लाड़लियों के खातों में पहुंचे 12 अरब

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरु की गई मुख्यमंत्री


लाड़ली बहना योजना से महिलाओं की जिन्दगी बदलना शुरु हो गई है। प्रदेश की सवा करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में 1-1 हजार रुपए डाले जा चुके हैं, जिसकी वजह से अब उनकी जेब भी भर गई है। यह राशि आने के बाद से महिलाओं में खुशी का संचार हुआ है। इस वजह से अब महिलाएं मजबूर नहीं, मजबूत बन रही हैं। इस योजना की घोषणा के बाद से ही राज्य शासन और जन-प्रतिनिधियों द्वारा मिशन मोड पर कार्य शुरु कर दिया गया था। मुख्यमंत्री चौहान स्वयं इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तरह से फोकस किए हुए थे।
यही वजह है कि योजना लागू करने से पहले उनके द्वारा 30 बार कलेक्टरों एवं मंत्रियों से बात की गई। सभी पात्र लाड़ली बहनों की समग्र पोर्टल पर नि:शुल्क आधार ई-केवायसी कराई गई और बैंक खाते आधार लिंक्ड डीबीटी एनबल्ड कराए गए। मुख्यमंत्री ने 5 मार्च को इस योजना को लांच किया और घोषणा के मात्र 95 दिनों में 10 जून को एक करोड़ 25 लाख पंजीकृत महिलाओं के खाते में 1209 करोड़ 64 लाख रुपए की राशि डाली गई है। अब तक 98.51 हितग्राही लाड़ली बहनों के खाते में राशि पहुंच गई है। प्रत्येक ग्राम, नगरीय निकाय के वार्ड में समग्र आईडी के आधार पर 23 से 60 वर्ष आयु वर्ग महिला हितग्राहियों की सूची पोर्टल पर प्रदर्शित की गई। इस सूची में जिन महिलाओं की समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवायसी नहीं थी, उनको चिन्हांकित किया गया। प्रारंभ में लगभग 20 लाख महिलाओं की ही समग्र पोर्टल पर आधार की ई- केवायसी थी।

23 से 60 वर्ष आयु वर्ग की जिन महिलाओं की समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी नहीं थी, उनकी ई-केवायसी पूर्ण कराने के लिए विशेष कैंप लगाए गए। डीबीटी सक्रिय कराने बैंकों में विशेष काउंटर लगवाए थे। स्थानीय प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय प्रशासन विभाग के सहयोग से सूची के आधार पर चिन्हांकित महिलाओं से सम्पर्क कर उनके डीबीटी सक्रिय कराने के आवेदन प्राप्त किए, उन्हें संबंधित बैंक की शाखाओं में जमा कराए। जिन प्रकरणों में महिला खाता धारकों को स्वयं बैंक में उपस्थित होकर कार्यवाही पूर्ण कराई जानी आवश्यक थी, उन महिलाओं को बैंकों में भेज कर डीबीटी सक्रिय की कार्यवाही पूर्ण कराई गई। प्रदेश में संचालित समस्त बैंकों की शाखाओं में योजना की पंजीकृत महिलाओं के डीबीटी सक्रिय करने के लिए विशेष काउंटर लगवाए गए। जिलों में महिला हितग्राहियों को मोबिलाइज करने के लिए एनआरएलएम, एनयूएलएम, जन-सेवा मित्र, जन-अभियान परिषद की मदद से आधार सेवा केन्द्रों को सक्रिय किया गया है।
सिर्फ 3 लाख महिलाएं बचीं, इसके लिए भी अभियान
योजना के लिए पंजीकृत पात्र महिलाओं में से लगभग 3 लाख 93 हजार महिलाएं ऐसी है, जिनके खाते में राशि नहीं पहुंच पाई है। उनकी सूची तथा उनकी डीबीटी सक्रिय कराने के लिए अब अभियान चलाया जा रहा है और मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही इनके खाते में भी राशि पहुंच जाएगी। महिला हितग्राही एवं बैंक शाखा द्वारा क्या कार्यवाही की जानी है, इसकी जानकारी पोर्टल पर हितग्राहीवार प्रदर्शित की जा रही है। डीबीटी सक्रिय हुए खातों के हितग्राहियों को क्रमशः: 19 जून, 22 जून और 26 जून 2023 को भुगतान के लिए शेड्यूल निर्धारित कर भुगतान किया जाएगा।
जल्द होगा शेष लाड़ली बहनों के खाते में भुगतान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में राशि अंतरण के बाद शेष रही बहनों को भी खाते में शीघ्र पैसा पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास तत्परता से करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन एक लाख 78 हजार 891 बहनों के खाते में राशि नहीं पहुंची है, उनसे आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त कर बैंक को उपलब्ध कराई जाए, जिससे उनके खाते में भुगतान हो सके। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आधार सीडिंग कार्य में महापौर, जनपद अध्यक्ष, सरपंच, समस्त जन-प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। जनप्रतिनिधि बहनों के साथ बैंकों में जाकर अकाउंट डाटा अपडेट करने में आवश्यक मदद करें, जिससे योजना की राशि पहुँच सके। बताया गया कि 10 जून से 14 जून के मध्य डीबीटी सक्रिय किये गये 1.07 लाख हितग्राही बहनों के भुगतान आदेश 15 जून को प्रोसेस किये गये हैं।
दी जा रही एसएमएस से जानकारी…
लाड़ली बहनों को एसएमएस कर भुगतान असफल होने की जानकारी दी जा रही है। संदेशों के द्वारा असफल होने के कारण और उनके निराकरण के लिये सुझाव भी प्रेषित किये जा रहे हैं। जिले और स्थानीय निकाय स्तर पर प्रत्येक लाड़ली बहना के भुगतान असफल होने का कारण और निदान प्रदर्शित किया जा रहा है। जिला स्तर से निराकरण के बाद लाड़ली बहनों को भुगतान किये जाने की फिर से कार्यवाही की जानकारी पोर्टल के माध्यम से दी जायेगी।
शिक्षा व पोषण पर खर्च करेंगी राशि
इस योजना के तहत राशि खातों में डाले जाने के बाद जब महिलाओं से बात की गई तो अधिकांश महिलाओं का कहना है कि वे इस राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई के अलावा पोषण पर खर्च करेंगी। इसी तरह से कुछ महिलाओं का कहना है कि वे इससे अपने परिवार की छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करेंगीं और छोटी मोटी बचत का भी प्रयास रहेगा।