दिग्विजय समर्थकों का भोपाल व इंदौर पर कब्जा.
प्रदेश में कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पार्टी संगठन स्तर पर भी बदलाव जारी रखा है। पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर चार महासचिव और चार जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। खास बात यह है कि इन नियुक्तियों में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का दबदबा बना हुआ है। दिग्विजय समर्थकों को भोपाल और इंदौर शहर की कमान दी गई है। इंदौर शहर कांग्रेस का नया अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा को बनाया गया है। वहीं भोपाल में भी मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने समर्थक मोनू सक्सेना को अध्यक्ष बनवाने में सफल रहे। चड्ढा को अध्यक्ष बनाने के साथ ही शहर अध्यक्ष के दावेदार विशाल अग्निहोत्री और अरविंद बागड़ी और भोपाल कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा को भी प्रदेश महासचिव बनाया गया है।
नशे में धुत डिप्टी रेंजर का अर्धनग्न होकर अस्पताल में हंगामा
बैतूल में पदस्थ डिप्टी रेंजर सोनबा सिरसाम ने शराब के नशे में धुत होकर बीते रोज जिला अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान उसने पेंट खोलकर नग्न होने का प्रयास भी किया। काफी देर तक वह हंगामा करता रहा। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उसे सख्ती से बाहर किया। इसके बाद डिप्टी रेंजर दक्षिण वनमंडल के कार्यालय पहुंचा और वहां पर भी ऊल-जलूल हरकतें कीं। दक्षिण वनमंडल के डीएफओ और प्रभारी उत्पादन डीएफओ विजयानंतम टीआर ने उसे सस्पेंड कर दिया। दरअसल उसके द्वारा एक साल में इस तरह की दूसरी बार इस तरह की हरकत की गई है।
रस्तोगी की जगह मनीष को जल संसाधन का जिम्मा
राज्य सरकार ने बीते रोज चार आईएएस अफसरों की नई पोस्टिंग की है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को हटा दिया गया है। वे पिछले पांच साल से इस पद पर थे, उनकी जगह प्रमुख सचिव निकुंज कुमार श्रीवास्तव को राजस्व और राहत एवं पुनर्वास आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रस्तोगी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बने रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के नेताओं की ओर से भी मुख्यमंत्री के पास फीडबैक और शिकायतें पहुंची थीं। इसी के बाद यह निर्णय हुआ। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वे इन दिनों राजस्व पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे।
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को लगा झटका
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को जोर का झटका लगा है। उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आरक्षित जमीन में से करीब 50 हेक्टेयर भूमि का आवासीय उपयोग बदला जा रहा है। इसके लिए मास्टर प्लान में संशोधन की प्रारंभिक सूचना जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद उज्जैन के मास्टर प्लान में यह बदलाव किया जा रहा है। इसमें सैटेलाइट टाउन सिंहस्थ की करीब 148 हेक्टेयर जमीन का उपयोग पीएसपी के साथ आवासीय कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक मंत्री यादव के फायदा के लिए ऐसा किया गया था। सिंहस्थ में उनके और रिश्तेदारों की भूमियों का यूज बदलकर आवासीय कर दिया गया था। इसके अलावा भाजपा से जुड़े संगठन के पदाधिकारी की भूमि का उपयोग भी रेसीडेंशियल किया गया था। बाकी सभी जमीन पूर्व की तरह कृषि उपयोग के लिए ही रखी गई थी।