लाड़ली योजना में अब हर महीने 50 करोड़ होंगे अतिरिक्त खर्च

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब


उन महिलाओं को भी लड़ली बहना योजना का लाभ देने जा रहे है, जो नवविवाहिता हैं और उनकी उम्र 21 साल है। वे भी अब इस योजना के लिए पात्र होंगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से अब सरकारी खजाने पर हर माह 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आना तय है। यह वे महिलाएं हैं जिन्हें अभी इस योजना में अपात्र माना जा रहा था। इस वजह से अब इस योजना में पांच लाख नई महिलाएं शामिल हो जाएंगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा की गई राशि में वृद्धि की घोषणा से भी आने वाले सालों में खजाने पर 30 हजार करोड़ का भार बढ़ेगा। इस वजह से प्रदेश के खाली सरकारी खजाने की हालत और खराब होना तय है। दरअसल सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना के तहत एक क्लिक पर सवा करोड़ महिलाओं के खाते में एक -एक हजार रुपए को डाला है। इस दौरान उन्होंने विवाहित पात्र बहन की आयु न्यूनतम 23 वर्ष में दो साल की कमी की घोषणा करते हुए उसे 21 वर्ष करने का भी ऐलान किया था।
फिलहाल अभी 23 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को ही इस योजना में पात्र माना गया है। सरकार की इन दोनों ही घोषणाओं पर अमल होने के बाद सरकारी खजाने पर भारी-भरकम बोझ बढ़ना तय है। इस मामले में विभाग के आला अफसरों का कहना है कि बीते महीने योजना के लिए पंजीयन के दौरान बड़ी संख्या में यह बात सामने आयी थी कि 23 साल से कम उम्र की विवाहित महिलाएं योजना के लिए पात्र नहीं होने से वे नाराज हैं। इसकी वजह है , प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 23 साल से कम है और वे विवाहित हैं। इसके बाद ही इस योजना में पात्रता के लिए तय आयु 23 से घटाकर 21 वर्ष किए जाने की कवायद की जा रही है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में नई महिला हितग्राही महिलाओं के नाम भी इस योजना में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए योजना में महिलाओं का पंजीयन कराने फिर से पोर्टल को खोला जाएगा। इसके साथ ही पंजीयन कराने को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सूत्रों की माने तो पंजीयन के लिए इसी सप्ताह पोर्टल खोला जा सकता है। सरकार चाहती है कि नई पात्र महिलाओं का इस माह में ही पूरी तरह से पंजीयन करा लिया जाए , जिससे की उन्हें भी अगले माह से राशि का भुगतान किया जा सके। योजना में शामिल होने वाली इन नई महिला हितग्राहियों को एक-एक हजार रुपए की राशि अगले महीने से देने के लिए शासन स्तर पर कवायद शुरु कर दी गई है।
महिला बाल विकास विभाग का अनुमान है कि महिलाओं की योजना में पात्रता के लिए उम्र दो वर्ष कम करने से करीब पांच लाख नई महिलाएं योजना में शामिल हो सकती हैं। इन महिलाओं को हर महीने एक- एक हजार रुपए दिए जाने से लाड़ली बहना योजना में सरकारी खजाने पर हर महीने करीब 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। वर्तमान में सवा करोड़ महिलाओं को हर महीने एक- एक हजार रुपए दिए जाने से योजना पर सालाना करीब 14 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च आना तय है। अब न्यूनतम आयु में दो साल की कमी किए जाने से यह राशि सालाना बढक़र करीब 15 हजार करोड़ रुपए हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार योजना में क्रमश: राशि बढऩे से योजना पर होने वाला खर्च भी उसी अनुपात में बढ़ता जाएगा। जब भी सरकार महिलाओं को हर महीने 3-3 हजार रुपए देगी, तो योजना पर हर महीने 3600 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। उधर, इस योजना के शुरुआत होने के समय जिस तरह से महिलाओं में उमंग और उत्साह दिखा है उसकी वजह से भाजपा में भी ङ्क्षचताए कम हुई हैं।
सियासी गेम चेंजर साबित होगी
मप्र में शिवराज सिंह चौहान सरकार को लाड़ली बहना योजना से चुनाव में बेहद उम्मीदें हैं। इसकी वजह है इस योजना को लेकर प्रदेश की महिलाओं में बेहद उत्साह बना हुआ है। शिवराज सरकार की ये लाड़ली बहना योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है। इस योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाता में जमा होना शुरू हो गई है। प्रदेश में जब से लाड़ली बहना योजना लॉच हुई है। बहनों की आंखों में आत्म विश्वास भरी मुस्कान दिखने लगी है। खुद मुख्यमंत्री का भी कहना है कि मैं बहनों की आंखों में आंसू नहीं, सशक्त आत्मविश्वास से भरी मुस्कान देखना चाहता हूं। ईश्वर ने मुझे बहनों की जिंदगी बदलने के लिए मुख्यमंत्री बनाया है। हमारी सरकार बहनों के लिए सुख, समृद्धि, सुरक्षा और आनंद के मार्ग के साथ उनकी प्रगति के अवसर निर्मित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए, इस उद्देश्य से ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गई।
यह है मकसद
लाड़ली बहना योजना ने बेहद कम समय में तमाम उन योजनाओं को लोकप्रियता के मामले में पीछे छोड़ दिया है, जिन्हें अब तक लोकप्रियता की श्रेणी में रखा जाता था। इसकी वजह यह है की यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। परिवारों में महिलाओं को पैसों के लिए मोहताज के साथ ही पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ा है। बहनों के पास स्वयं और अपने बच्चों की बेहतरी पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं होते हैं। विशेष रूप से गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों की महिलाओं की इस निर्भरता और बेचारगी की स्थिति को बदलने की मुख्यमंत्री की तड़प की वजह से ही यह योजना लाई गई है। आर्थिक सशक्तिकरण आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान का आधार है। बहनों के सशक्तिकरण के लिए सीधे उनके खाते में पैसा डालने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई है।