भोपाल/मंगल भारत। सेवा के लिए राजनीति में आने का दावा
करने वाले राजनेता विधायक बनते ही अधिक से अधिक सरकारी सुविधाओं का उपयोग करना चाहते हैं। यही वजह है कि तमाम तरह की सुविधाओं के बाद भी वे संतुष्ट नजर नहीं आते हैं। अब प्रदेश के विधायक चाहते हैं कि जिस तरह से उन्हें टोल में छूट मिली हुई है, उसी तरह से उनके परिजनों को भी टोल में छूट मिले।
इसके लिए बाकायदा विधायकों ने अपनी मांग विधानसभा सचिवालय के सामने रखी है। यह बात अलग है कि उनकी इस मांग को माना नहीं गया है। विधायकों की यह मांग पूर्व विधायकों द्वारा टोल बूथ पर छूट की मांग के बाद आई है। दरअसल, पूर्व विधायकों ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए अपने वाहनों को सभी हाईवे पर टोल फ्री करने की मांग रखी गई थी। दरअसल विधायकों को स्टेट हाईवे पर टोल से छूट मिली हुई है। नेशनल हाईवे के लिए कुछ समय पहले सरकार ने एक वाहन के लिए फास्टैग की सुविधा भी दे रखी है।
प्रदेश प्रदेश मे हैं 230 विधायक
मप्र विधानसभा के 230 सदस्यों में से सीएम, विधानसभा अध्यक्ष और 30 मंत्रियों की सुविधाओं की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग के पास है। बाकी 500 से ज्यादा पूर्व विधायकों की सुविधा का काम विधानसभा सचिवालय देखता है। यही वजह है कि पूर्व विधायकों द्वारा टोल से छूट मांगने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जहां पर वह लंबित है।
विधायकों को मिलने वाली सुविधाएं
वेतन: 30 हजार रुपये
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 35 हजार रुपये
भत्ता: 10 हजार रुपये
चिकित्सा भत्ता: 10 हजार रुपये
कंप्यूटर ऑपरेटर भत्ता: 15 हजार रुपये
लेखन सामग्री और डाक भत्ता: 10 हजार रुपये
कुल वेतन और भत्ता: 1 लाख 10 हजार रुपये