आखिर क्यों जाना पड़ा प्रतिभा पाल को रीवा

आखिर क्यों जाना पड़ा प्रतिभा पाल को रीवा .

सरकार की बेहद करीबी मानी जाने वाली महिला आईएएस अफसर प्रतिभा पाल का भोपाल कलेक्टर बनना तय माना जा रहा था, लेकिन अचानक से जब तबादला सूची निकली तो उन्हें रीवा कलेक्टर बना दिया गया और भोपाल जिले की कमान कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंप दी गई। दरअसल प्रतिभा पाल के नगर निगम आयुक्त रहते अच्छे कामों की वजह से सरकार ने उन्हें पहले भोपाल कलेक्टर बनाना तय कर लिया था, लेकिन हाल ही में हुए बाबड़ी वाले हादसे की वजह से उन्हें रीवा भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आधा दर्जन जिलों के कलेक्टर बदल दिए गए हैं। यह बात अलग है कि जो अफसर सरकार की गुडबुक में होते हैं उनमें से अधिकांश जनता की गुडबुक में नहीं होते हैं।

माननीय को सता रहा है अब अपनों से चुनाव में खतरा
प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब महज चंद माह ही रह गए हैं। ऐसे में विधायकों को अपने चुनाव की ङ्क्षचता सताने लगी है। अब चार सालों तक मलाई खाने में मस्त रहे और अपनों को भूले रहे,सो ङ्क्षचता होना स्वाभाविक है। इसकी वजह से जनता तो ठीक कार्यकर्ता तक अब पराए बन चुके हैं। सत्ता में हैं सो कार्यकर्ता चुप्पी साधकर चुनाव के मौके का इंतजार कर रहे हैं। यही वजह है कि अब माननीयों को कार्यकर्ताओं की याद आने लगी है। इसकी वजह से अब माननीयों को न केवल उन्हें मनाना पड़ रहा है बल्कि उन पर लक्ष्मी भी खर्च करनी पड़ रही है। इसके बाद भी भरोसा नहीं हैं सो शपथ भी दिलानी पड़ रही है। इसका उदाहरण है जतारा विधानसभा से भाजपा विधायक हरिशंकर खटीक । वे अपने कार्यकर्ताओं को अयोध्या लेकर गए हैं, जहां पर उनके द्वारा सरयू नदी में कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाई गई है की चुनाव में उनके साथ किसी भी प्रकार का छल और धोखा नहीं करेंगे। । अब यह वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
क्या होगा शिव कैबिनेट का विस्तार
प्रदेश में एक बार फिर शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें शुरु हो गई हैं। हालांकि अब दावेदारों से लेकर उनके समर्थकों तक को इन अटकलों पर भरोसा नहीं हो रहा है। इसकी वजह है इस तरह की अटकलों का बीते तीन सालों से जारी रहना। यह बात अलग है कि प्रदेश में इसी साल विस के चुनाव होने हैं, ऐसे में सियासी समीकरण साधने की मजबूरी है। माना जा रहा है कि रिक्त चल रहे चारों पदों पर क्षेत्रीय, जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर मंत्री बनाया जाएगा। पार्टी के दिल्ली सूत्रों ने बताया कि नए मंत्री बनाने एवं मौजूदा मंत्रियों में से कुछ को हटाने एवं उनके विभागों में तब्दीली पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिसकी वजह से विस्तार लगातार टल रहा है। सत्ता एवं संगठन के सूत्रों की माने तो विस्तार में महाकौशल, विंध्य और मालवा क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

और विधायक जी की खुल गई पोल
विधायक बनते ही हर नेता जी चाहते हैं कि उनके इलाके के ठेके से लेकर अन्य सभी तरह के काम उनके अपने हों। इसके लिए कुछ पर्दे के पीछे तो कुछ माननीय खुलकर काम करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा कुछ हो जाता है कि हमारे माननीयों की पोल खुल जाती है। ऐसा ही मामला है मुरैना के जौरा से बीजेपी विधायक सूबेदार सिंह रजौधा का। शराब के ठेके होते ही सांकरा गांव में शराब ठेका बंद कराने की मांग को लेकर महिलाएं विधायक जी के पास पहुंच गई। उन्हें लग रहा था कि उनकी मांग मान ली जाएगी, लेकिन विधायक जी ने साफ कह दिया कि हम खुद शराब ठेकेदार हैं। बताओ कैसे बंद कराएं । इसके बाद महिलाएं उन पर जमकर भडक़ गईं। यह जवाब सुनकर भडक़ी महिलाओं ने उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि तुम ठेकेदार से कितने पैसे लेते हो, कितने में ठेका हुआ है । हमारे गांव में नहीं बिके। इस पूरी बातचीत का वीडियो एक महिला ने बनाकर वायरल कर दिया है।