भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। आज से करीब 18-20
साल पहले मप्र की गणना देश के बीमारू और गरीब राज्यों के रूप में होती थी। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की नीतियों, नीयत और योजनाओं के कारण आज मप्र न केवल गरीबी से मुक्त प्रदेश बना है, बल्कि आर्थिक प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है। इस तथ्य पर केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट ने मुहर लगाई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश के प्रगतिशील राज्यों के साथ मप्र में आज की प्रचलित दरों के हिसाब से प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि निश्चित ही आर्थिक प्रगति का एक शुभ संकेत है। मप्र की प्रति व्यक्ति आय विगत तीन वर्षों में एक लाख तीन 654 रुपए से बढक़र एक लाख 40 हजार 583 रुपये हो गई है। गौरतलब है कि अभी हाल ही में आई नीति आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि मप्र में 15 फीसदी से ज्यादा लोगों की गरीबी खत्म हो गई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी कुछ वर्षों में मप्र पूरी तरह गरीबी से मुक्त हो जाएगा। वहीं केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय कर रिपोर्ट ने यह संकेत दिए हंै कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर मप्र का जो अभियान शुरू किया है, उसके प्रभावशाली परिणाम सामने आने लगे हैं। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में मप्र की ओर से 550 बिलियन डॉलर का योगदान देने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश इस लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। प्रदेश के बजट का आकार भी वर्ष 2001-02 की तुलना में पंद्रह गुना बढक़र वर्ष 2023 में 2.47.715 करोड़ रुपए हो गया है। राज्य की ओर से लगातार राजकोषीय अनुशासन का निरंतर पालन करने से वर्ष 2005 का ऋण जीएसडीपी अनुपात जो वर्ष 2005 में 395 प्रतिशत था, वह घटकर 22.6 प्रतिशत रह गया है, यानी कर्ज का भार कम हुआ है।
सरकार के प्रयासों का असर
मप्र में प्रदेश सरकार द्वारा योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के कारण समेकित विकास दिख रहा है। मप्र में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, प्रदेश में बेहतर वित्तीय प्रबंधन, वित्तीय समावेशन जैसे अर्थ-व्यवस्था के मूलभूत आधारों का परिणाम है। साथ ही प्रदेश में सरकारी बैकिंग व्यवसाय में निरंतर वृद्धि, प्राथमिकता क्षेत्र के समय पर समुचित ऋण, जन-धन खातों में आमजन की बढ़-चढक़र भागीदारी और बचत, प्रदेश में जन-आंदोलन का स्वरूप ले चुके स्व-सहायता समूहों द्वारा ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था में सतत योगदान भी इसके प्रमुख कारकों में हैं। इसके अलावा कृषि प्रधान प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि, छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ औद्योगीकरण के चौतरफा प्रयासों से बढ़ते निवेश की भी प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बिजली क्षेत्र में सरप्लस स्टेट होना, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सड़कों के नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार तथा स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किये गये सुविचारित प्रयास भी प्रदेश की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के पीछे हैं।
प्रति व्यक्ति आय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी
केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार पिछले तीन साल में मप्र की प्रति व्यक्ति आय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यानी मप्र की प्रति व्यक्ति आय पिछले तीन वर्षों में 1,03,654 रुपए से बढक़र 1,40,583 हुई है। देश के प्रगतिशील राज्यों के साथ मप्र में आज की प्रचलित दरों के हिसाब से प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि निश्चित ही आर्थिक प्रगति का एक शुभ संकेत है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रति व्यक्ति शुद्ध आय प्रचलित एवं स्थिर (2011-12) भावों पर मप्र के स्थिर भावों (वर्ष 2011-12) के आधार पर प्रति व्यक्ति शुद्ध आय वर्ष 2021-22 (त्वरित) में 61 हजार 534 रुपये थी, जो बढ़कर वर्ष 2022-23 (अग्रिम) में रुपये 65,023 हो गई है। यह गत वर्ष की तुलना में 5.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। प्रचलित भावों के आधार पर राज्य की प्रति व्यक्ति शुद्ध आय वर्ष 2021-22 में एक लाख 21 हजार 594 रुपये से बढ़कर वर्ष 2022-23 (अग्रिम) में एक लाख 40 हजार 583 हो गई, जो 15.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
डबल इंजन सरकार का असर
जानकारों का मानना है कि मप्र में डबल इंजन सरकार के प्रयासों का असर दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मप्र लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देकर, निरंतर सभी वर्गों के विकास और आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री चौहान लगातार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटकों को कैसे बेहतर से बेहतर बनाया जाए। वर्ष 2022-23 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 (त्वरित) की तुलना में प्रचलित भावों पर 16.43 प्रतिशत तथा स्थिर भावों पर 7.06 प्रतिशत की वृद्धि रही है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में स्थिर भावों पर वर्ष 2022-23 अग्रिम के दौरान विगत वर्ष से प्राथमिक क्षेत्र में 5.24 प्रतिशत, द्वितीयक एवं तृतीय क्षेत्र में क्रमश: 5.42 प्रतिशत एवं 9.99 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि रही है।
सीएम के प्रभावी निर्णय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटकों को कैसे बेहतर बनाया जाए। वर्ष 2022-23 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 (स्वरित) की तुलना में प्रचलित भावो पर 16.43 प्रतिशत तथा स्थिर भावों पर 7.06 प्रतिशत की वृद्धि रही है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में स्थिर भावों पर वर्ष 2022-23 अग्रिम के दौरान पिछले वर्ष से प्राथमिक क्षेत्र में 5.24 प्रतिशत द्वितीयक एवं तृतीय क्षेत्र में क्रमश: 5.42 प्रतिशत एवं 9.99 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि रही है। वहीं कृषि प्रधान प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि व औद्योगीकरण के चौतरफा प्रयासों से बढ़ते निवेश को भी प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बिजली क्षेत्र में सरप्लस स्टेट होना, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सड़कों के नेटवर्क का विस्तार तथा स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार की ओर से किए गए प्रयास भी प्रदेश की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के पीछे है।