क्षेत्र के किसानों को उपज की कीमत दिलाने का मामला.
मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। चुनावी साल में एक तरफ सत्ता और संगठन की कोशिश है कि पूरी पार्टी एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरे, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के मंत्रियों के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद प्रदेश के कद्दावर मंत्रियों के बीच टकराव का मामला शांत हुआ है कि अब जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल में ठन गई है। दरअसल, व्यापारियों की ठगी का शिकार हुए अपने ही विधानसभा क्षेत्र के किसानों की उपज का भुगतान जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट नहीं करवा पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। कृषि मंत्री कमल पटेल को भी बता चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। किसानों की पीड़ा देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मंत्री सिलावट के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमित चौरसिया ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, शिवराज जी क्या सिंधिया समर्थक मंत्रियों की आपकी सरकार में पूछ परख खत्म हो गई है या फिर किसानों के प्रति आपकी हमदर्दी महज दिखावा है। तुलसी सिलावट अपनी विधानसभा के पीड़ित किसानों के मुआवजे के लिए कमल पटेल सहित आप से विगत एक वर्ष से गुहार लगा रहे हैं। यह पत्र बता रहा है कि सरकार और संगठन में अंतर्कलह का भीषण द्वंद्व छिड़ा हुआ है। श्रीमंत के खिलाफ भाजपा लामबंद हो गई है। दरअसल, करीब चार साल पहले वर्ष 2019 में सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 186 किसानों ने इंदौर के खंडेलवाल परिवार की पांच व्यापारिक फर्मों में गेहूं बेचा था। व्यापारी गेहूं खरीदते रहे और किसानों को आश्वासन दिया कि कुछ दिन में भुगतान कर देंगे। इस बीच व्यापारियों की नीयत में खोट आया और कुछ भुगतान करके किसानों का पैसा रोक लिया। कुछ दिन इंतजार के बाद परेशान किसानों ने मंडी समिति और जिला प्रशासन को शिकायत की। किसान संगठनों ने उपज का भुगतान कराने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कई विधायकों, मंत्री सिलावट, भाजपा नेता विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी सहित सभी जनप्रतिनिधियों को भुगतान कराए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिए हैं। वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल ने का कहना है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वे स्वयं इस मुद्दे को देख रहे है।
पुराना मुद्दा बना सिरदर्द
दरअसल, चार साल पुराना मामला चुनावी साल में नेताओं के लिए सिरदर्द बन रहा है। सांवेर विधानसभा सहित जिले के 186 किसानों का मंडी व्यापारियों पर करीब पौने तीन करोड़ रुपए बकाया है। लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी इंदौर में एक व्यापारी परिवार ने चार साल पहले किसानों से हजारों क्विंटल गेहूं खरीदा था, लेकिन भुगतान किए बिना ही भाग गया। एफआईआर हुई, लेकिन रिकवरी नहीं हो सकी। संपत्ति नीलामी के जरिए मात्र 74 लाख रुपए मिले, बाकी दो करोड़ किसानों को आज तक नहीं मिल सका है। व्यापारी परिवार ने इन फर्मों के अलावा अपने नौकर के नाम से एक और फर्म राधेश्याम ट्रेडिंग कंपनी बना रखी थी। इस फर्म के जरिए उसने सांवेर क्षेत्र के किसानों से हजारों क्विंटल गेहूं खरीदा था। किसान चाहते हैं कि मंडी व्यापारी लाइसेंसी होते हैं तो मंडी निधि से उनका भुगतान कराया जाए। बाद में उसका एडजस्ट व्यापारियों से वसूलकर करते रहें। ऐसा हरदा में हो चुका है, लेकिन सरकार और मंडी बोर्ड ने चार साल में भी इस पर कोई फैसला नहीं किया है। अब सिलावट ने एक बार फिर चुनावी साल में यह बात उठाई है। पीडि़त किसानों का कहना है कि सिलावट इससे पहले भी 2019 में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहते हुए यह पत्र लिख चुके हैं, लेकिन न तब कुछ हुआ, न अब हो रहा है। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि ये अकेले इंदौर जिले का मामला नहीं है। कई जिलों में किसानों का पैसा इसी तरह से व्यापारियों ने अटका रखा है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है। मुझे किसी पत्र की जानकारी नहीं है, लेकिन फिर भी पूरे को मामले खुद ही समझ कर जल्द ही दिखवाता हूं। व्यापारियों ने अगर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है तो जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे और किसानों को पूरा पैसा दिलवाएंगे।
सीएम को पत्र लिख बताई पीड़ा
अपने विधानसभा क्षेत्र के किसानों की समस्या को लेकर सिंधिया गुट के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर हमला बोल दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अपनी पीड़ा का इजहार किया है। सिलावट का आरोप है कि वे किसानों के मुद्दे पर कृषि मंत्री को अवगत करा चुके है। इसके बावजूद वे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। मंत्री ने चिी में कहा है कि कृषि मंत्री कमल पटेल को भी पत्र लिख चुका हूं, पर किसानों का भुगतान अभी नहीं हुआ है। चिी सामने आने पर मंत्री सिलावट ने कहा कि जल्द ही किसानों को साथ ले जाकर मुख्यमंत्री से भी मिलूंगा। दूसरी तरफ पटेल ने इन आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वे स्वयं इस मुद्दे को देख रहे है। सिंधिया खेमे के मंत्री सिलावट को कृषि मंत्री कमल पटेल के विभाग से जुड़े मामले में सीधे शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखना कई चर्चाओं को जन्म दे रहा है। दरअसल, दोनों ही शिवराज सरकार के सीनियर मंत्री माने जाते हैं। यह भी बता दें कि मंत्री सिलावट हरदा के प्रभारी मंत्री हैं, जहां से कमल पटेल आते हैं। और तो और, जब कमलनाथ सरकार के तख्तापलट के बाद शिवराज सिंह चौहान सत्ता में आए तो गिनती के पांच मंत्रियों को अपने साथ शपथ दिलाई थी। इनमें ये दोनों मंत्री पटेल और सिलावट शामिल थे। भाजपा के सूत्रों का तो यह भी दावा है कि अपने गृह जिले हरदा का प्रभारी मंत्री बनाने के लिए कमल पटेल ने ही मंत्री तुलसी सिलावट का नाम सुझाया था।