मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में गंभीर बीमारियों से जूझ
रहे लोगों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि संजीवनी बनी हुई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि से ढाई माह में करीब 60 करोड़ रुपए जरूरतमंदों के इलाज के लिए मंजूर किए गए हैं। जानकारी के अनुसार मंत्रालय में हर दिन आवेदन देने के लिए 150 से अधिक जरूरतमंद पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से उपचार के लिए सर्वाधिक राशि स्वीकृत की जाती है। प्रदेशभर से प्रकरण विधायक, कलेक्टर सहित अन्य माध्यमों से मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचते हैं। प्राथमिकता पर आधार पर इन्हें स्वीकृत करके सीधे संबद्ध अस्पतालों को राशि अंतरित की जाती है। दुर्घटनाओं में मृतक और गंभीर रूप से बीमार के उपचार के लिए भी स्वेच्छानुदान से ही राशि स्वीकृत की जाती है।
हर आवेदन का परखते हैं सीएम
बताया जाता है की अधिकारियों की जांच-परख के बाद सीएम के पास आवेदनों के साथ लिस्ट उपलब्ध कराई जाती है। सीएम हर आवेदन को परखते हैं और जरूरत के अनुसार स्वयं राशि मंजूर करते हैं। सीएम से स्वीकृत लिस्ट बाद में सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से अलग-अलग जिलों में भेज दी जाती है। इस आधार पर कलेक्टर पीड़ित और अस्पतालों का परीक्षण कराने के बाद ग्लोबल बजट से राशि उपलब्ध करा देते है। मुख्यमंत्री कार्यालय से हर सप्ताह करीब सवा सौ लोगों के लिए राशि मंजूर होने संबंधी नोटशीट जीएडी के पास आती है। एक नोटशीट में अधिकतम दस नाम होते हैं। जीएडी के सचिव श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि औसतन हर दिन एक करोड़ रुपए मंजूर किए जा रहे हैं।
इस साल 200 करोड़ बटेगा…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस साल मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि के तौर पर 200 करोड़ रुपए बांटने का प्रावधान किया है। यह वर्ष 2021-22 में 110 करोड़ रुपए था, जिसमें अनुपूरक बजट के माध्यम से 16 करोड़ 80 लाख रुपए किया गया था। वहीं विधायकों के स्वेच्छानुदान में भी 35 लाख रुपए की वृद्धि करने का प्रस्ताव बनाया गया है, जो अब तक 15 लाख रुपए प्रतिवर्ष थी। इस राशि में से अब तक करीब 60 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। जरूरतमंदों को मिल रही मदद से लोगों की सरकार से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। जानकारी के अनुसार मंत्रालय में बैठे अधिकारी स्वयं कई बार संबंधित आवेदक और अस्पताल में कॉल करके वेरिफिकेशन करते हैं। कई बार होता कि ब्लैक लिस्टेड अस्पतालों के नाम पर सीएम स्वेच्छानुदान से राशि मंजूर हो जाती है। गलत पाए जाने पर प्रस्ताव निरस्त किया जाता है। सभी आवेदन सीएम के पास पहुंचते हैं। सीएम स्वेच्छानुदान का उपयोग मुख्यतौर पर इलाज के लिए किया जा रहा है। जैसे कि कैंसर, किडनी खराब होने, टीबी, अन्य जानलेवा बीमारियां, दुर्घटना में घायल होने आदि। आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए सीएम निवास में चार अधिकारी बैठाए गए हैं और मंत्रालय में भी तीन अधिकारियों की टीम काम कर रही है।