भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अब महज आठ माह का ही समय रह गया है, ऐसे में दोनों प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस चुनावी तैयारियों में ताकत लगाना शुरु कर चुके हैं। भाजपा जहां बूथों को मजबूत करने पर पूरा जोर लगाने जा रही है तो वहीं कांग्रेस भी अब मैदानी स्तर पर पार्टी की सक्रियता दिखाने के लिए कमर कस चुकी है।
भाजपा ने अब प्रदेश में 14 मार्च से बूथ विस्तारक योजना का दूसरा चरण शुरू करने की तैयारी कर ली है। इस अभियान के तहत पार्टी संगठन ने 19 लाख पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति करने की तैयारी की है। भाजपा का मकसद इस अभियान के माध्यम से बूथ स्तर पर पार्टी के नए कार्यकर्ता खड़ा करना है। सूबे में पहले चरण के अभियान में पहले ही 65 हजार बूथ पर पार्टी 13 लाख कार्यकर्ताओं को जोड़ने का दावा कर चुकी है। इस अभियान में इन पहले चरण के बूथों की भी एक बार फिर से समीक्षा की जाएगी। संगठन द्वारा हर बूथ पर बनने वाली कमेटी में 11 सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
सात दिन तक चलने वाले इस अभियान के लिए मंडल स्तर तक कार्यशालाओं का आयोजन पहले ही किया जा चुका है। बूथ विस्तारक अभियान-दो में पन्ना प्रमुख और पन्ना समिति के गठन सहित हितग्राही संपर्क भी शामिल है। यह अभियान 21 मार्च तक चलेगा। इसके बाद 23-24 मार्च को मंडल स्तर पर समीक्षा बैठकें की जाएंगी। गौरतलब है कि प्रदेश में 18 हजार बूथ ऐसे हैं, जहां भाजपा कमजोर मानी जा रही है। इन बूथों को चिन्हित कर पार्टी ने अलग-अलग प्रकोष्ठ और मोर्चा को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। हर बूथ पर 51 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त करने का लक्ष्य पार्टी ने तय किया है। मध्य प्रदेश के सभी केंद्रीय मंत्रियों से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य दिग्गज खुद बूथों पर पहुंचेंगे। इसमें बूथों की जिम्मेदारी इन नेताओं को दी जाएगी। इसके चलते यह भी भाजपा का बड़ा मैदानी अभियान रहेगा।
उधर कांग्रेस भी पीछे नहीं रहना चाहती है। यही वजह है कि उसके रणनीतिकारों ने संभागीय मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने की योजना तैयार की है। कांग्रेस इस आंदोलन के जरिए चुनावी शंखनाद करने के साथ सत्तारूढ़ भाजपा को शक्ति दिखाएगी। इसके बहाने कार्यकर्ताओं में भी नया जोश जगाने की कोशिश है, ताकि कार्यकर्ता नया जोश लेकर मैदान में उतरें। इसकी शुरुआत 13 मार्च को भोपाल से की जाएगी।
इसके लिए प्रदेश कांग्रेस ने ‘चलो भोपाल’ का नारा देकर कार्यकर्ताओं-नेताओं को राजधानी में जुटने का कैम्पेन चलाया है। 13 मार्च को जवाहर चौक पर नेता और कार्यकर्ता एकत्रित होंगे, फिर राजभवन की ओर कूच करेंगे। इसमें अदाणी के मामले में सरकार की भूमिका की जांच की मांग, गेहूं का समर्थन मूल्य तीन हजार रुपये क्विंटल करने की मांग और बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के विरोध में राजभवन का घेराव किया जाएगा। इसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, विधायक शामिल होंगे। संगठन ने सभी प्रदेश पदाधिकारी, जिला व ब्लाक अध्यक्ष और विधायकों को राजभवन के घेराव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। संगठन के प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि आम आदमी आज स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। भारतीय जीवन बीमा निगम और बैंकों में भरोसे के साथ भविष्य के लिए निवेश किया जाता है। अदाणी समूह में इन संस्थाओं ने आमजन की गाढ़ी कमाई के जो पैसे लगाए गए थे, वे डूब गए पर इसकी कोई चिंता नहीं हो रही है। राजभवन के घेराव के बाद जिला और संभागीय मुख्यालयों पर प्रदर्शन होंगे। वहीं, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों को आज उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। विधानसभा में भी यह मांग उठाई थी कि किसानों को तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य दिया जाए पर सत्ताधारी दल के सदस्यों ने इसका समर्थन नहीं किया।
13 को बड़े टकराव के आसार
भाजपा और कांग्रेस में 13 मार्च को बड़े टकराव के आसार हैं। यह टकराव सदन से लेकर सडक़ तक होगा। एक ओर जहां विधानसभा में नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को लेकर कांग्रेस आक्रामक रहेगी, तो सज्जन सिंह वर्मा व विजय लक्ष्मी साधो के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को लेकर भाजपा आक्रामक रहेगी। इससे सदन में हंगामे के आसार है। इसी बीच राजभवन घेराव से सडक़ पर भी टकराव हो सकता है।
भाजपा भी कर रही घेराबंदी
उधर, भाजपा ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की घेराबंदी तेज कर दी है। इस बार कमलनाथ को विधानसभा से लेकर लोकसभा तक घेरने की रणनीति बनाई है। भाजपा इसी दीर्घकालीन योजना पर काम कर रही है। केवल कमलनाथ की छिंदवाड़ा सीट ही पिछली बार लोकसभा चुनाव में भाजपा नहीं जीत सकी थी। इस बार लोकसभा में उसे जीतने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 25 मार्च को छिंदवाड़ा के पांर्ढुना में सभा प्रस्तावति है।