किसानों को मिलेगी सरकार की ओर से एक और बड़ी सौगात

शिव के निर्देश पर ऊर्जा विभाग कर रहा है तैयारी.

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। चुनावी साल में प्रदेश सरकार किसानों को एक बड़ी सौगात दे सकती है। यह सौगात है किसानों को 5 एचपी तक फ्री बिजली की। यह योजना किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिए बिजली की आसान उपलब्धता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। अब पात्र किसान इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं और अपने कृषि कामों को सुगमता से कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही ये बात कह चुके हैं कि विधानसभा चुनाव तक उनके तरकश में अभी बहुत तीर बचे हैं। इसी कड़ी में अब एक बार फिर मुख्यमंत्री प्रदेश के किसानों को 5 हार्सपावर तक के पंप को मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर सकते हैं।
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, मप्र में चुनाव के केंद्र में महिला और किसान आते जा रहे हैं। यही दो बड़े वोट बैंक हैं, जो कि किसी को सत्ता की दहलीज पर पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस की नारी सम्मान योजना की काट में प्रदेश में पहले ही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना लागू की जा चुकी है। जिसके तहत बहनों को प्रतिमाह 1000 रुपए मिलने लगे हैं। मुख्यमंत्री बार-बार ये दोहरा रहे हैं कि राशि को क्रमश: बढ़ाकर 3000 रुपए तक करेंगे। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की अवधि के लिए बिजली पर कुल सब्सिडी 24 हजार 196 करोड़ 47 लाख रुपए देने जा रही है। किसी विभाग द्वारा दी जा रही ये सबसे बड़ी सब्सिडी राशि है। अटल गृह ज्योति योजना में 5842.73 करोड़, 10 एचपी तक कृषि उपभोक्ताओं को 12687.13 करोड़ 10 एचपी तक मासिक प्रभार में छूट और ऊर्जा प्रभार में रियायत पर 538.8 करोड़ और अजा-जजा के 5 एचपी तक कृषि उपभोक्ता पर 5142.89 करोड़ खर्च हो रहे हैं।
ऊर्जा विभाग जुटा मंथन में
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ऊर्जा विभाग ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। इस बात की भी चर्चा हो रही है कि इसे इसी सीजन से लागू किया जाए, या फिर रबी सीजन के लिए एक अक्टूबर से लागू किया जाए। इस घोषणा से मुख्यमंत्री चौहान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के हाथ से एक और बड़ा चुनावी वादा छीनना चाह रहे हैं। यदि प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार ने इस सीजन से ही इसे लागू कर दिया तो कांग्रेस को किसानों को साधने के लिए फिर कोई नई घोषणा का सहारा लेना पड़ेगा। हालांकि कांग्रेस पार्टी किसानों की कर्जमाफी की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं, लेकिन भाजपा सरकार किसानों को यह समझाने में कुछ हद तक सफल हुई है कि कांग्रेस का वादा झूठा था और किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया, बल्कि कर्जमाफी के इंतजार में प्रदेश के 11 लाख से अधिक किसान डिफाल्टर हो गए, जिनके ब्याज की लगभग 2200 करोड़ रुपए की राशि भरकर सरकार ने उन्हें डिफाल्टर के दंश से बाहर निकाला।
अभी अजा-अजजा को मिल रहा लाभ
अभी अजा-अजजा वर्ग के 5 एचपी वाले कृषि उपभोक्ताओं को बिजली मुफ्त दी जा रही है। प्रदेश में इस वर्ग के लगभग 9.50 लाख कृषि उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली का फायदा मिल रहा है, लेकिन बाकी किसानों को 10 एचपी तक स्थाई कृषि पंप वालों को प्रति एचपी 750 रुपए प्रतिमाह देना होता है, वहीं अस्थायी कृषि पंप वालों को 1500 रुपए प्रति एचपी देना पड़ता है। इसी श्रेणी में सबसे अधिक कृषि उपभोक्ता हैं। प्रदेश में स्थाई कृषि पंप वाले उपभोक्ताओं की संख्या 33 लाख 24 हजार से अधिक है, वहीं अस्थाई कृषि पंप वाले कृषि उपभोक्ताओं की संख्या 22 लाख 74 हजार से अधिक है। राज्य सरकार यदि किसानों को 5 एचपी तक बिजली फ्री करने सहित अन्य रियायत देती है। तो सरकार के खजाने पर प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। ऐसे में अगले वित्तीय वर्ष में बिजली पर कुल सब्सिडी का आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपए को पार कर सकता है।