मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब महज छह माह
का ही समय रह गया है, ऐसे में प्रदेश में राजनैतिक हलचल तेज होती जा रही है। इसी क्रम में अब कांग्रेस ने शिव सरकार के मंत्रियों को उनके ही घरों में घेरने की योजना बनाई है। इसमें उन मंत्रियों पर खास फोकस किया जा रहा है, जिनकी वजह से कमलनाथ सरकार को 15 माह में ही सत्ता से बेदखल होना पड़ गया था। इसके साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर आक्रामक हमला करने की भी रणनीति बनाई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मंत्रियों की घेराबंदी के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगा दी गई है, जो जल्द ही मंत्रियों को घेरने की रणनीति बनाकर उनके इलाकों में सक्रिय हो जाएंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ शिवराज सरकार में उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के विधानसभा क्षेत्र बदनावर में कल पहुंच रहे हैं। वहीं, दिग्विजय सिंह गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के निर्वाचन क्षेत्र दतिया में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने जा रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक भी इन क्षेत्रों में जाएंगे और कार्यकर्ताओं से संवाद कर उन्हें मंत्रियों के घेरने के टिप्स देंगे। इसके साथ ही कांग्रेस के रणनीतिकारों ने मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी के बड़े नेताओं की एक-एक जनसभा भी जल्द ही आयोजित करने की तैयारी शुरु कर दी है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस द्वारा तैयार की गई रणनीति के तहत मंत्रियों की घेराबंदी पर फोकस करना तय किया गया है। इसमें श्रीमंत समर्थक गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित वे सभी भी शामिल हैं, जो कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गए थे। इन सभी की घेराबंदी इन्हीं के क्षेत्रों में की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा ऐसे मंत्रियों के इलाकों में लगातार दौरे किए जा रहे हैं, जिन्हें और तेज किया जा रहा है। इसकी वजह भी है। कांग्रेस इन मंत्रियों को उनके इलाकों से बाहर नहीं निकलने देना चाहती है , जिससे की वे दूसरी सीटों पर फोकस नहीं कर सके और उसका फायदा कांग्रेस उठा सके। इसके अलावा पार्टी की रणनीति प्रदेश के हर अंचल में चुनाव से पहले प्रियंका गांधी सहित अन्य राष्ट्रीय बड़े नेताओं की एक-एक सभा कराने की भी है।
यह मंत्री भी कांग्रेस के निशाने पर
इसके अलावा कांग्रेस ने शिव सरकार के दिग्गज मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, अरविंद भदौरिया, विश्वास सारंग के निर्वाचन क्षेत्रों पर भी पूरी तरह से फोकस करना तय किया है। इसकी वजह है दतिया और खुरई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाकर प्रताडि़त करने के सर्वाधिक मामले हैं। कमल पटेल और अरविंद भदौरिया किसान कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमलावर बने हुए हैं, तो वहीं विश्वास सारंग लगातार कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बयानवाजी करते रहते हैं। इसके लिए पार्टी के सभी सहयोगी संगठनों से कहा गया है कि वे मंत्रियों के क्षेत्र में मतदान केंद्र स्तर पर मतदाताओं से संपर्क करके कार्यक्रम को गति दें और मतदाता सूची का सत्यापन भी कराएं।
की जा रही दामदार प्रत्याशियों की तलाश
मंत्रियों के इलाके में इस बार कांग्रेस ऐसे चेहरों की तलाश भी कर रही है , जो उन्हें मजबूत चुनौति दे सकते हैं। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक से फीडबैक लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। कमलनाथ द्वारा यह पहले ही तय किया जा चुका है, कि इस बार टिकट वितरण में नेताओं की पसंद -नापसंद की जगह सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार ही मैदान में उतारा जाएगा। दरअसल यह निर्णय बीते आमचुनाव के आए परिणामों से सबक लेते हुए किया गया है। बीते चुनाव में कई बड़े नेताओं की पसंद के आधार पर उम्मीदवार उतारे गए थे, जिसकी वजह से पार्टी को कई जगह करारी हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा नेताओं पर भी है नजर
जिन मंत्रियों के इलाकों में कांग्रेस के पास मंत्रियों को कड़ी चुनौति देने वाले नेताओं की कमी है, उन इलाकों में कांग्रेस की नजर पार्टी से नाराज चल रहे भाजपा नेताओं पर भी बनी हुई है। दरअसल कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर श्रीमंत और उनके समर्थक विधायकों के दलबदल के बाद कांग्रेस के पास विपक्ष को चुनौति देने वाले चेहरों की कमी महसूस की जा रही है। कांग्रेस के इस कदम से भाजपा को दोहरा नुकसान पहुंचाने की तैयारी भी गुपचुप रुप से की जा रही है।
इनका कहना है
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि प्रमाणिक जानकारियों के साथ भ्रष्टाचार, कुशासन और कुप्रबंधन को लेकर अपनी बात जनता के सामने रखेंगे। मंत्रियों को लेकर उनके ही क्षेत्र में नाराजगी है। हम उन्हें वहीं घेरेंगे। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता अब मैदान में उतर चुके हैं और दौरे भी बढ़ेंगे। मंत्रियों के साथ भाजपा के प्रमुख नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों में भी जनसभाएं होंगी। इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।