प्रमुख मंत्री निशाने पर….

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य


की दोनों प्रमुख पार्टियां, भाजपा और कांग्रेस चुनावी बिसात बिछाने में लग गई हैं। दोनों पार्टियां बड़ी जीत के साथ सत्ता में आना चाहती हैं। इसके लिए कई रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस जहां भाजपा के दिग्गज नेताओं को उनके गढ़ में घेरने की तैयारी कर रही है, वहीं सरकार के प्रमुख मंत्री भी पार्टी के निशाने पर हैं। कांग्रेस की रणनीति के अनुसार शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के प्रमुख मंत्रियों की सीटों पर कांग्रेस की खास नजर है। इनमें कांग्रेस की रणनीति है कि भाजपा को उसी के हथियार से मात दी जाए। इसके लिए भाजपा के पुराने नेताओं को अपने पाले में लाकर चुनावी मैदान में उतारने की रणनीति कांग्रेस बना रही है। कांग्रेस की रणनीति के अनुसार जो मंत्री निशाने पर हैं उनमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, कमल पटेल, विश्वास सारंग सहित अन्य मंत्रियों के नाम शामिल हैं। मप्र में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस अपनी रणनीति को और मजबूत करती जा रही है। जानकारी के अनुसार अब कांग्रेस ने शिवराज सरकार के मंत्रियों को घेरने की प्लानिंग बनाई है। इनमें खास तौर पर सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक शामिल हैं। बता दें कि, अब तक कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में नजर आ रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस के बाकी नेता भी मैदान में नजर आएंगे।
मंत्रियों को उन्हीं के गढ़ में घेरना
दरअसल, कांग्रेस ने प्लानिंग बनाई है कि, अब मप्र सरकार के मंत्रियों को उन्हीं के गढ़ में घेरना है। इसके लिए कांग्रेस के नेता इन मंत्रियों के क्षेत्रों का भ्रमण कर जनता को सरकार की खामियां बताएंगे। इधर अखिल भारतीय कांग्रेस द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक भी मंत्रियों के क्षेत्रों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। जल्द ही मंत्रियों के क्षेत्रों में कांग्रेस एक-एक जनसभा आयोजित करने जा रही है। कांग्रेस ने जो रणनीति बनाई है, उसमें केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री और विधायक खासे निशाने पर हैं। कांग्रेस गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित अन्य सिंधिया समर्थक मंत्री व विधायकों को उन्हीं के गढ़ में घेरेगी। इसके अलावा गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, अरविंद भदौरिया, उच्च चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग के क्षेत्र में भी कांग्रेसी नेता दौरा करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा के अनुसार शिवराज सरकार के मंत्रियों के गढ़ में अब कांग्रेस नेता दौरा करेंगे। जनता को प्रमाणिक जानकारियों के साथ सरकार का भ्रष्टाचार, कुशासन और कुप्रबंधन बताया जाएगा।
रिपोर्ट कार्ड जारी कर घेरेगी
विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड भी जारी करेगी। इसमें मंत्रियों के विभागों की कार्यशैली से संबंधित विषयों को उठाया जाएगा। आरोप पत्र राज्य, जिला और मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र स्तर पर जारी होंगे। इसकी शुरुआत 15 अगस्त के बाद की जाएगी। कांग्रेस ने रिपोर्ट कार्ड के लिए उन मंत्रियों के विभागों को प्रमुखता से लिया गया है जो सीधे जनता से जुड़े हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह की अध्यक्षता वाली आरोप पत्र समिति ने इसकी तैयारी कर ली है। इसमें महालेखाकार और विभाग के प्रतिवेदन, विधानसभा में दिए उत्तर, सूचना का अधिकार कानून सहित अन्य माध्यमों से मिली जानकारियों को आधार बनाया गया है।
मुखर मंत्रियों पर अधिक फोकस
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी का सबसे अधिक फोकस मुखर मंत्रियों पर है। इनमें दतिया, सुरखी, खुरई और बदनावर में कांग्रेस पूरी ताकत लगाने के मूड में है। दतिया प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का गढ़ है, जबकि खुरई नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का गृह क्षेत्र है। सुरखी में परिवहन मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत का एकक्षत्र राज है। बदनावर में उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को चुनौती देना भी आसान नहीं है। कांग्रेस की योजना है कि आने वाले चुनाव में इन्हें विधानसभा पहुंचने से रोका जाए। मजेदार यह है कि खुरई छोडक़र बाकी तीन सीटों पर कांग्रेस, भाजपा के पुराने नेताओं को अपना उम्मीदवार बना सकती है। दतिया में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने संघ के पुराने स्वयंसेवक अवधेश नायक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। खुरई में नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ पूर्व सांसद आनन्द अहिरवार को उतारा जा सकता है। अहिरवार सागर जिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं। खुरई में अहिरवार समाज के करीब 50 हजार वोट हैं। इसी तरह, सुरखी में गोविन्द सिंह राजपूत के मुकाबले राजेन्द्र सिंह मोकलपुर को खड़ा करने की तैयारी कांग्रेस कर रही है। मोकलपुर फिलहाल बीजेपी में हैं, लेकिन राजपूत से उनकी प्रतिद्वंद्विता पुरानी है। इसलिए कांग्रेस उन पर डोरे डाल रही है। बदनावर में राजवर्धन सिंह को घेरने के लिए बीजेपी के पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत पर कांग्रेस की निगाहें टिकी हैं। शेखावत आजकल अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वे नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह के खास मित्र भी हैं। शेखावत को मनाने की जिम्मेदारी गोविंद सिंह को दी गई है। ये चारों मंत्री कांग्रेस के खिलाफ सबसे मुखर रहे हैं। सागर जिले में कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप भाजपा पर लगाती रही है। वहीं, नरोत्तम मिश्रा अपने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनिया-राहुल से लेकर कमलनाथ-दिग्विजय तक को घेरते रहे हैं। पार्टी उन्हें घेरने के लिए विशेष रणनीति बना रही है। देखना यह है कि वो इसमें कितना सफल हो पाती है।