प्रदेश में भाजपा का चुनावी सर्वे फिर हुआ शुरू

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में होने वाले आगामी


विधानसभा चुनाव के लिए अब महज तीन माह का ही समय रह गया है, ऐसे में सभी राजनैतिक दल अपनी-अपनी मैदानी हकीकत के साथ ही अपने-अपने टिकट के दावेदारों की वास्तविकता पता करने के प्रयासों में लगे हुए हैं। इसी क्रम में भाजपा ने अपना दूसरे दौर का सर्वे शुरु करा दिया है। माना जा रहा है कि इसके बाद टिकट तय करने से पहले एक और सर्वे कराया जाएगा। दरअसल भाजपा प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर 3 चरणों में सर्वे करा रही है। जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है, वहीं दूसरे चरण का सर्वे इस समय चल रहा है। बताया जा रहा है। कि विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे इन सर्वे की बेहद अहम भूमिका रहेगी। भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी के मुताबिक मप्र भाजपा ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 200 सीटें जीतने का दावा किया है। जिसके लिए तीन चरणों में गोपनीय तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सर्वे का काम कराया जा रहा है। सर्वे में पार्टी के मौजूदा विधायक या चुनाव में हार चुके विधायक प्रत्याशी की छवि, क्षेत्र में उसकी उपस्थिति, क्षेत्र की जनता से उसका व्यवहार और जनता के काम को प्राथमिकता जैसी जानकारी जुटाई जाती है। वहीं जिस विधानसभा में विरोधी दल का विधायक है तो उसकी स्थिति, क्षेत्र की जनता ने उसे क्यों जिताया था, उसके अच्छे काम के साथ ही वह काम जो जनता के विरोध में किए हैं। इसके अलावा अन्य दावेदारों के बारे में पूरा ब्यौरा जुटाने का काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि इसके पहले प्रदेश स्तर पर सरकार द्वारा भी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से बीते एक साल में कई सर्वे कराए जा चुके हैंं। इन सर्वे में मिली जानकारी के आधार पर ही समय -समय पर संगठन व मुख्यमंत्री की बैठक में विधायकों को उनकी वास्तविक स्थिति भी बताई जाती रही है। इस दौरान कई विधायकों की कमजोर स्थिति की वजह से कामकाज में सुधार लाने की भी नसीहतें दी जाती रही है।
पार्टी आलाकमान का रहता है फोकस
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सर्वे तीन चरण में पूरा होता है। यह सर्वे चुनाव शुरू होने के 8 से 6 माह पहले शुरू होता है। यह सर्वे आचार संहिता लगने के पहले हर दो से तीन महीने के अंतराल में पूरे किए जाते है। पहला और दूसरा सर्वे प्रदेश स्तर पर पार्टी संगठन और तीसरा सर्वे केंद्रीय संगठन के नेतृत्व में पूरा किया जाता है। भाजपा यह सर्वे एजेंसियों के जरिए पूरा कराती है। जो की अपनी रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, चुनाव प्रभारी और केंद्रीय संगठन को सौंपते हैं।
गोपनीय सर्वे में यह जानकारी जुटाती है टीम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सर्वे टीम के सदस्य किसी भी क्षेत्र में जाकर गोपनीय रूप से जाकर जानकारी एकत्रित करते है। टीम जनता से पार्टी के मौजूदा विधायकों के बारे में तो पूरी जानकारी लेती ही है, साथ ही हारे हुए उम्मीदवारों की भी मौजूदा जानकारी लेती है। टीम द्वारा पार्टी के मौजूदा विधायक के प्रभाव , उसके काम का तरीके पर भी जनता से फीडबैक लिया जाता है। इसके अलावा विधायक के क्षेत्र में पार्टी की स्थिति कैसी है, निकाय चुनाव में विधायक के क्षेत्र से पार्टी हारी या जीती, विधायक की जमीनी हकीकत के साथ ही क्षेत्र में कराए गए कामों पर भी सवाल पूछे जाते हैं।