मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान समाप्ति का इंतजार.
प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने की तैयारी में है। इसमें आईएएस के साथ ही बड़े पैमाने पर आईपीएस अफसरों की भी नए सिरे से पदस्थापनाएं की जाएंगी। इसके लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के दूसरे चरण की समाप्ती का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच राप्रसे के अफसरों की आईएएस के लिए डीपीसी भी हो जाएगी और रापुसे के अफसरों के आईपीएस बनने के लिए हो चुकी डीपीसी के बाद नोटिफिकेसन भी जारी हो जाएगा। दरअसल इन पदोन्नत होने वाले अफसरों की भी नए सिरे से पदस्थापनाएं करनी ही है, साथ ही कुछ प्रमुख सचिवों, सचिवों समेत एक दर्जन कलेक्टरों की भी नए सिरे से पदस्थापनाएं प्रस्तावित हैं। दरअसल इन दिनों प्रदेश में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान का दूसरा चरण चल रहा है। इस अभियान के समाप्त होने के बाद मैदानी स्तर पर पदस्थ आईएएस और आईपीएस अफसरों का फरफॉरमेंस का आंकलन भी किया जाएगा। इस अभियान में अच्छा काम नहीं करने वाले अफसरों को भी बदला जाएगा। इस फेरबदल को चुनाव से पहले अंतिम सर्जरी के रुप में देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना किए जाने को लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रमुख सचिव जीएडी (कार्मिक) दीप्ति गौड़ मुकर्जी के बीच दो तीन बार मंथन किया जा चुका है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के दूसरे चरण में 67 प्रकार की सेवाओं संबंधी प्राप्त आवेदनों और सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण को कलेक्टर की परफॉरमेंस से जोड़ा जाएगा। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले कलेक्टरों को जिले से हटा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री बार-बार कलेक्टरों समेत अन्य अफसरों को जन सेवा अभियान में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश पहले ही दे चुके हैं। इसके अलावा ऐसे कलेक्टर जो एक ही जिले में तीन साल से ज्यादा समय से पदस्थ हैं, उन्हें भी हटाया जाना है। इनमें से कुछ को मंत्रालय में पदस्थ किया जा सकता है और अच्छा काम करने वाले कलेक्टरों को एक जिले से हटाकर दूसरे जिलों में भी पदस्थ किया जा सकता है।
बैंस ही रहेंगे सीएस
मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। नए सीएस को लेकर कोई हलचल नहीं होने से यह तय माना जा रहा है कि उन्हें एक बार फिर से सेवा वृद्धि मिलेगी और वे ही चुनाव होने तक प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया बने रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने अब तक सीएस इकबाल सिंह बैंस का सेवा वृद्धि का प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा है। हालांकि प्रदेश में छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्य सचिव बैंस को दूसरी बार सेवा वृद्धि मिलना तय माना जा रहा है। इससे पूर्व बैंस को 30 नवंबर, 2022 को रिटायरमेंट के दिन ही छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया था, जिसकी अवधि 31 मई को समाप्त होगी।
33 अफसर बनेंगे आईएएस
राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति के लिए कल19 मई को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। यह डीपीसी दो सालों की एक साथ हो रही है। राप्रसे से आईएएस के लिए वर्ष 2021 और 2022 के पदों के लिए डीपीसी होना है। डीपीसी में पदोन्नति के लिए जिन अफसरों के नामों पर विचार किया जाएगा, उनमें विवेक सिंह, पंकज शर्मा, सुनील दुबे, राजेश जैन, जयेंद्र विजयवत, प्रमोद शुक्ला, गजेंद्र सिंह नागेश, प्रताप नारायण यादव, सरोधन। सिंह, अनुराग सक्सेना, मल्लिका निगम सोलंकी, मंजूषा राय, संघमित्रा गौतम, संजना जैन, सुचिस्मिता सक्सेना, कीर्ति नागवंशी, कमल नागर, डीके नागेंद्र, मनोज सरयाम, डीपी वर्मा, जीएस धुर्वे, अहिरवार, कमलेश भार्गव, अभय सिंह ओरिया, संदीप केरकेट्टा, अंजलि जोसफ, रेखा राठौर, नवीत धुर्वे, सोजान सिंह रावत, वंदना शर्मा, अर्चना सोलंकी, नंदा भलावी, अनिल दामोदर, सविता झारिया, सारिका भूरिया, कमल सोलंकी, जितेंद्र सिंह चौहान सहित 57 अफसर शामिल हैं। आईएएस अवार्ड के बाद इनकी भी नई पदस्थापना करनी होगी।
तबादलों से प्रतिबंध को लेकर असमंजय
बीते माह से ही प्रदेश में अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादलों से प्रतिबंध हटाने के कयासों को दौर चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों की नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर ली गई है, जिसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए भेजा जाना है। हालांकि अब तक सरकार तबादलों से प्रतिबंध हटाने को लेकर कोई फैसला नहीं कर सकी है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब भी सरकार तबादलों से प्रतिबंध हटाती हैं, तो थोकबंद तबादले होते हैं और मंत्रियों पर लेन-देन के आरोप लगते हैं। इससे सरकार की छवि खराब होती है। सरकार नहीं चाहती कि चुनाव से पहले तबादलों में भ्रष्टाचार को लेकर उस पर सवाल उठें, इसलिए तबादलों से प्रतिबंध हटाने को लेकर सरकार स्तर पर विचार जारी है।