शिव का दावा-कांग्रेस मप्र में कर्नाटक से अच्छा करेगी प्रदर्शन
दो दिवसीय मप्र के दौरे पर आए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का दावा है कि मप्र में कांग्रेस कर्नाटक की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में लोग पूरी तरह से बदलाव का मन बना चुके है। प्रदेश में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनेगी। कर्नाटक से ज्यादा सीटें मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मिलेंगी। उन्होंने कहा, मैं भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी मध्यप्रदेश आया था, तब यहां का माहौल देखा था। जनता पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में है। डीके ने कहा, मध्यप्रदेश में मेरी भूमिका क्या होगी, यह पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मप्र में काफी केस झूठे लगाए जा रहे हैं और हमारे कार्यकर्ता डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
टिकट के लिए नई योग्यता
अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार कमजोर प्रत्याशी चुनाव लडऩे का मन न बनाए, क्योंकि ऐसे लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा। अब चुनाव लडऩा है, तो साम, दाम, दंड, भेद से लडऩा होगा। उन्होंने भिंड में कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि जिले में चुनाव के दौरान गोलियां चलती हैं, इसी वजह से ही शक्तिशाली प्रत्याशियों को टिकट वितरण में कांग्रेस वरीयता देगी। कोई भी कमजोर प्रत्याशी जो ढीले-ढाले हैं, वे टिकट की उम्मीद न करें, अब चुनाव में हर तरीके से तैयारी हो, साम-दाम-दंड-भेद, लाठी की जरूरत हो और लाठी चला सकें, तभी चुनाव में सफलता मिलेगी। उनका यह बयान सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
जीएडी की गंभीरता उजागर
प्रदेश के मंत्रालय में किस तरह से काम होता है और आदेशों को जारी करने को लेकर कितनी गंभीरता बरती जाती है, इसकी एक बार फिर से पोल खुल गई। यह मामला है मुरैना कलेक्टर के छुट्टी पर जाने पर दूसरे अफसर को प्रभार देने का। इस मामले में सीनियर को दरकिनार कर जूनियर को प्रभारी कलेक्टर बना दिया गया। अहम बात यह है कि आदेश जीएडी के बाबू से लेकर पीएस और सीएस के दफ्तर तक में यह गलती नहीं पकड़ी गई और आदेश जारी कर दिया गया। दरअसल कलेक्टर अंकित अस्थाना के 8 दिनों की छुट्टी पर जाने के बाद जूनियर एडिशनल कलेक्टर इच्छित गढ़पाले को कलेक्टर का प्रभार सौंपा गया। इच्छित 2008 बैच के अफसर हैं। लेकिन, आदेश में उन्हें 2006 बैच का अफसर बताकर प्रभार दे दिया गया। जबकि 2008 बैच में उनसे सीनियर नरोत्तम भार्गव को दरकिनार कर दिया गया।
हर जिले में होगा खेल सेंटर
जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाएं तलाशने और पूर्व खिलाडिय़ों की आय का स्त्रोत निश्चित करने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) प्रदेश के सभी जिलों में खेलो इंडिया सेंटर शुरू कर रहा है। ये सेंटर डे बोर्डिंग होंगे। इससे गांवों तक खेलों का दायरा बढ़ेगा। इन सेंटर का संचालन पूर्व चैंपियन खिलाड़ी या एनआइएस कोच करेंगे। इन सेंटरों को इस माह के अंत तक शुरु करने की तैयारी है। चार वर्ष तक साई इन सेंटर्स को मदद देगा। पूर्व खिलाड़ी ब्लॉक, जिला स्तर पर सरकारी या गैरसरकारी स्कूल, कॉलेज, संस्था व अन्य खेल इंन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन उन्हें एमओयू साइन करना होगा। इसके लिए 32 जिलों में कोच नियुक्त किए जा चुके हैं। सेंटरों पर तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, हॉकी व अन्य खेल होंगे।