शशांक मिश्रा व संकेत भोंडवे बनेंगे केन्द्र में संयुक्त सचिव
केंद्र सरकार में प्रदेश का जलवा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में अब मप्र कैडर के दो अफसरों को भी केन्द्र में संयुक्त सचिव बनने का रास्ता साफ हो गया है। यह दोनों अधिकारी उस सूची में शामिल हैं, जिसमेंं भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2007 बैच के अधिकारियों को संयुक्त सचिव बनाया जा रहा है। इसमें उन विभिन्न प्रदेश के 26 अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं, जिन्हें संयुक्त सचिव बनाया जाना है। इसमें मध्यप्रदेश कैडर के दो अधिकारी शशांक मिश्रा तथा संकेत भोंडवे का नाम भी है। शशांक व संकेत इस समय प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में पदस्थ हैं। संकेत भोंडवे केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री के ओएसडी तथा शशांक भारत सरकार में वित्त मंत्रालय में पदस्थ हैं।
छलका इमरती का दर्द
भारतीय जनता पार्टी में अब पार्टी के नेता ही समस्याओं को लेकर आमने-सामने हो रहे हैं। ऐसा ही मामला है श्रीमंत समर्थक दो मंत्रियों का। डबरा में बिजली समस्या से तंग लघु उद्योग निगम अध्यक्ष इमरती देवी व्यापारियों और पार्षदों को लेकर बीते रोज ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर शिकायत करने जा पहुंची। इमरती ने कहा, भीषण गर्मी में डबरा में अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। अफसर सुन नहीं रहे। इमरती ने कहा, दिन में 4-5 बार बिजली काटी जा रही है और मनमाने बिल थमाए जा रहे हैं। इसके बाद शाम को ऊर्जा मंत्री डबरा पहुंचे और लोगों की समस्याओं को सुनकर इमरती की गुस्सा को शांत कराया।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को लगा झटका, याचिका खारिज
मप्र हाईकोर्ट से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को करारा झटका लगा है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मानहानि मामले को निरस्त करने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने ग्वालियर की कोर्ट में दिग्विजय सिंह के खिलाफ परिवाद दायर किया है, जिसमें दिग्विजय सिंह पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खिलाफ गलत और अर्नगल टिप्पणियां करके मानहानि करने का आरोप लगाया था। 31 अगस्त 2019 में भिंड में एक सभा के दौरान उन्होंने गलत बयानबाजी की थी। इसके खिलाफ दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
श्रीमंत के पूर्व पीए को नहीं मिली राहत
श्रीमंत के पूर्व पीए को न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील में भी राहत नहीं मिली है। उनकी अपील को अपर सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा को आदेश दिया है कि 1 करोड़ 65 लाख 9 हजार 500 रुपए एक माह के भीतर डॉ. एएस भल्ला को वापस करें। कोर्ट ने दोनों की तीन- तीन महीने की सजा को बरकरार रखते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है। बता दें कि श्रीमंत के रमेश निज सचिव (पीए) रहे हैं। रमेश ने मैक्स डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए 1.08 करोड़ 40 हजार उधार लिए थे। भल्ला ने रुपए मांगे तो 1 करोड़, 8 लाख 40 हजार का चेक दे दिया। बैंक में चेक लगाया तो बाउंस हो गया था। इसके बाद दोनों पर मामला दायर किया गया था।