गोपाल पुत्र ने कराया पिता का… विज्ञापन से महिमामंडन

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। हाल ही में हर साल की


तरह सूबे के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ने कन्यादान समारोह का आयोजन किया। इस तरह का आयोजन उनके लिए नया नहीं हैं, इसके बाद भी जिस तरह से उनके बेटे अभिषेक भार्गव द्वारा विज्ञापन देकर उनका महिमामंडन कराया गया है, वह जरुर चर्चा का विषय बन गया है। इसके साथ ही यह प्रश्न खड़ा होने लगा है कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी है। भार्गव न केवल मौजूदा शिव सरकार में लोक निर्माण मंत्री है, जबकि पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रहने के अलावा भाजपा की दो दशक से बन रही सरकारों में भी कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं। अभिषेक द्वारा छपवाए गए पूरे पेज के विज्ञापन में सबसे पहले जो फोटो छपवाए गए हैं ,उसमें भी कई चौंकाने वाले फोटो होने के साथ ही जातीय समीकरण साधने के साथ ही उन नेताओं के भी फोटो को विशेष रुप से तवज्जो दी गई है, जो पार्टी में ही प्रदेश के एक बड़े नेता के धुर विरोधी माने जाते हैं।
इसकी पहली पंक्ति में पार्टी के तीन शीर्ष नेताओं के अलावा शिवराज सिंह , वीडी शर्मा, उमा भारती, प्रहलाद पटेल, भूपेन्द्र सिंह , विश्वास सारंग, प्रभु लाल चौधरी, विनोद गोटिया , जयंत मलैया के अलावा रामकृष्ण कुसमारिया के भी फोटो छापवाए गए हैं। इसमें बेहद अहम बात यह है कि जिले के ही एक मंत्री गोविंद सिंह को इसमें जगह नहीं दी गई है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि सागर जिले की राजनीति में भाजपा में नए समीकरण बन रहे हैं। यही नहीं इस विज्ञापन को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से जोडक़र भी देखा जा रहा है। विज्ञापन में 21,000 कन्याओं का कन्यादान करने के मेरे संकल्प पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित बीसवें कन्यादान समारोह के अवसर पर वर-वधु को दाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं और आर्शीवाद देने पधारे एवं अपने भाव व्यक्त करने के प्रति हार्दिक जाताया गया है।
यह भी है विज्ञापन में
इस विज्ञापन में अलग-अलग चार प्रमुख नेताओं के वक्तव्य भी छपवाए गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वह वक्तव्य है, जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि मंत्री भार्गव केवल राजनेता ही नहीं समाज-सेवक और विकास पुरुष भी है। इसी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती द्वारा गोपाल भार्गव को असाधारण व्यक्ति बताते हुए कहा गया था कि वे 21000 कन्याओं के धर्म पिता हैं। इसका वह निर्वहन भी कर रहे हैं। प्रदेशध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा द्वारा कन्यादान को भारतीय संस्कृति में सबसे बड़ा दान बताने और भार्गव की 21 हजार गरीब कन्याओं का विवाह कराकर पुण्य और यश का कार्य की तारीफ करते हुए ऐसे आयोजन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में होने के आव्हान का भी उल्लेख है। जबकि मंत्री भूपेन्द्र सिंह के उस बयान का भी विशेष रुप से उल्लेख किया गया है, जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि भार्गव जी ने इतना पुण्य प्राप्त कर लिया है कि वह संत ही हो गए उनसे कोई भी आशीर्वाद प्राप्त कर लेगा तो उसका भी उसका उद्धार हो जाएगा।
आठ बार से लगातार दर्ज कर रहे हैं जीत
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। ऐसे में प्रदेश की रहली विधानसभा ऐसी एक मात्र विधानसभा है , जिसमें कोई पूर्व विधायक ही नहीं है। यहां से पहली बार 1985 में मंत्री गोपाल भार्गव पहली बार विधायक बने थे। उसके बाद से वे लगातार विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में कभी कोई पूर्व विधायक बीच में आ ही नहीं पाया। 1985 से पहले यहां से जो नेता विधायक थे, उनका निधन हो चुका है। रहली के महादेव प्रसाद हजारी, गोपाल भार्गव के पहले यहां से कांग्रेस से विधायक रहे। लेकिन 1985 में गोपाल भार्गव से मिली शिकस्त के बाद वो कभी चुनाव नहीं जीत सके। वे यहां से लगातार आठ बार से विधायक चुने जा रहे हैं।
अभिषेक भार्गव की नजर लोकसभा सीट पर
दरअसल गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक की नजर बीते कई सालों से लोकसभा सीट पर लगी हुई है, लेकिन बीते दो चुनाव से उन्हें टिकट के लिए निराशा ही हाथ लगी रही है। बीते कुछ समय से भार्गव ने अपने ही दल के विरोधी नेताओं को अपने पक्ष में करके अपने लिए सियासी समीकरण साधने का काम किया है। रहली के अलावा पूरे लोकसभा क्षेत्र में अभिषेक लगातार सक्रिय रहते हैं, जिसकी वजह से उनके पास एक बेहद मजबूत युवाओं की टीम बन चुकी है। माना जा रहा है कि इस विज्ञापन के माध्यम से उनके द्वारा अपने लिए टिकट की राह तलाशने का काम किया गया है।