बजट: विकास पर सरकार का अफसरों के साथ मंथन

केंद्रीय बजट की भी राज्य को लेकर समीक्षा…

भोपाल/मनीष द्विवेदी। आत्मनिर्भर मप्र की योजना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय बजट की समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को केंद्रीय योजनाओं में प्रदेश को मिलने वाली राशि और नई योजनाओं का लाभ उठाने संबंधी ब्योरा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि एक फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत होने के बाद उसमें किस विभाग की केन्द्र प्रवर्तित योजना के लिए कितना बजट मिलना अनुमानित है, इसको लेकर सभी विभागों के अफसरों के साथ चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री यह पूछेंगे कि वर्तमान में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में निरंतर होंने पर भारत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी रहेंगी। इसके अलावा नवीन प्रवर्तित योजनाओं और नवीन केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत भारत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी है। चुनावी साल में सरकार का पूरा फोकस विकास पर है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत पिछले तीन साल में प्राप्त बजट और अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित बजट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी विभागों के अफसरों से चर्चा कर और संतुलित खर्च को लेकर उनसे बात कर रहे हैं। प्रदेश सरकार का फोकस है की चुनावी साल में केंद्रीय बजट के आधार पर विकास का ऐसा खाका तैयार किया जाए जिसे समय सीमा में पूरा किया जा सके।
हर मद में मिले बजट का हो समुचित उपयोग
प्रदेश सरकार की कोशिश है कि चुनावी साल में सरकार हर क्षेत्र में विकास की गति को तेज करे। इसके लिए केंद्रीय बजट से मिले फंड का आंकलन कर आगे का खाका तैयार किया जाएगा। गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम में वर्ष 22-23 में 73 हजार करोड़ का बजट मिला था बाद में संशोधित बजट 89 हजार 400 करोड़ प्राप्त हुआ है यह वर्ष 21-22 के 98 हजार 468 करोड़ से कम है। इस साल इस मद में केवल साठ हजार करोड़ रुपए केन्द्र ने दिए है। इसलिए ग्रामीण अंचलों में बेरोजगार लोगों को रोजगार गारंटी में इस साल कम खर्च करना होगा। इसी तरह राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में इस वर्ष 9 हजार 652 करोड़ रुपए मिले है अगले साल यह बजट 9 हजार 636 करोड़ तक सीमित किया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ के लिए बजट 19 हजार करोड़ यथावत रखा गया है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में मौजूदा बजट 12 हजार 800 करोड़ की अपेक्षा 11 हजार 600 करोड़ रुपए रखा गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में साठ हजार करोड़ का बजट यथावत रखा गया है। किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्धन के लिए 955 करोड़ रुपए यथावत रखे गए है। नाभिकीय ईंधन परियोजना में बजट 800 करोड़ से घटा कर 764 करोड़ रुपए कर दिया गया है। अनुसंधान एवं विकास परियोजना में बजट 970 से घटा कर 840 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यूरिया सब्सिडी भी 1 लाख 54 हजार 98 करोड़ से घटाकर 1 लाख 31 हजार 100 करोड़ कर दिया गया है। अल्पसंख्यक विकास अम्ब्रेला कार्यक्रम में 530 करोड़ इस साल था अगले साल यह 610 करोड़ रुपए होगा। वंचित समूहों के विकास के लिए अम्ब्रेला कार्यक्रम में राशि मौजूदा 1921 करोड़ से 2194 करोड़ रुपए हो गया है। अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए अम्ब्रेला कार्यक्रम में बजट बढ़ाकर 4 हजार 295 करोड़ रुपए कर दिया गया है। अनुसूचित जाति के विकास के लिए भी बजट बढ़ाकर 9 हजार 409 करोड़ रुपए किया गया है।