एक तरफ प्रदेश के कई आइएएस अफसरों ने जहां भोपाल
सहित प्रदेश के कई इलाकों में अनेक संपत्तियों में निवेश कर रखा है, वहीं कई अफसर ऐसे भी हैं, जिनकी राजधानी भोपाल में एक भी संपत्ति नही है। यही वजह है कि उन्हें अब तो साथी अफसरों की तुलना में गरीब तक कहा जाने लगा है। यह बात अलग है कि सूबे के अधिकांश आइएएस अफसर संपत्ति की पूरी तरह से जानकारी देने में संकोच करते हैं, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नही है। कई दूसरे राज्यों में तो आइएएस अफसर जेवर, गिफ्ट सहित अन्य सामानों तक की पूरी जानकारी देते हैं। इसकी वजह है उनकी मंशा पूरी तरह से पारदर्शी होने की रहती है। इसके उलट मप्र में अखिल भारतीय सेवा के अफसर महज अचल संपत्ति में शामिल जमीन और मकान की ही जानकारी देकर इति श्री कर लेते हैं।
दरअसल यही वह संपत्ति होती है जिसको छिपाया नहीं जा सकता है। प्रदेश के इन अफसरों द्वारा दी गई जानकारी में अधिंकाश अफसरों के पास कृषि भूमि की जानकारी दी गई है। इसमें भी बेहद अहम बात यह है कि कुछ अफसरों के पास भले ही रहने के लिए घर नहीं है , लेकिन उनके पास लाखों-करोड़ों की जमीन जरूर है। दी गई जानकारी में कई सनसनीखेज बात यह है कि जब जमीनों व अन्य प्रापर्टी के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, ऐसे में न केवल कई अफसरों की संपत्ति के दाम कम होना बताया गया है, बल्कि किराया तक कम बताया गया है। यह जानकारी सामने आयी है प्रदेश कॉडर के आईएएस अफसरों द्वारा वर्ष 2023 की वार्षिक प्रॉपर्टी डिटेल अपलोड करने से। प्रदेश में जहां जमीनों और घरों की कीमतों में दस गुना तक का इजाफा हो चुका है, लेकिन अधिकांश आईएएस अफसरों की प्रॉपर्टी की कीमतें लगातार कई सालों से स्थिर बनी हुई हैं, तो कुछ के दाम कम हो गए हैं। यही नहीं कुछ अफसरों द्वारा अपनी संपत्ति को बेचना भी बताया गया है। इसके उलट कई अफसरों की संपत्ति की कीमत में अच्छी बढ़ोत्तरी भी हुई है। इसके बाद भी सूबे के कई युवा आईएएस अफसरों ने सीनियर अफसरों को पीछे छोड़कर अपने लिए व्यक्तिगत अशियाने खरीद लिए हैं।
संपत्ति बनाने में मारी बाजी…
सूबे के युवा आइएएस अफसरों में शामिल शशांक मिश्रा, भरत यादव, शिल्पा गुप्ता, मयंक अग्रवाल, साकेत मालवीय, हर्ष सिंह, जे. रीमा, जयति सिंह, प्रीति यादव, राखी सहाय, श्यामवीर, तपस्या परिहार, नवजीवन विजय आदि ने सम्पत्ति खरीदने में बाजी मारी है।
इन्होंने नहीं खरीदी प्रॉपर्टी…
अश्वनी कुमार राय, नीलम शमि राव, दीपाली रस्तोगी, मनीष रस्तोगी, पल्लवी जैन (भोपाल में नहीं), सचिन सिन्हा, नवनीत कोठारी, निशांत बरबड़े, धनंजय सिंह भदौरिया, संजय गुप्ता, प्रीति मैथिल, प्रियंका दास, तन्वी सुंद्रियाल, नेहा मारव्या, अजय कटेसरिया, दीपक वर्मा, हर्षिका सिंह, निधि निवेदिता, पंकज जैन, प्रतिभा पाल, अमनवीर सिंह बैंस, अनूप कुमार सिंह, हर्ष दीक्षित, रजनी सिंह, ऋषि गर्ग, शिवम वर्मा ने कोई संम्पत्ति नहीं खरीदी है। है7 ।
इनकी संपत्तियों की कीमतें बढ़ी…
एसीएस मनु श्रीवास्तव द्वारा 2007 में भोपाल में 1,64,500 रुपए की कृषि भूमि क्रय की गई थी, जिसकी कीमत अब दो करोड़ हो गई। वर्ष 2022 में कीमत 80 लाख थी। इलाहाबाद में पुरानी प्रॉपर्टी होना बताई गई है जिसकी वर्तमान कीमत 14 करोड़ है। इसी तरह से पीएस उमाकांत उमराव हर प्रॉपर्टी की वर्तमान कीमत बढ़ गई है। उप्र में पत्नी के नाम पर 8 लाख में क्रय की गई संपत्ति की वर्तमान कीमत एक करोड़ हो गई है। इसी तरह से आयुक्त जनजातीय कार्य संजीव सिंह द्वारा 1.57 करोड़ रुपए में खरीदी गई एक प्रॉपर्टी की कमत अब 5.10 करोड़ हो गई है।
नहीं देते जानकारी
झारखंड के अफसरों ने प्रॉपटी डिटेल में हीरों के हार, जेवर, फोन, लैपटॉप तक की जानकारी दी है। आइएएस डीसी राय महिमापत रे ने गिफ्ट में मिले सोने के सिक्के तक का भी जिक्र किया। इसके अलावा अफसरों ने बेड, ओटीजी, टैबलेट आदि की जानकारी दी है। यही नहीं उत्तराखंड में कुछ अफसरों ने पत्नी के जेवरात की जानकारी भी दी है। इसके उलट मप्र में अधिकतर अफसर संपत्ति की कीमत भी स्पष्ट नहीं बताते हैं। कइयों ने खरीदी के समय की कीमत ही बता दी है। 335 में 164 अफसर ने ही प्रॉपटी का बाजार मूल्य बताया है। प्रदेश में ऐसे कई अफसर हैं , जिनके द्वारा प्रॉपर्टी में जमीन बताई गई है। फ्लैट या मकान बहुत कम के पास हैं।
इनकी संपत्ति के नहीं बढ़े दाम
एसीएस विनोद कुमार ने भोपाल, दिल्ली, ग्वालियर, इंदौर और मुजफ्फरपुर में कुल 143.2 लाख की खरीदी गई संपत्ति की जानकारी दी है, जिनकी कीमतें स्थिर बताते हुए उनसे होने वाली आय तीन लाख रुपए बार्षिक बताई है। एसीएस जेएन कंसोटिया ने 1.53 करोड़ की प्रॉपर्टी की जानकारी दी है जिससे उनके द्वारा 10.70 लाख रुपए की वार्षिक आय बताई गई है। इनकी भी कीमतों में वृद्धि नहीं होने की जानकारी दी गई है। एसीएस डॉ. राजेश राजौरा की अमदाबाद की संपत्ति वर्ष 2019 से 2023 के बीच 50.43 लाख से कम होकर 50 लाख हो गई। कृषि भूमि की कीमतों में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। उधर, केन्द्र में पदस्थ अलका उपाध्याय ने जहां बीते साल 66.22 लाख में गुडग़ांव, भोपाल, कानपुर में अलग-अलग प्लॉट व कृषि भूमि का होना बताया था , लेकिन इस साल इसे निल बताया है। एसीएस कैलाश चंद्र गुप्ता ने 1986 से 2016 के बीच 118.36 लाख की प्रॉपर्टी स्वयं और पत्नी के नाम से खरीदना जरुर बताया है , लेकिन उसकी वर्तमान कीमत का उल्लेख नही किया है। इसी तरह से अमित राठौर ने वर्ष 2009 में अरविंद बिहार भोपाल में 20.29 लाख में संपत्ति खरीदी थी , लेकिन उसकी मौजूदा कीमत नहीं बताई है। यही नहीं वर्ष 2004 में भोपाल में खरीदी प्रॉपर्टी इस साल कम हो गई है। इसी तरह से ई रमेश कुमार, अनिरुद्ध मुकर्जी और समिता भरद्वाज की प्रॉपर्टी के दाम भी नहीं बढ़े। राजीव रंजन द्वारा इंदौर, भोपाल, बिहार और नोयडा में 169.37 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी की जानकारी दी गई है, जिससे उन्हें एक लाख रुपए वार्षिक आय होती है। वर्ष 1999 में अरविंद बिहार भोपाल में 4,200 वर्गफुट का प्लॉट 4.25 लाख में लिया था, लेकिन तब से उसकी कीमत ही नहीं बढ़ पा रही है। इसी तरह से केन्द्र में पदस्थ विवेक अग्रवाल के पास 65 एकड़ जमीन पुस्तैनी है। भोपाल में फॉर्म हाउस है। सभी प्रापर्टी से 26.88 लाख वार्षिक आय होना बताया गया है, इतनी ही आय उन्हें बीते साल भी हुई थी। इसी तरह से दीप्ती गौड़ मुकर्जी ने नोएडा स्थित मकान से इस वर्ष 85 हजार रुपए वार्षिक आय बताई है , जबकि गत वर्ष एक लाख से अधिक थी। यही नहीं हरिरंजन राव द्वारा 2018 में 64.17 लाख रुपए से खरीदे गए घर की कीमत में कोई वृद्धि नहीं होने की जानकारी दी गई है।