केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल यानि की 30 जुलाई को
एक बार फिर से प्रदेश के एक दिन के प्रवास पर आ रहे हैं। इस दौरान वे भोपाल के अलावा इंदौर भी जा रहे हैं। इंदौर में पार्टी के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के अलावा उनका भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली जानापाव भी जाने का कार्यक्रम है। इसे प्रदेश सरकार से नाराज चल रहे ब्राह्मणों को साधने के लिए उठाया जाने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है। दरअसल मानपुर के पास पहाड़ी पर स्थित जानापाव ब्राह्मणों का तीर्थ स्थल है। जाहिर है कि बीजेपी की ब्राह्मण वोटर्स पर नजर है।
प्रदेश में ब्राह्मणों की आबादी करीब सात फीसदी है और वे प्रदेश की 60 सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वोटरों के बंटने से बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई थी। अब वह किसी प्रकार की रिस्क लेना नहीं चाहेगी। पिछले चुनाव में सीएम के एक बयान के बाद पार्टी को ब्राह्मणों की नाराजगी झेलना पड़ी थी। इसकी वजह से ही कई अंचलों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी लगभग कुछ मामलों की वजह से प्रदेश में उसी तरह के हालात दिख रहे हैं। फिर मामला चाहे प्रीतम लोधी के बयान का हो या फिर सीधी कांड का। इन मामलों ने प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी बढ़ाने का काम किया है। इसके अलावा प्रदेश की सत्ता में भी लगातार इस वर्ग की उपेक्षा की गई है। गौरतलब है कि हाल ही में इसके पहले शाह प्रदेश के दौरे पर तीन बार आ चुके हैं, यह उनका चौथा दौरा है।
उधर, इंदौर में कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारियों को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं का इंदौर में जमावड़ा होना शुरू हो गया है। सभी नेता संगठन के सामने अपना शक्ति प्रदर्शन करने से चूकना नहीं चाहते हैं। इस कार्यक्रम से ही मप्र में भाजपा का चुनाव अभियान शुरू होगा। कार्यक्रम में शक्ति प्रदर्शन से सब यही संदेश देना चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा कहीं से भी कमजोर नहीं पड़ने वाली है। कार्यक्रम के लिए 50 हजार से अधिक लोग जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। अमित शाह रविवार को इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। तैयारी स्थानीय संगठन के हाथों में है, लेकिन शाह के आयोजन में प्रदेश संगठन के बड़े नेता मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बीते रोज संगठन महामंत्री हितानंद सबसे पहले व्यवस्थाएं देखने कनकेश्वरी ग्राउंड पहुंचे। उनके साथ संगठन प्रभारी तेजबहादुरसिंह, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती भी थे।अमित शाह के दौरे की घोषणा होते ही वे गुरुवार शाम को ही भोपाल से इंदौर आ गए थे।
इस मामले ने पकड़ा था तूल
बीते साल 17 अगस्त का शिवपुरी के बदरवास के खरैह गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसका एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें लोधी कहते सुनाई दिए कि ब्राह्मण 7 से 8 घंटे पागल बनाएगा और हम बनते भी हैं। वे कहते हैं कि जितना दान दोगे, ऊपर वाला आपको देगा। महिलाएं घर का घी, शक्कर, दालें भी पंडित को दे आएंगी। अपने बच्चे को नहीं खिलाएंगी। लोधी ने यह भी कहा कि पंडित घर की सुंदर महिलाओं पर भी बुरी नजर रखते हैं। बता दें प्रीतम लोधी शिवपुरी की पिछोर विधानसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं , लेकिन वह जीत नहीं सके। इसके बाद कथावाचक बागेश्वर धाम ने सख्त आपत्ति जताते हुए समाज से बहिष्कार करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था के मेरे सामने अगर वो नेता आया तो मैं उसे मसल दूंगा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने बीजेपी नेता के डीएनए पर भी शंका जाहिर कर दी थी।
66 सीटों पर भी नजर
शाह कल के दौरे से पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल के कार्यकर्ताओं में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नयी ऊर्जा का संचार करने का काम करेंगे। किसानों और आदिवासियों की बड़ी आबादी वाले इस अंचल में विधानसभा की 66 सीटें हैं और 2018 के पिछले चुनावों के दौरान बीजेपी को इस क्षेत्र में कांग्रेस के हाथों बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। इंदौर, मालवा-निमाड़ अंचल की राजनीति का सबसे बड़ा केंद्र है और हाल के दिनों में यह पहली बार होने जा रहा है, जब शाह बड़े नेताओं की बैठक लेकर बीजेपी की चुनावी तैयारियों को कस रहे हैं और वे बूथ स्तर तक के पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं।
60 सीटों पर ब्राह्मणों का सीधा प्रभाव
प्रदेश में 2018 विधानसभा चुनाव के आंकड़े के अनुसार प्रदेश में 70 लाख के करीब ब्राह्मण वोटर हैं। यह कुल वोट बैंक का 10 प्रतिशत के करीब है। जो विंध्य, महाकौशल, चंबल और मध्य क्षेत्र की 60 से अधिक सीटों पर सीधा प्रभाव डालते हैं। प्रदेश में तीन माह बाद चुनाव हैं। ऐसे में यदि ब्राह्मण बीजेपी से नाराज रहता है, तो बीजेपी के लिए सत्ता का रास्ता मुश्किल हो जाएगा।
चार में से तीन पदों पर ब्राह्मण
मध्य प्रदेश में ब्राह्मणों को साधने के लिए ही सत्ताधारी बीजेपी ने चार प्रमुख पदों में से तीन पर ब्राह्मण को बैठाया है। बीजेपी ने प्रदेश में जिस प्रकार से ओबीसी को साधा है, वह ब्राह्मणों को नाराज नहीं करना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर गिरीश गौतम को बैठाया हुआ है।