प्रदेश में बीते दो दिनों से शिव गणों की धडक़ने बढ़ी हुई हैं।
हालात यह हंै कि यह मंत्री अब अपने क्षेत्र का दौरा बीच में ही छोडक़र भोपाल में डेरा जमाए हुए हैं। वे अपने-अपने स्तर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो दिन पूर्व सभी मंत्रियों को 19 फरवरी को सुबह नौ से रात नौ बजे तक भोपाल में ही रहने का निर्देशों की वजह तलाशने में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें कोई पुख्ता कारण हाथ नहीं लग पा रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री की तरफ से भेजे गए संदेश में भी यह स्पष्ट नहीं था कि मंत्रियों को भोपाल में अचानक 12 घंटे तक रहने के लिए क्यों कहा गया है ? सीएम के इस मैसेज के बाद से ही मंत्रियों की संासे ऊपर नीचे हो रही हैं। अब मंत्रियों को लग रहा है कि कहीं चुनावी साल में उन्हें मंत्री पद से कहीं बाहर नहीं दिया जाए। अगर ऐसा होगा तो उनकी इलाके में बदनामी हो जाएगी और इसका असर चुनाव में भी पड़ सकता है। यही वजह है कि सीएम के भोपाल में रहने के निर्देश के बाद से मंत्रियों का संघ कार्यालय समिधा पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया है। बीते दो दिन में एक दर्जन मंत्री एक-एक कर संघ कार्यालय समिधा पहुंचकर संघ के क्षेत्र प्रचारक दीपक बिस्पुते समेत अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। खास बात यह है कि इनमें से कई मंत्री तो ऐसे हैं, जो पहली बार संघ के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे हैं। इन मंत्रियों द्वारा यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि आखिर क्या वजह है कि अचानक उन्हें दिन भर के लिए भोपाल बुलाया जा रहा है? चूंकि मुख्यमंत्री बुधवार को नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद मंत्रियों को भोपाल में उपस्थित रहने के निर्देश दिए थे, इसलिए मंत्री समिधा पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि इनमें वे मंत्री अधिक हैरान परेशान बने हुए हैं, जिनके बारे में संगठन से लेकर मुख्यमंत्री और संघ के पास निगेटिब फीडबैक अब तक बना हुआ है। ऐसे मंत्रियों को हटाने की अटकलें समय-समय पर लगती रही हैं। चंूकि अब प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर भी चर्चाओं को दौर तेज है, जिसकी वजह से भी कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है। गौरतलब है कि विधानसभा के सदस्यों की संख्या के मान से प्रदेश में कुल 35 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री है, ऐसे में महज चार पद ही रिक्त चल रहे हैं। इसकी वजह से अब चार विधायकों को ही मंत्री बनाया जा सकता है।
संघ प्रमुख का भी तीन दिन का प्रवास…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 19 से 21 फरवरी तक उज्जैन में रहेंगे। वे प्रांत के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ सालभर के काम-काज की समीक्षा कर आने वाले साल के टारगेट तय करेंगे। मप्र सरकार के कामकाज की भी समीक्षा होगी। इसे विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोडक़र देखा जा रहा है। बैठकों का आयोजन महाकालेश्वर मंदिर के समीप स्थित माधव सेवा न्यास परिसर में होगा। बैठकों में शामिल होने वाले पदाधिकारी उसी दिन उज्जैन पहुंचेंगे।
होगा सामूहिक वृक्षारोपण
मुख्यमंत्री पिछले दो साल से हर दिन पौधरोपण कर रहे हैं। रविवार को इस अभियान के 2 साल पूरे होने पर उन्होंने भोपाल के महावीर मेडिकल कॉलेज परिसर में अपने मंत्रिमंडल और बड़ी संख्या में आमंत्रित अन्य गणमान्य लोगों के साथ पौधरोपण में शामिल होंगे। इस मेगा आयोजन में आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है। आयोजन में एक हजार से अधिक अतिथियों को बुलावा भेजा गया है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ दोपहर भोज भी करेगें। खास बात यह है कि इस दौरान भोपाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
गुजरात फार्मूला की संभावना
गुजरात में चुनाव से एक साल पहले पूरी कैबिनेट को बदल दिया गया था, पुराने मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई थी। मध्य प्रदेश में भी चुनाव के लिए आठ माह का समय बचा है। पिछले 20 सालों के बीजेपी की सरकार है। इसमें अधिकांश पुराने नेता की बड़े मंत्रालय संभाल रहे हैं। उपचुनाव में सिंधिया समर्थकों की जीत के बाद कांग्रेस से आए विधायकों को भी मंत्रिपद दिया गया, इससे बीजेपी के अंदर ही बौखलाहट का दौर है। वहीं एंटी इनकमवेंसी भी बनी हुई है। ऐसे में कई मंत्रियों को हटाया जाना बीजेपी की मजबूरी मानी जा रही है। मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्तर पर सर्वे हो रहे हैं। शिवराज सरकार के लिए सर्वे करने वाला अटल बिहारी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान अलग-अलग विधानसभा में सर्वे करके वर्तमान विधायकों की कार्यप्रणाली पर सर्वे करवा रहा है। वहीं, आरएसएस भी संगठन स्तर पर सर्वे को अंजाम दे रहा है। कई निजी एजेंसियां भी जनता से फीडबैक ले रही हैं।
पहुंचा कल शाम को कैबिनेट बैठक का मैसेज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शनिवार शाम 6 बजे मंत्रालय में होगी। कैबिनेट बैठक के संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय से सभी मंत्रियों को मैसेज भेजा गया है। अभी कैबिनेट बैठक का एजेंडा मंत्रियों को नहीं भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री चौहान मंत्रियों से आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के संबंध में चर्चा करेंगे। साथ ही विकास यात्रा ,लाड़ली बहना योजना के अलावा बजट में किए जाने वाले प्रावधानों को लेकर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी जा सकती है।