कर्नाटक फॉर्मूले से मप्र जीतने का प्लान.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनवाने के बाद अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का फोकस मप्र पर है। दरअसल, कांग्रेस ने कर्नाटक के फॉर्मूले पर मप्र जीतने का प्लान बनाया है। इसी के तहत प्रियंका गांधी ने 12 जून को जबलपुर से कांग्रेस के विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है। अब पार्टी प्रदेश के हर अंचल में उन पर दांव लगाएगी। यानी प्रियंका की चुनावी सभाएं कराएगी। इसी कड़ी में प्रियंका अब ग्वालियर-चंबल और विंध्य अंचल में सभाएं करेंगी। गौरतलब है की कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी के लिए कमर कसली है। पार्टी ने 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं प्रदेश में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार के अभियान की शुरुआत महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीसीसी चीफ कमलनाथ के गढ़ से कर दिया है। इसके पहले 2018 विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी मालवा से चुनाव प्रचार अभियान का आगाज कर जबलपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने मां नर्मदा का आर्शीवाद लेकर चुनावी सभा की थी । उसी तर्ज पर इस बार पूर्व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मां नर्मदा का आर्शींवाद लेने के बाद चुनावी सभा को संबोधित किया। पार्टी को उम्मीद है कि, प्रियंका मप्र में भी कर्नाटक की तरह भाजपा की मेहनत पर पानी फेर सकती हैं।
सभाओं की कार्ययोजना हो रही तैयार
जानकारी के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस की ओर से केंद्रीय नेताओं के प्रदेश में दौरे और सभाओं की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक ली। बताया जा रहा है इस बैठक में आगामी रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों का कहना है की रणनीति के तहत अब इस महीने के अंत और अगस्त की शुरुआत में प्रियंका गांधी की ग्वालियर-चंबल और विंध्य में सभाओं की तैयारियां शुरू कर दी गई है। आयोजन स्थल इस हिसाब से तैयार किए जा रहे हैं कि ग्वालियर-चंबल की 34 विधानसभा सीटों के जिले कवर हो सकें। इसी तरह विंध्य की 30 सीटों को कवर किए जाने के लिए भी सभा की तैयारी की जा रही है। कमलनाथ जल्द इस संबंध में दौरे करेंगे। वहीं कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की मीटिंग मंगलवार को होने जा रही है। इस कमेटी में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी समेत दिग्गज नेता शामिल हैं। बैठक में कांग्रेस के जनरल सेक्रे टरी केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल भी मौजूद रहेंगे।
डबल इंजन का तिलिस्म तोडऩे की उम्मीद
दो राज्यों में कांग्रेस को जीत दिलाने के बाद स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी की मप्र में जबरदस्त मांग है। मप्र कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी से उम्मीद लगाए बैठे हैं, कि वे मप्र में भाजपा की डबल इंजन सरकार का तिलिस्म को ध्वस्त करने में कामयाब होंगी। इसलिए प्रियंका गांधी की मौजूदगी सिर्फ महाकौशल प्रांत तक ही सीमित नहीं रहेंगी। पार्टी ने प्रियंका की रैलियां प्रदेश के तमाम संभागीय मुख्यालय पर कराने की योजना तैयार की है, खासतौर से उन इलाकों के संभागों पर खास फोकस किया जा रहा है, जिन्हें प्रदेश में सत्ता की चाबी माना जाता है। लिहाजा प्रियंका गांधी महाकौशल के बाद ग्वालियर-चंबल, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड के संभागों में भी पहुंचेगी। चुनाव प्रचार में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े सहित पार्टी के तमाम सीनियर लीडर मौजूद रहेंगे।
सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर चलेंगी प्रियंका
कर्नाटक चुनाव से साफ है कि कांग्रेस आगामी चुनावों में सॉफ्ट एजेंडे के रास्ते पर चलेगी। यह प्रियंका गांधी के जबलपुर दौरे में भी दिखाई दे चुका है। 12 जून को जबलपुर में प्रियंका गांधी अपने दौरे की शुरूआत मां नर्मदा की पूजा-अर्चना से की। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा मिला था। पिछले चुनाव में मप्र कांग्रेस अभियान की शुरूआत राहुल गांधी ने की थी। मप्र चुनाव प्रचार के दौरान वे चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर, दतिया की मां पीतांबरा पीठ, ग्वालियर के गोपाल मंदिर, ग्वालियर के ही अचलेश्वर मंदिर, उज्जैन महाकाल मंदिर गए थे। इस तरह उन्होंने 5 मंदिरों में जाकर 28 सीटों को कवर किया था और इसमें से 13 पर कांग्रेस को जीत मिली थी। कर्नाटक चुनाव के दौरान प्रियंका भी शिमला के प्रसिद्ध जाखू हनुमान मंदिर और इसके पहले श्रृंगेरी शारदा पीठ पहुंची थीं।
आधी आबादी पर फोकस
उधर लाड़ली बहना योजना के जरिए भाजपा जिस तरह महिला मतदाताओं में अपनी पैठ जमा रही हैं, कांग्रेस को उम्मीद है प्रियंका की एंट्री से यह खत्म हो जाएगा। कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रभारी शोभा ओझा कहती हैं कि भाजपा को सिर्फ चुनाव के समय ही महिलाएं याद आती हैं। यदि भाजपा का फोकस महिला वर्ग पर होता तो मप्र महिला अपराध में नंबर 1 पर नहीं होता। मप्र में भाजपा 18 साल से है और इस दौरान हर वर्ग की महिलाओं के साथ दुराचार हुआ है। थाने तक में महिलाओं के साथ दुराचार हुआ है। प्रियंका गांधी ने 12 जून की रैली में भाजपा को करारा जवाब दिया था।
मोदी-शाह को टक्कर
जिस तरह कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को टक्कर देने के लिए कांग्रेस के रणनीतिकारों ने प्रियंका गांधी का इस्तेमाल किया था, उसी तरह मप्र में भी किया जाएगा। वैसे तो पार्टी की रणनीति है, कि सभी दिग्गज नेताओं को सक्रिय किया जाए। गौरतलब है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए प्रदेश की लगभग 16 जिलों की विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं। वहीं अब पार्टी प्रियंका गांधी को उन क्षेत्रों में भेजने की रणनीति पर काम कर रही है, जहां-जहां मोदी और शाह ने रैली और संभाएं की है या करने जा रहे हैं।