आधी आबादी कराएगी फिर… सत्ता में शिव की वापसी

प्रदेश में महज चार माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में


जीत हासिल करने के लिए अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूरा फोकस आधी आबादी पर है। यही वजह है कि लगातार सीएम उन्हें एक के बाद एक सौगात देने की घोषणा करने के साथ ही उनके क्रियान्वयन पर पूरा जोर लगा रहे हैं। यही वजह है कि अब उनके द्वारा कहा गया है कि वे आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं की आमदनी 10 हजार रुपए प्रतिमाह करने का संकल्प ले चुके हैं। दरअसल चौहान को वैसे ही मामा नहीं कहा जाता है, इसके पीछे उनकी वे योजनाएं हैं, जिनका फायदा प्रदेश में बच्चियों से लेकर महिलाओं तक को मिल रहा है। वे देश के ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री हैं , जिन्हें महिलाएं सीएम की जगह मामा या फिर भाई कहना पसंद करती हैं। उनकी योजनाओं की वजह से ही वे किसी भी प्रदेश में महिलाओं में सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री बने हुए हैं। अब तक प्रदेश में बीते दो दशक में अपनी इसी छवि की वजह से ही वे भाजपा को लगातार सत्ता में वापिस लौटाते रहे हैं। चौहान के अब तक के कार्यकाल में महिलाओं को सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये सरकार ने मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना व लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाओं को मूर्तरूप दिया है। हाल ही में शुरू की गई लाड़ली बहना योजना के तहत प्रदेश की लगभग सवा करोड़ महिलाओं को 15 हजार करोड़ रुपए सरकार हर माह दे रही है। इसमें भी धीरे-धीरे राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए करनेे की योजना है।
मुख्यमंत्री ने बीते रोज ग्वालियर में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन-सह-मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के हर गांव में महिलाओं को लाड़ली बहना सेना में संगठित किया जायेगा। छोटे गांव की लाड़ली बहना सेना में 11 महिला सदस्य और बड़े गांव में 21 महिलाएं शामिल की जायेंगीं। इसी तरह से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में जो महिलाएं पंजीयन नहीं करा पाई हैं, उनका पंजीयन किया जायेगा। साथ ही अब न्यूनतम 21 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को भी इस योजना से जोड़ा जायेगा। पहले इस योजना में 23 वर्ष न्यूनतम आयु थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्वालियर जिले की जनपद पंचायत घाटीगांव के ग्राम रेहट से आईं महिलाओं को लाड़ली बहना सेना के कार्यालय भवन की चाबी एवं भवन आवंटन पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यालय भवन में बैठकर गांव की महिलाएं अपनी तरक्की की नई इबारत लिख सकेंगीं। उन्होंने सेना को कार्यालय भवन उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की। इस दौरान ग्राम सिकरोदी निवासी श्रीमती भावना मौर्य एवं श्रीमती सीमा द्वारा खुद से तैयार किया गया कुर्ता बतौर उपहार मुख्यमंत्री को भेंट किये तो वे भाव विभोर हो गए और कहा इसे हम अवश्य पहनेंगे।
पाल और धनगर समाज का बोर्ड गठित होगा
सीमए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सब लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के वंशज हैं। उनके लोक-कल्याण के लिए किए गए कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। ग्वालियर में मां अहिल्याबाई होल्कर का भव्य स्मारक बनाया जाएगा। बेहटा में बन रहे बस स्टैंड का नाम अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही बघेल और धनगर समाज के कल्याण के लिए प्रदेश में एक बोर्ड गठित किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा होगा। लोकमाता अहिल्याबाई के जन्मदिवस पर ऐच्छिक अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा बेहटा में शनिवार को पाल, बघेल और धनगर समाज के सम्मेलन को संबोधित करते समय की है। उन्होंने कहा कि मैं लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के चरणों की सौगंध खाकर कहता हूं कि समाज के कल्याण के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोडूंगा। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए मेधावी छात्रवृत्ति के साथ पाल, बघेल, धनगर समाज के छात्र-छात्राओं को मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए भी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
छात्राओं को मिलेगा दोहरा लाभ
प्रदेश में अब लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 को लागू किया गया है। इसमें छात्राओं को तीन साल की डिग्री पूर्ण करने के दौरान 25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा छात्राएं अपने वर्ग की स्कालरशिप भी ले सकेंगी। कॉलेज में प्रवेश लेते समय दो प्रकार से आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। शासन ने भी छात्राओं को और आगे बढ़ाने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 को भी कॉलेजों में लागू कर दिया है। योजना के तहत छात्राओं को 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। योजना का लाभ उन्हीं छात्राओं को दिया जाएगा, जिसमें उनके माता-पिता की दो संतान ही हो। उनके माता-पिता ने परिवार नियोजन कराया हो। इसके अलावा छात्रा के माता -पिता आयकर की श्रेणी में ना आते हों। वे आयकरदाता नहीं होना चाहिए। छात्राओं को तीन साल की डिग्री के दौरान दो किश्तों में प्रोत्साहन राशि अदा की जाएगी। पहली किस्त प्रथम वर्ष और दूसरी किस्त अंतिम वर्ष के अध्ययन के दौरान दी जाएगी। इसके साथ छात्राओं की पूरी फीस भी शासन द्वारा जमा की जाएगी। स्कीम को लागू करने में निजी और प्राइवेट कॉलेजों का बंधन नहीं रहेगा। छात्राएं प्रदेश के किसी भी उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं।
छात्राएं होंगी मालामाल
छात्राएं यूजी में प्रवेश लेने के दौरान लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का आवेदन करने के साथ अपने वर्ग जैसे ओबीसी, एससी-एसटी की स्कालरशिप भी ले सकेंगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 की पात्रता होने पर छात्राएं गांव की बेटी और प्रतिभा किरण योजना का आवेदन नहीं कर पाएंगे। छात्राएं उसी प्रोत्साहन राशि का चयन करेंगी, जिनसे उन्हें आर्थिक लाभ ज्यादा हो रहा हो। गांव की बेटी और प्रतिभा किरण में छात्राओं को छह हजार रुपए सालाना दिए जाते हैं। इसके चलते छात्राएं लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 का चयन करना ज्यादा पसंद करेंगी।