दो दर्जन अफसर आए लोकायुक्त के निशाने पर.
श्योपुर जिले में पौधरोपण के नाम पर 3.40 करोड़ रुपये का घोटाला करने वाले दो दर्जन अफसर आखिरकार लोकायुक्त के निशाने पर आ ही गए हैं। अब उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। दरअसल चंबल नहर के किनारे यहां लाखों पौधे कागजों में लगा दिए गए। यह पूरा मामला 2014 का है। उस समय जिले में चंबल नहर के किनारे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत यह पौधारोपण हुआ था। इस मामले में तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य तुलसी नारायण मीणा ने शिकायत की थी। मामले में कार्यपालन यंत्री एसएन वर्मा, कार्यपालन यंत्री बीएस मोहनिया, सहायक यंत्री एसके जैन, एसके सक्सेना, एससी गुप्ता, विकास राजौरिया, बीके गर्ग, एमएस गुप्ता, एसके जाटव, पीएल साहू को भी आरोपी बनाया गया है।
३० साल बाद पेश हुए पूर्व डीजीपी
प्रदेश में एक ऐसा प्रकरण सामने आया है, जिसकी एफआईआर तीस साल पहले हुई और उसके प्रमुख गवाह की पहली पेशी तीन दशक बाद बीते रोज हुई। मामला साढ़े पांच लाख रुपए के घोटाले का है। बेहद अहम बात यह है कि इस मामले की जांच करने वाले दोनों डीएसपी और घोटाले के एक प्रमुख आरोपी की अब मौत हो चुकी है। मामले की शुरुआत 1993 मैं तब हुई थी, जब मध्यप्रदेश कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अफसर राजेंद्र कुमार सीधी जिले में एसपी थे। कुमार साल 2020 में पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मामले में चालान पेश होने के बाद गड़बड़ी पकड़ने वाले प्रमुख गवाह यानी तत्कालीन एसपी सीधी राजेंद्र कुमार को शुक्रवार 30 जून को पहली बार पेशी पर बुलाया गया था। उन्हें अदालत ने बाकायदा समन जारी कर तलब होने को कहा था।
अफसरों की कमी बताकर कर दिया चार सीएमओ को बहाल
प्रदेश के नगरीय निकायों में अफसरों की कमी बताकर चार सीएमओ की बहाली कर दी गई है। जारी आदेश में इसके साथ ही बहाली के लिए मानवीय आधार भी बताया गया है। इन सभी को लापरवाही और निर्देशों की अनदेखी पर सस्पेंड किया गया था। जिन अफसरों को बहाल किया गया है, उनमें बेगमगंज नगर पालिका परिषद के सीएमओ धीरज शर्मा भी शामिल हैं। उन पर आरोप था कि वे महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से व समय पर न करने, बगैर सूचना गायब रहने, राजस्व वसूली और सीएम हेल्पलाइन का काम ढंग से नहीं करते हैं। इन्हीं कारणों से लहार नगर पालिका परिषद के प्रभारी सीएमओ महेश पुरोहित, बिछुआ नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ चंद्रकिशोर भवरे और शिवपुरी नगर पालिका के सीएमओ शैलेष अवस्थी को भी सस्पेंड किया गया था।
यहां तबादले के लगते हैं दो लाख
रतलाम जिले में पदस्थ प्रभारी उपसंचालक पशु चिकित्सा डीके जैन एक बार फिर चर्चा में हैं। इसकी वजह है उनका वह आडियो जिसमें वे साफतौर पर कह रहे हैं, कि उनके विभाग में नई पदस्थापना के लिए दो लाख रुपए लगते हैं। यही नहीं उनके द्वारा मीडिया के सामने भी खुलासा किया गया है कि उनके विभाग में ट्रांसफर प्रशासनिक हो या स्वयं के व्यय पर, मंत्री को दो लाख रुपये देने पड़ते हैं। मैं इतनी राशि कहां से लाऊंगा, मैंने किसी का ट्रांसफर नहीं कराया। इस बीच जैन के कई आडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक में वह एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से वेतन निकलवाने के लिए दो हजार रुपये तो एक अन्य आडियो में हितग्राही से फार्म भरने के नाम पर दो हजार रुपये की मांग कर रहे हैं।