शाह बोले, आगे चीतों की मौत नहीं होगी, नहीं कह सकता
श्योपुर के कूनो-पालपुर अभयारण्य में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों की मौत को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। अब तक सात चीतों की मौत कूनो में हो चुकी है। चीतों की मौत को लेकर वन मंत्री कुंवर विजय शाह का कहना है कि बिना विशेषज्ञों की परमिशन के न तो चीतों को खाना दिया जाता है न उनको छोड़ा जाता है। उनका कहना है कि यह सही नहीं है कि हम लोग उनकी ठीक से रक्षा नहीं कर पाए। आगे से कोई डेथ न हो ये कोई कैसे कह सकता है। जंगल में 24 घंटे कोई उनके साथ कैसे रह सकता है। हाल ही में हुई चीते की मौत के मामले में मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया है कि वह शॉक में चला गया था। यह संवेदनशील जानवर है, जब आपसी लड़ाई होती है तो इनके दिल की धडक़न तेज हो जाती हैं तो वह शॉक में चले जाते हैं।
सीहोर के मिशनरी स्कूल में तिलक व कलावा प्रतिबंधित
सीहोर जिला मुख्यालय के अशासकीय सेंट एनी सीनियर सेकंडरी स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के लिए तिलक व कलावा प्रतिबंधित कर दिया है। स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि उसने स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों को बिना तिलक लगाए और बिना कलावा बांधे आने को कहा है। इससे नाराज विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों ने बीते रोज स्कूल में प्रदर्शन किया। इस दौरान कोतवाली पुलिस और तहसीलदार ने पहुंचकर जांच का आश्वासन दिया तब कहीं मामला शांत हुआ। अखिल विद्यार्थी परिषद के शुभम व्यास व छात्रों का आरोप है कि एक दिन पहले भी कई बच्चों के सिर पर लगे तिलक मिटाने के बाद ही बच्चों को क्लास में बैठने दिया गया था। यही नहीं तो उनके हाथ के कलावे भी खुलवा दिए थे।
बोले पटवारी, भ्रम है तो सीएम ने जांच के आदेश क्यों दिए
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पटवारी चयन परीक्षा में फर्जीवाड़े को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। मीडिया से चर्चा में पटवारी ने कहा, कुछ घंटे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर भ्रमित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को अच्छा नहीं लग रहा कि बीजेपी सरकार रोजगार दे रही है। यदि मिश्रा सही थे तो मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश क्यों दिए, परीक्षा का परिणाम क्यों रोका ? या तो नरोत्तम मिश्रा भ्रष्टाचार में लिप्त हैं? सीएम का विभाग होने के कारण वो जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। या जैसे पार्टी प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि ये सब लूट का झगड़ा है क्या? पटवारी ने कृषि विस्तार अधिकारी, फॉरेस्ट गार्ड, नर्सिंग, संविदा शिक्षक जैसे घोटाले गिनाए। पटवारी ने कहा कि जो ऑनलाइन परीक्षा होती है, उसमे ऑनलाइन घोटाला होता है, बंटवारा भी ऑनलाइन होता है।
नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में डीएमई को मांगनी पड़ी माफी
प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले मामले में सरकार व शासन की जमकर बदनामी हो रही है। इस मामले में हाईकोर्ट भी बेहद सख्त बना हुआ है। वर्ष 2021-22 में प्रदेश के कई अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने के आरोप में फंसी मप्र नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने पर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) अरुण श्रीवास्तव को माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि दो सप्ताह में उचित कार्रवाई कर दी जाएगी। पूर्व रजिस्ट्रार को भोपाल या इंदौर के बजाय कहीं अन्यत्र पदस्थापना दी जाएगी। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने डीएमई की अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लेते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद नियत की हैं।