मंत्री सिलावट, राजपूत और राज्यवर्धन को पावर देकर भाजपा ने चला मास्टर स्ट्रोक.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। चुनावी साल में कांग्रेस भले ही अफवाह फैलाए की श्रीमंत यानी ज्यातिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गए नेता अभी तक भाजपा के रंग-ढंग में घुल नहीं पाए हैं, लेकिन अभी हाल ही में भाजपा द्वारा घोषित हाईपावर समितियों में श्रीमंत और समर्थकों का पावर देखने को मिल रहा है। यानी भाजपा ने विरोधियों को बता दिया है की , श्रीमंत और उनके समर्थक दूध में शक्कर की तरह भगवा रंग में घुल गए हैं। दरअसल, सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए नेताओं ने पूरी निष्ठा के साथ पार्टी और सरकार के लिए काम किया है। इसी का परिणाम है कि भाजपा की हाईपावर कमेटी में सिंधिया के साथ ही उनके समर्थक तीन मंत्रियों तुनसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि गतदिनों मप्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति, घोषणा पत्र समिति के साथ-साथ जिला संयोजकों की सूची जारी की। चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को बनाया है। इस कमेटी में 21 सदस्यों को शामिल किया है। इस कमेटी में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी कद बढ़ा है। इन समितियों के माध्यम से भाजपा ने नाराज नेताओं को मनाने की भी कोशिश की है। पार्टी ने कई सीनियर नेताओं को शामिल किया है जो लंबे समय से नाराज थे। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रबंधन समिति का सदस्य बनाया गया है। इस समिति में सिंधिया समर्थक दो मंत्रियों को भी शामिल किया है। तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को समिति में जगह मिली है। इसके अलावा सिंधिया समर्थक नेता राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को घोषणा पत्र समिति में शामिल किया गया है।
घोषणा पत्र समिति में दत्तीगांव
चुनाव में भाजपा किन मुद्दों को लेकर मैदान में उतरेगी उसके लिए जयंत मलैया की अगुवाई में जो घोषणा पत्र समिति बनाई गई है, इसमें बुजुर्ग और अनुभवी चेहरों को प्राथमिकता दी गई है लेकिन, साथ ही सिंधिया समर्थक मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को अनुभवी मानते हुए इस समिति में रखा गया है। इससे यह दर्शाता है कि भाजपा के रणनीतिकारों की नजर में दत्तीगांव की क्या अहमियत है। घोषणा पत्र समिति में इनके अलावा सह प्रमुख प्रभात झा, सदस्य मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, अजय विश्नोई, कविंद्र कियावत, लाल सिंह आर्य, लता वानखेड़े, ओम प्रकाश धुर्वे, सुमेर सिंह सोलंकी, दीपक विजयवर्गीय, डीके उईके, अजय प्रताप सिंह, अतुल सेठ, मनोज पाल, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, डॉ विनोद मिश्रा को भी शामिल किया गया है। बड़ी बात है कि, इस सूची में शामिल कविंद्र कियावत सेवानिवृत्त आईएएस अफसर हैं। घोषणा पत्र समिति में पहली बार पहली बार दो रिटायर्ड आईएएस अफसरों को जगह मिली है।
तीनों मंत्रियों की कार्यप्रणाली सराहनीय
मप्र भाजपा ने मिशन-2023 के लिए अपनी जो टीम बनाई है, उस टीम में उन्हीं नेताओं को जगह दी गई है, जिन्होंने सत्ता और संगठन के साथ ही अपने क्षेत्र की जनता पर प्रभाव छोड़ा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को जगह दी गई है। दरअसल, भाजपा में शामिल होने के बाद से ही सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री और नेता पार्टी के वफादार सिपाही की तरह काम कर रहे हैं। गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की बात करें तो, इन्होंने मंत्री के रूप में भी बेहतर काम किया है। वहीं अपने विधानसभा क्षेत्र में भी इन्होंने विकास की गंगा बहाकर लोगों का दिल जीता है।
तुलसी सिलावट ने अपने विभाग के साथ अपने विधानसभा और प्रभार वाले जिले में भरपूर विकास किया है। अगर कहा जाए की वे अपने प्रभार वाले जिले में सबसे सक्रिय रहने वाले मंत्री हैं। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सुरखी विधानसभा में विकास कार्यों की कमी नहीं है। यहां सबसे कम समय में सबसे अधिक विकास कार्य किये जा रहे हैं। सडक़़, बिल्डिंग, अस्पताल, स्टेडियम, पुल पुलिया निर्माण से लेकर घर- घर पानी पहुंचाने सहित पूरी विधानसभा में 16 हजार करोड़ रूपये के विकास कार्य प्रगति पर हैं। वहीं राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव के बारे में कहा जाता है कि उनके दर से कोई खाली नहीं जाता है। शायद यही वजह है की भाजपा के रणनीतिकारों ने सिंधिया समर्थक तीनों मंत्रियों को चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।
चुनाव प्रबंधन समिति में गोविंद-तुलसी
भाजपा ने चुनाव समितियों में सियासी गणित के आधार पर नेताओं को जगह दी है। चुनाव संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की टीम में वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ,केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रह्लाद पटेल, मंत्री नरोत्तम मिश्रा, सांसद राकेश सिंह ,अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, विधायक अजय विश्नोई, सांसद गजेंद्र पटेल, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, विधायक प्रदीप लारिया, मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, सांसद गणेश सिंह, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता व पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल इस टीम में शामिल हैं। ये वे नेता हैं जो भाजपा की रीढ़ माने जाते हैं। इनमें तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का जगह मिलना इनकी काबिलियत को दर्शता है।