हर विधानसभा का… अलग होगा वचन पत्र

कांग्रेस का भ्रष्टाचार, मंहगाई और बेरोजगारी पर रहेगा जोर.

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कर्नाटक में मिली सफलता के बाद वहां चुनाव के लिए लागू किए गए हिट फार्मूला को ही लागू करना तय कर लिया है। इसके तहत न केवल चुनाव में प्रदेश स्तर पर भ्रष्टाचार, मंहगाई और बेरोजगारी पर फोकस किया जाएगा बल्कि, हर जिले और उसके तहत आने वाली विधानसभा सीटों के लिए भी पृथ्क से वचन पत्र बनाया जाएगा। इस तरह से कुल तीन अलग-अलग वचन पत्र बनाए जाएंगे। खास बात यह है कि इन तीनों में स्थानीय स्तर की समस्याओं पर विशेषरुप से फोकस किया जाएगा। इसकी वजह है कर्नाटक के चुनाव, जहां पर कांग्रेस ने इसी तरह की रणनीति पर अमल किया, जिसका फायदा कांग्रेस को वहां पर मिला है। कर्नाटक की तर्ज पर मप्र में भी कांग्रेस चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर ही फोकस करना तय कर चुकी है। मप्र कांग्रेस ने तय किया है कि जिला स्तर पर बनाए जा रहे वचन पत्र में कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से स्थान देगी और चुनाव प्रचार में इन मुद्दों को ही जनता के बीच प्रमुखता से उठाया जाएगा। कांग्रेस में वचन पत्र तैयार करने का काम तेजी से जारी है। इसके लिए लगातार बैठकों का दौर भी चल रहा है। बीते रोज भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में वचन पत्र सलाहकार समिति की बैठक में मुद्दो ंको लेकर एक बार फिर से मंथन किया गया। कमलनाथ ने कहा कि हमारा वचन पत्र विकास का दृष्टि पत्र होगा। मुख्य वचन पत्र के साथ जिला स्तर पर बनाए जा रहे वचन पत्र में स्थानीय मुद्दों को तथ्यों के साथ शामिल किया जाएगा। जिला कांग्रेस कमेटियों को इस सिलसिले में निर्देशित कर दिया जाए। बैठक में तय हुआ कि वचन पत्र में नौजवान, किसान और नारी सम्मान पर कांग्रेस का जोर रहेगा। इनको लेकर अलग से वचन पत्र तैयार किया जाएगा।
जुलाई में वचन और आरोप पत्र जारी करने की तैयारी
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार तैयार किए जा रहे आरोप और वचन पत्र को जुलाई में जारी करने की तैयारी की जा रही है। इसकी वजह है उसमें शामिल किए गए बिंदुओं की जानकारी को हर आदमी तक पहुंचाने के लिए पूरा समय दिया जाना है। फिलहाल राज्य स्तर पर जारी किए जाने वाले वचन पत्र के बिंन्दु और आरोप पत्र का प्रारुप पूरी तरह से तैयार हो चुका है। अब इसे अंतिम रुप ही दिया जाना है। माना जा रहा है कि अगली बैठक में दोनों को अंतिम रुप दे दिया जाएगा। वचन पत्र में रक्त शासकीय पदों को समय सीमा में भरने, नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1500 की सम्मान निधि, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए विशेष योजना, किसानों के ऋण माफी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की बहाली, पेंशनर के महंगाई राहत में वृद्धि की व्यवस्था, महिला स्व सहायता समूहों का विस्तार सहित अन्य विषयों को शामिल किया गया है।
ऑब्जर्वर जानेंगे मैदानी हकीकत
प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अब पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है। इसके तहत पार्टी उन सीटों पर अधिक फोकस कर रही है जहां पर लगातार पार्टी को हार का सामना करना पड़ रहा है। इन सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस ने अपने चार आब्जर्वर तैनात कर दिए हैं। वे जमीनी हकीकत का पता कर उसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही टिकट दिए जाएंगे। दरअसल, छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर केन्द्रीय संगठन द्वारा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौड़, गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोरवडिय़ा, दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा, और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप टम्टा को आब्जर्वर बनाया गया है। इस बार पार्टी का फोकस सिर्फ जिताऊ उम्मीदवारों पर ही रहने वाला है। यही वजह है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, एआईसी द्वारा निर्धारित सर्वे टीम, विधानसभा सीटों के प्रभारी और क्षेत्र की जनता द्वारा सुझाए गए नेता के नाम के आधार पर ही प्रत्याशी बनाया जाना तय कर लिया गया है। स बार कोई एक व्यक्ति या नेता किसी उम्मीदवार का नाम तय नहीं करेगा। सर्वे में नाम आने के बाद प्रत्याशियों को बता दिया जाएगा कि उन्हें टिकट मिलने वाला है। इसलिए वे अपनी तैयारी शुरू कर दें।
चार मामलों पर फोकस
कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ते अपराध के मामले में शिवराज सरकार को घेरने पर पूरा जोर लगाएगी। इसके लिए आरोप पत्र का प्रारूप भी तैयार किया जा चुका है। इसमें आर्थिक अनियमितता के 172, कुशासन के 126 और कुप्रबंधन के 98 बिंदु शामिल किए गए हैं। अगले महीने आरोप पत्र को अंतिम रूप देकर जारी कर दिया जाएगा। आरोप पत्र के मामलों को कांग्रेस ने मैदानी स्तर तक ले जाने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए पार्टी द्वारा संभाग और जिला स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की पत्रकारवार्ताएं कराने की योजना है। इनमें महंगाई से राहत और युवाओं को रोजगार दिलाने में सरकार की असफलता को प्रमुखता से बताया जाएगा। भाजपा सरकार को घेरने के लिए तैयार किए गए आरोप पत्र में सरकार के दौरान पोषण आहार, मध्याह्न भोजन, अवैध खनन, व्यापाम भर्ती, नर्सिंग कॉलेज, बिजली खरीदी के अनुबंध, पैरामेडिकल छात्रवृत्ति, सडक़ एवं बांध निर्माण, कन्यादान, प्रधानमंत्री आवास, गेहूं खरीदी, परिवहन व भंडारण, ई-टेंडर, नर्मदा सेवा यात्रा अंतर्गत हुए पौधारोपण की अनियमितता को शामिल किया गया है। समिति के उपाध्यक्ष पारस सकलेचा का कहना है कि प्रत्येक आरोप के प्रमाणिक दस्तावेज हैं। जिलेवार जो आरोप पत्र तैयार होगा, उसमें स्थानीय मुद्दों को शामिल किया जाएगा।