कांग्रेस का 52 फीसदी आबादी पर फोकस

भोपाल/मंगल भारत। मप्र में सबसे बड़ी आबादी ओबीसी यानी


अन्य पिछड़ा वर्ग ही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत तय करने के लिए अब कांग्रेस ने जातिगत समीकरण साधने की योजना बनाई है। इसके तहत कांग्रेस अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग जाति के सम्मेलन करने की रणनीति पर अमल करने जा रही है। इन सम्मेलनों के माध्यम से कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों को कांग्रेस के पक्ष में लाने का प्रयास करेगी। दरअसल, हाल ही में पार्टी के विभिन्न मोर्चा-प्रकोष्ठ की बैठक में यह बात उठी थी की पिछड़ा वर्ग के नाम पर कुछ जातियों के लोगों को ही महत्व दिया जाता है, जिसकी वजह से अन्य जातियों के लोगों को महत्व नहीं मिल पाता है। इसके बाद अब पार्टी ने ओबीसी की सभी जातियों को साधने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले ओबीसी को साधने के लिए कांग्रेस अब जिलेवार सामाजिक सम्मेलन करेगी। इसमें वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग क्षेत्र दिए जाएंगे। सम्मेलनों में भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के साथ किए जा रहे अन्याय को प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा। साथ ही 27 प्रतिशत आरक्षण को पूरी तरह लागू करने की मांग करके फिर इस मुद्दे को हवा देने की तैयारी है। भले ही प्रदेश में शिव सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा चुका है, लेकिन अब भी इस वर्ग के अभ्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं में बढ़े हुए आरक्षण को हासिल करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकारी शिक्षक भर्ती की बात हो या फिर राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा इनमें तय किए गए आरक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
ओबीसी आरक्षण पर जोर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सतना में ओबीसी महासम्मेलन करने के बाद इस बड़े वर्ग को पार्टी के साथ जोडऩे के लिए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी के विधायक और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके तहत अप्रैल से जिलेवार पिछड़ा वर्ग के सामाजिक सम्मेलन होंगे। इसमें समाज को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा क्योंकि, कई विधानसभा क्षेत्रों में ओबीसी वर्ग निर्णायक भूमिका में हैं। इसे ध्यान में रखते हुए नाथ सरकार ने ओबीसी को आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था लेकिन, इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका और आज भी ओबीसी को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस मुद्दे को पार्टी लगातार उठाती रही है पर भाजपा कांग्रेस पर ही ओबीसी वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाती है। कुशवाहा का कहना है कि भाजपा जनता को भ्रमित करती है। उनकी सच्चाई हम जनता के सामने लाएंगे। सामाजिक सम्मेलन करके बताएंगे कि 17 वर्ष सरकार में रहने पर कभी भाजपा ने ओबीसी वर्ग की सुध नहीं ली। आज भी भर्ती परीक्षाओं के परिणाम नहीं आ पा रहे हैं। इसके साथ ही संविदा और आउटसोर्स भर्तियों में जिस तरह आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करके आरक्षित वर्ग के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है, उसे भी जनता को बताकर भाजपा की पोल खोली जाएगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री पवन पटेल राहुल-कमल नाथ संदेश यात्रा के माध्यम से ओबीसी वर्ग को कांग्रेस को जोडऩे का प्रयास कर रहे हैं।

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