प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव का समय जैसे -जैसे पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे भाजपा व कांग्रेस का भी फोकस मतदाताओं को रिझाने पर बढऩे लगा है। इन दोनों दलों ने अब चुनावी मोड में आने के बाद प्रदेश की आधी आबादी यानि की महिलाओं पर फोकस करना शुरु कर दिया है। यही वजह है कि अब प्रदेश की शिवराज सरकार महिला मतदाताओं का भरपूर समर्थन पाने के लिए अपनी सबसे लोकप्रिय योजना लाडली लक्ष्मी की तरह लाडली बहना योजना को लेकर आ रही है। इसका प्रचार -प्रसार लगभग हर सार्वजनिक कार्यक्रम में स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जा रहा है।
इस योजना को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। उधर, कांग्रेस ने भी अब पार्टी में महिलाओं को प्रथमिकता देने का एलान कर दिया है। कांग्रेेस सूत्रों का कहना है कि इस आधी आबादी को साधने के लिए पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी कई बड़े वादे किए जा सकते हैं।
भाजपा लाड़ली बहना योजना को बनाएगी बड़ा मुद्दा
प्रदेश की शिवराज सरकार लाडली बहना योजना को बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। चुनाव में सियासी फायदे के लिए इस योजना का भरपूर उपयोग करने की रणनीति बनाई जा रही है जिसके तहत प्रदेश में 1700 सभाएं की जाएंगी। इस योजना के तहत प्रत्येक पात्र महिला को एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। नीति यानी एक साल में 12 हजार रुपए आएंगे। महिलाओं के लिए अब तक की यह सबसे बड़ी योजना है।
इसी पखवाड़े से योजना के लिए आवेदन पत्र भरे जाएंगे। इसे लागू करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। खास बात यह है कि पंच, उप सरपंच बन चुकीं महिलाएं भी इस दायरे में आएंगी। ऐसी महिला जो स्वयं अथवा जिनके परिवार में सांसद, विधायक या स्थानीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि होंगे, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जिस महिला के नाम या उसके परिवार में ट्रैक्टर सहित अन्य चार पहिया वाहन होंगे, वे भी योजना के दायरे में नहीं आएंगी। माना जा रहा है कि एक करोड़ से अधिक महिलाओं को प्रतिवर्ष योजना का लाभ मिलेगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। विभाग ने योजना का जो प्रारूप तैयार किया है, उसके अनुसार वे महिलाएं इसके दायरे में नहीं आएंगी, जिनकी स्वयं या परिवार की स्वघोषित वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से अधिक होगी। अपात्रता श्रेणी में वर्तमान या भूतपूर्व सांसद-विधायक, आयकरदाता, शासकीय विभाग, उपक्रम, मंडल, स्थानीय निकाय में नियमित, स्थायीकर्मी, संविदाकर्मी या पेंशनर, निगम, मंडल के अध्यक्ष या सदस्य भी रखा गया है। जिस महिला या उसके परिवार में संयुक्त रूप से पांच एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि होगी, वह भी लाड़ली बहना योजना में शामिल नहीं हो पाएगी। गौरतलब है कि इसके पहले मुख्यमंत्री महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को बढ़ावा देने का कदम उठा चुके हैं।
अब सस्ते सिलेंडर का दांवचला कांग्रेस ने…
मध्य प्रदेश में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने गैस सिलिंडरों के बढ़े दाम पर सब्सिडी का बड़ा दांव चला है। सदन में कांग्रेस ने वादा किया कि प्रदेश में वह सत्ता में आई तो सिलेंडरों पर 500 रुपये की सब्सिडी देगी। आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं को रिझाने का कांग्रेस का यह बड़ा हथियार माना जा रहा है। उधर, महिलाओं के लिए शिवराज सरकार द्वारा बजट में रखी गई एक तिहाई राशि को लेकर भाजपा चुनाव मैदान में उतरेगी। दरअसल राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सिलिंडर पर सब्सिडी का प्रविधान किया है। मप्र विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस शासित राज्यों में चल रही योजनाओं का अध्ययन कर इन्हें वचन पत्र में शामिल करने की तैयारी कांग्रेस ने की है। सिलिंडर में सब्सिडी देने की घोषणा भी कांग्रेस वचन पत्र में शामिल कर सकती है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कह चुके हैं कि 2024 में उनकी सरकार बनी तो घरेलू गैस सिलिंडर पांच सौ रुपये से कम में देंगे।
किसान कर्जमाफी को भी मुद्दा बनाने का प्रयास
राज्य के बजट में किसानों की कर्जमाफी के लिए सिर्फ 300 करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है, जबकि कर्जमाफी दोनों पार्टियों के लिए बड़ा मुद्दा रहा है। कर्जमाफी की घोषणा कर 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई थी। इसके अलावा कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए कोई प्रविधान नहीं किया गया है। पुरानी पेंशन बहाली, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों, अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों को नियमित करने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। उधर, कर्मचारियों को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कह चुकी है।
किया जाएगा बड़ा आयोजन
योजना के अंतर्गत आवेदन पत्र भरने की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पांच मार्च को भोपाल में बड़ा कार्यक्रम कर की जाएगी। इसमें केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। आवेदन पत्र घर-घर जाकर भरवाए जाएंगे। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ पंचायत और नगरीय निकायों को जिम्मेदारी दी जाएगी। उधर, प्रदेश भाजपा संगठन भी अपने स्तर पर इस प्रक्रिया से जुड़ेगा। जून 2023 में हितग्राहियों के खातों में एक हजार रुपये की पहली की किस्त अंतरित की जाएगी। वहीं सरकार ने नई शराब नीति के तहत शराब अहातों को बंद करने का भी निर्णय लिया है। इन अहातों से महिलाएं परेशान थीं। इसका भी व्यापक रुप से प्रचार प्रसार किया जाएगा।
कांग्रेस लाएगी अलग से वचन पत्र
कांग्रेस को महिला मतदाताओं की ताकत का अहसास है, लेकिन वह भाजपा सरकार द्वारा महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को लाने पर तनिक भी चिंतित नहीं है। पूरी रणनीति के साथ काम कर रही कांग्रेस महिलाओं के लिए अलग से वचन-पत्र लाने पर गंभीरता से योजना बना रही है। यानी चुनाव में कांग्रेस दो वचन-पत्र पेश करेगी। एक सभी के लिए होगा, जबकि दूसरा वचन-पत्र महिलाओं के लिए। इसमें महिलाओं से जुड़ी योजनाएं, वादे शामिल होंगे। इसी तरह से मप्र महिला कांग्रेस ने एक-एक विधानसभा में 25-25 केंद्रों पर फोकस करना शुरु कर दिया है। इसके तहत घर-घर दस्तक दी जा रही है। महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की जमीनी हकीकत बताने का प्रयास भी महिला कांग्रेस कर रही है।
ढाई करोड़ है महिला मतदाता
सूबे में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 85 हजार 876 है। इनमें महिला वोटर ज्यादा हैं। इनकी संख्या संख्या 2 करोड़ 60 लाख 23 हजार 733 है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 79 लाख 62 हजार 711 है। शेष अन्य मतदाता हैं।