…तो निजी स्कूल प्रबंधन को जाना होगा जेल

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। निजी स्कूलों व किताबों के


प्रकाशकों के बीच जारी गठजोड़ को तोड़ने के लिए अब सरकार कड़ा कदम उठाने जा रही है। ऐस मामलों में अब निजी स्कूल प्रबंधन और उनके संचालकों को विशेष दुकानों से किताब खरीदने के लिए दबाव बनाने पर जेल तक जाना पड़ सकता है। प्रशासन ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में नकेल कसने के लिए स्कूल परिसर व विशेष दुकानों से किताब-कापी बेचने पर धारा 144 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
आदेश का पालन करवाने का जिम्मा एसडीएम व जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया है। इसमें कहा गया है कि निर्देशों में सिलेबस की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाना होगी। यह सूची वेबसाइट पर भी अपलोड करनी होगी। जमा की जाने वाली सूची में प्रत्येक कक्षा की पाठ्य-पुस्तकें, लेखक- प्रकाशक के नाम व मूल्य भी लिखना होगा। जानकारी के अनुसार सीबीएसई स्कूलों द्वारा विशेष दुकानों से कॉपी किताब खरीदने का दबाव बनाने, एनसीईआरटी की बुक न चलाने, प्रवेश प्रक्रिया पर अनियमितताओं की शिकायतें हर साल मिलती है। राजधानी में चार-पांच बुक हाउस संचालकों ने सीबीएसई स्कूलों की कापी-किताबों पर कब्जा कर रखा है। इन बुक हाउस संचालकों द्वारा स्कूलों से मिलीभगत कर महंगे दामों पर कॉपी-किताब बेचते है। इस बार प्रशासन ने निर्देश देरी से जारी किए हैं, जिससे अभिभावकों को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिल सकेगा। विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों में सभी सीबीएसई स्कूलों को अपने सिलेबस की लिस्ट भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करना होगी। यह लिस्ट प्रशासन सभी बुक सेलर को मुहैया कराएगा। इसके आधार पर विशेष दुकान से ही किताब खरीदने की प्रवृत्ति समाप्त होगी साथ ही किताबों को सूची बोर्ड पर चस्पा करना होगी। जिससे छात्र या अभिभावक परेशान नहीं हो सके। इसके साथ ही स्कूलों को किसी भी दुकान से शिक्षण सामग्री खरीदने की बाध्यता नहीं है, इस आशय का बोर्ड भी टांगना होगा।
स्कूलों का नहीं होगा नाम
किसी भी दुकान पर स्कूल के नाम की छपी हुई किताब व कापी नहीं बेची जा सकेगी। ऐसा पाए जाने पर कार्यवाही होगी। वहीं स्कूल परिसर से किताब कापी बेचते पाए जाने पर धारा 144 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसी तरह से टाई, बेल्ट आदि का विक्रय भी स्कूल द्वारा नहीं किया जाएगा। न किसी छात्र या अभिभावक को किसी विशेष दुकान से इसे खरीदने के लिए बाध्य किया जाएगा।-