 प्रतिशत हिस्सा वेतन-भत्ते और 9.92 प्रतिशत पेंशन खर्च का है। पेंशन का खर्च तो घट रहा है लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष में वेतन-भत्ते का व्यय बढ़ना तय है। इसकी वजह है प्रदेश सरकार द्वारा एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर की जाने वाली भर्ती है। इनमें से अधिकतर पदों पर इस साल अगले छह माह में भर्ती हो जाएगी। यही कारण है कि वित्त विभाग ने सभी विभागों से वेतन-भत्ते में व्यय होने वाली राशि का आंकलन करके स्थापना व्यय प्रस्तावित करने के लिए कहा है। इसके अलावा महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 46 प्रतिशत किया जाना है। इसके लिए सभी विभागों के बजट में प्रविधान किया जाएगा। इसके साथ ही वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए तीन प्रतिशत के हिसाब से अतिरिक्त राशि विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी।
हाल ही में बढ़ाया गया है चार फीसदी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में प्रदेश के कर्मचारियों को चार फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाया जा चुका है। इससे राज्य के पांच लाख नियमित कर्मचारियों को फायदा हुआ है। इसका भुगतान इसी माह किया जा रहा है। अभी डीए केंद्र सरकार के पेंशनरों की तुलना में पांच प्रतिशत कम है। इस वृद्धि से कर्मचारियों को प्रतिमाह न्यूनतम नौ सौ रुपये से लेकर साढ़े छह हजार रुपये तक का लाभ होगा। वहीं, सरकार के खजाने पर वार्षिक 1400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई 2022 से 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। उधर, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का महंगाई भत्ता एक जुलाई 2022 से चार प्रतिशत बढ़ाकर 38 प्रतिशत किया गया है। इन्हें एरियर भी मिलेगा, लेकिन राज्य के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की वृद्धि जनवरी 2023 से दी गई है। जबकि, कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों को जब से महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ दिया गया है, तब से ही प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे। पहले ऐसा ही होता था।
एक प्रतिशत महंगाई भत्ता पर आता है चार सौ करोड़ का भार
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक प्रतिशत महंगाई भत्ता व राहत बढ़ाने पर लगभग चार सौ करोड़ रुपयेे का वार्षिक वित्तीय भार सरकार पर आता है। कर्मचारियों को अभी 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है तो पेंशनर को 33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत दी जा रही है। प्रदेश में साढ़े सात लाख अधिकारी-कर्मचारी और साढ़े चार लाख पेंशनर हैं।