अब बिसेन भी हुए मुखर, अपनी ही सरकार पर किया हमला

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ
आदिवासी नेता, पूर्व कृषि मंत्री व अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग और बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन भी अब अपने कुछ साथी विधायकों की तरह मुखर होने लगे हैं। उनके द्वारा सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर अपनी ही सरकार की लाइन से हटकर संघर्ष का ऐलान कर दिया गया है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें वे अपनी ही सरकार के खिलाफ हमला करते दिख रहे हैं। वे कह रहे हैं कि भले ही मुझे पार्टी से निकाल दें या पद से हटा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता। यह वीडियो बालाघाट के लालबर्रा स्थित कृषि मंडी में प्रदेश सरकार की विकास यात्रा के दौरान ग्रामीणों और भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय का बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा की प्रेस ने मुझसे पूछा कि आप आयोग अध्यक्ष हो आपका सबको संरक्षण होता है, तो पुरानी पेंशन के बारे में आपकी क्या राय है.. मैंने कहा कि जिस तरह से बुढ़ापे में पति को पत्नी की आवश्यकता है। पत्नी को पति की आवश्यकता है, उसी तरह से कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की आवश्यकता है.. मेरी आवाज को दिल्ली तक पहुंचाओ.. मेरे लाखों साथियों को पुरानी पेंशन दिलाओ.. मुझे पार्टी निकाल देगी कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझसे पार्टी पद छीन लेगी कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन आपके घर का चूल्हा नहीं जलेगा तो फर्क पड़ता है.. बेटे आपको पा लेंगे, लेकिन कई बेटे होते हैं जो परेशानियों में डालते हैं। मैं आज से पुरानी पेंशन को लेकर लड़ाई लडऩे को तैयार हूं.. पुरानी पेंशन लागू करो.. पुरानी पेंशन लागू करो।
कर्मचारियों ने भी दी चेतावनी
चुनावी साल में राज्य सरकार को अब प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों ने धमकी दी है। आंदोलनरत कर्मचारियों ने पेंशन नहीं तो वोट नहीं का ऐलान किया है। कर्मचारियों की इस मांग के समर्थन में कांग्रेस भी खड़ी हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की सरकार बनने पर पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया है। कर्मचारियों का कहना है कि सांसद, विधायकों को पेंशन तो कर्मचारियों को क्यों नहीं। प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। मध्यप्रदेश में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के लिए आंदोलन चला रहे हैं। पड़ोसी राज्यों को देखते हुए शिवराज सरकार टेंशन में है।