मंडल की बोर्ड परीक्षा में नहीं आएंगे वस्तुनिष्ठ प्रश्न.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। इस बार प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं के छात्रों को परीक्षा में नए पैटर्न के प्रश्रपत्रों का सामना करना होगा। इसकी वजह है मंडल ने अब अपने मातहत संचालित स्कूलों के प्रश्रपत्रों के पैटर्न में बदलाव की तैयारी कर ली है। इस बदलाव का असर 18 लाख विद्यार्थियों पर पड़ेगा। मंडल अब पूरी तरह से सीबीएसई के पैटर्न पर ही प्रश्रपत्रों को तैयार करने जा रही है। खास बात यह है कि इस बदलाव के बाद प्रश्न-पत्र में वस्तुनिष्ठ प्रश्र नहीं आएंगें। अब तक लगभग हर प्रश्रपत्र में तीस अंको तक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न आते थे। इन्हें करने में परीक्षार्थियों को बहुत सहूलियत रहती थी। इस साल से किए जा रहे बदलाव के तहत हर विषय के चैप्टरों का समूह बनाकर माशिमं ने कमेटी की रिपोर्ट के बाद अंक योजना जारी कर दी है। सीबीएसई पैटर्न के प्रश्न-पत्र को नवमीं से बारहवीं तक के लिए लागू किया है। मंडल द्वारा वर्ष 2022-23 की परीक्षा तक परीक्षा के प्रश्न-पत्रों का पैटर्न परंपरानुसार चलाया जा रहा था।
यह बताई जा रही है वजह
मंडल द्वारा प्रश्न-पत्र पर आब्जेक्टिव खत्म करने से नकल पर भी लगाम लगेगी। सत्र 2022-23 की परीक्षा में तीस अंक तक आब्जेक्टिव दिए थे। इससे परीक्षा केंद्रों पर नकल की शिकायतें मिलती रहती थी। आब्जेक्टिव प्रश्नों में विद्यार्थी चार आप्शन होने से कोई भी टिक लगा देते थे। अब इसकी जगह विद्यार्थियों को एक-एक अंक वाले रिक्त स्थान के प्रश्नों को बढ़ावा दिया गया है। इससे विद्यार्थी आसानी से नकल नही कर सकेंगे। इसकी वजह से अब सिर्फ अच्छी तरह से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी ही सरलता से प्रश्न-पत्र हल कर पाएंगे।
अब करना होगी सभी चैप्टरों से तैयारी
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं परीक्षा में पिछले साल तक सब्जेक्ट वाइस चैप्टरों के अनुसार अंक योजना निर्धारित थी। इसमें बता दिया जाता था कि किस सब्जेक्ट के कौन से चैप्टर से कितने अंक के प्रश्न, पेपरों में आएंगे। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। वर्ष 2023-24 से सब्जेक्ट में चैप्टरों का समूह बनाया गया है। इस समूह में से कितने अंक का पूछा जाएगा, यह बताया गया है। इससे अब विद्यार्थियों को सभी चैप्टर पर पढ़ाई के लिए फोकस करना होगा। साथ ही प्रश्न- पत्र निर्माण में पेपर सेटर समूह चैप्टर में कितने अंक के भी प्रश्न पूछ सकता है।