अब उपभोक्ता को उनकी ही मर्जी से मिलेगा राशन

इंतजार से मिलेगी मुक्ति, समय का भी नहीं रखना पड़ेगा ध्यान.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। गरीब उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है, जिसमें अब उन्हें न तो अपना काम छोड़कर राशन की दुकान पर इंतजार करना होगा और न ही राशन के लिए तय समय पर पहुंचना होगा , बल्कि जब चाहें जहां से चाहेंगे अपने हिस्से का राशन ले सकेंगे। इसके लिए अब प्रदेश में रुपए निकालने वाली मशीन की तरह ही एटीएम की सुविधा शुरु करने की तैयारी कर ली गई है। शुरु में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में भोपाल में शुरु किया जा रहा है, अगर यह प्रयोग सफल रहा तो बाद में इसे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। दरअसल इसके पीछे सरकार की मंशा गरीबों के राशन की होने वाली कालाबाजारी रोकने से लेकर उपभोक्ताओं को सुविधा देने की है। यही नहीं इसकी वजह से खाद्यान्न की चोरी, कम राशन देने से लेकर खाद्यान्न में मिलावट जैसी गड़बडिय़ों से भी मुक्ति मिल सकेगी। इस तरह की पहली मशीन भोपाल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐशबाग स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में लगाई गई है। इस मशीन से फिलहाल ट्रायल के तौर पर राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस मशीन को नाम फूड एटीएम रखा गया है। गौरतलब है कि इस तरह की राशन वितरण प्रक्रिया का पालन उत्तराखंड में किया जा रहा है। जिसका अध्ययन पहले ही विभाग द्वारा किया जा चुका है। इस दौरान खाद्य विभाग की एटीएम लगाने वाली कंपनी के लोगों से भी चर्चा की गई जिसके बाद कंपनी ने सरकार को कुछ मशीनें देने के लिए सहमति दे दी है, लेकिन अभी इन मशीनों के के लिए अनुबध की प्रक्रिया को पूरा करना है।
किया जाएगा प्रशिक्षित
अभी हितग्राही को राशन इलेक्ट्रानिक कांटे से तौलकर दिया जाता है। फूड एटीएम मशीन का उपयोग होने से यह प्रक्रिया पूरी तरह से मशीनीकृत हो जाएगी। इस नई प्रक्रिया में हितग्राही द्वारा अगूंठा लगाते ही उनका राशन फूड एटीएम की मशीन पर दर्ज हो जाएगा , जो मशीन की स्क्रीन पर दिखाई देगा। इसके बाद मशीन में लगे बटन को दबाते ही तय मात्रा में राशन मशीन से स्वत: ही बाहर आ जाएगा। इसके लिए हितग्राही को आधार नंबर, मोबाइल और राशन कार्ड लिंक करना होगा। इस मशीन के संचालन के लिए राशन दुकान संचालकों और हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
पहले बड़े शहरों से होगी शुरुआत
भोपाल में ऐशबाग स्थित राशन दुकान क्रमांक 255 में अन्नपूर्ति नाम का एक फूड एटीएम पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया है। इसके सफल रहने पर इसी तरह की अन्य मशीनें सबसे पहले प्रदेश के बड़े शहरों में लगाई जाएंगी, जिसके बाद उन्हें अन्य जिलों में भी लगाकर उपयोग शुरु किया जाएगा। ऐशबाग की राशन दुकान में मशीन अभी जमीन पर रख कर चालू कर दी गई है। इस मशीन के लिए सरकार को डिपो पर प्लेटफार्म बनाना होगा। जिससे की मशीन से अनाज सीधे हितग्राही के बैग में जा सके। फिलहाल मशीन से निकला अनाज एक बर्तन में गिरता है, जिसे हितग्राही को स्वयं अपने बैग में भरना होता है।