श्रीमंत के पुत्र महाआर्यमन बने बड़े कारोबारी

निवेश के माध्यम से आठ करोड़ जुटाने का भी लक्ष्य.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। देश के बड़े राजघरानों में से एक ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में परंपरा रही है कि हर एक सदस्य राजनीति में हाथ आजमाता है। लेकिन सिंधिया राजघराने के वारिस महाआर्यमन सिंधिया ने अपनी विरासत से इतर जाकर उद्यमशीलता के क्षेत्र में कदम रखा है। वह अपने स्टार्टअप माईमंडी को डेढ़ साल के भीतर लाभदायक उद्यम के रूप में तब्दील करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। उनका लक्ष्य बड़ा उद्योगपति बनना है। इसके लिए उन्होंने स्टार्टअप के माध्यम से कदम बढ़ाया है। गौरतलब है की महाआर्यमन क्रिकेट की सियासी पिच पर भी सक्रिय हैं।महाआर्यमन को मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की छह सदस्यीय टीम में शामिल किया गया। बता दें कि महाआर्यमन के दादा माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इससे पहले एमपीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं। सिंधिया राजघराने के पास देश के कई राज्यों में अरबों रूपए की संपत्ति है। यानी इस घराने के सदस्य को कुछ करने की जरूरत नहीं है। लेकिन सिंधिया राजवंश की चौथी पीढ़ी के महाआर्यमन सिंधिया ने स्टार्टअप में हाथ आजमाना शुरू कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत के बेटे महाआर्यमन बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं। समाज सेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में परिवार से मिली विरासत के अलावा 27 साल के महाआर्यमन के पास बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और सॉफ्टबैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम करने का भी अनुभव है। उन्होंने सूर्यांश राणा के साथ मिलकर कृषि स्टार्टअप माईमंडी की बीते साल बुनियाद रखी। इसके जरिये कृषि उपज के अवशिष्ट और लॉजिस्टिक लागत में कटौती करने का लक्ष्य है।
कारोबार में 4 गुना बढ़ोतरी
स्टार्टअप माईमंडी’ ने ग्वालियर से काम शुरू किया। यहां पर खुद सिंधिया अपनी पहचान छिपाकर स्थानीय मंडियों में जाकर ताजा फसलों की खरीदी करते हैं। फिर उस कृषि उत्पाद को फर्म के आपूर्ति साझेदारों- गली मोहल्ले के दुकानदारों और ठेले वालों तक पहुंचाते हैं। सिंधिया का कहना है कि परिचालन शुरू होने के छह माह में ही माईमंडी के कारोबार में चार गुना वृद्धि हो चुकी है। इसका राजस्व जुलाई, 2022 में 11 लाख रुपये था जो जनवरी, 2023 में बढ़कर करीब 60 लाख रुपये हो गया। उन्होंने बताया कि मार्च के अंत तक इसका कारोबार बढ़ाकर 1.5-2 करोड़ रुपये पहुंचाने का इरादा है। इस तरह वित्त वर्ष का अंत हम 4.5-5 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ करना चाहते हैं। अगले वित्त वर्ष में दिसंबर तक हमारी योजना पांच करोड़ रुपये मासिक कारोबार की है। हमें दिसंबर तक लाभ की स्थिति में पहुंचने की भी उम्मीद है।
उद्योगपति-रतन टाटा ने निवेश किया है
महाआर्यमन का कहना है कि इस साल की पहली छमाही में कंपनी की निवेशकों से आठ करोड़ रुपए जुटाने की भी योजना है। उन्होंने सोशल मीडिया में अपना एक फोटो उद्योगपति रतन टाटा के साथ शेयर करते हुए लिखा है, हम मायमंडी के साथ एवम हमारे मिशन के प्रति श्री टाटा को उनके निवेश और अमूल्य मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देते हैं। हम आपके समर्थन से भारत के स्ट्रीट वेंडर समुदाय के उत्थान और उन्हें सक्षम करने के लिए तत्पर हैं।
स्टार्टअप-की मार्केट वैल्यू 150 करोड़
उद्यमिता मूल्य करीब 150 करोड़ रुपए आंका जा रहा है। उन्होंने कहा कि निवेशकों से मिलने वाली पूंजी का इस्तेमाल बेहतर डेटा जुटाने और कारोबार वाले शहरों के बारे में समझ पैदा करने वाली प्रौद्योगिकी में किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से हमारा मार्जिन 15 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक सुधर जाएगा। इससे हमें दिसंबर तक लाभपरक होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि निवेशकों से मिलने वाली पूंजी का इस्तेमाल बेहतर डेटा जुटाने और कारोबार वाले शहरों के बारे में समझ पैदा करने वाली प्रौद्योगिकी में किया जाएगा। इससे हमें दिसंबर तक लाभपरक होने में मदद मिलेगी। माईमंडी के सह-संस्थापक 25 वर्षीय राणा ने कहा कि फर्म का नकद प्रवाह अच्छा है और नए शहरों में कारोबार विस्तार के लिए ही कंपनी को नई पूंजी की जरूरत है। कंपनी ने अभी तक निवेशकों से 4.2 करोड़ रुपये जुटाए हैं। राणा ने कहा कि निवेशक यह जानकर अचरज में थे कि हम 4.2 करोड़ रुपये की पूंजी से ही पांच शहरों में विस्तार कर लेंगे।