भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। राजनैतिक दल भले ही
कितने भी दावे करें की वे चुनाव में सिर्फ बेदाग और ईमानदार नेताओं को ही टिकट देंगे, लेकिन उनके यह वादे सिर्फ वादे ही बन कर रह जाते हैं। यही वजह है कि इस तरह के नेता लगातार माननीय बनते जाते हैं। इससे मप्र भी अछूता नहीं है। इस मामले में कोई भी राजनैतिक दल पीछे नहीं दिखता है। मप्र में भी ऐसे माननीयों की संख्या 41 फीसदी के करीब है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि यह खुलासा हुआ है एडीआर की ताजा रिपोर्ट में। लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन के मामलों में तो प्रकरण दर्ज होना कोई बड़ी बात नही है, लेकिन इसके इतर प्रदेश में तीन माननीयों पर तो महिला अत्याचार और 48 पर गंभीर आपराधिक प्रकरण तक दर्ज हैं, फिर भी वे अपने-अपने दलों में आखों के नूर बने हुए हैं। सभी दल चुनाव जीतने के लिए ऐसे नेताओं पर दांव लगाते हैं। एडीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मप्र में मौजूदा 230 विधायकों में से 94 विधायक ऐसे हैं जो हत्या, हत्या का प्रयास, महिला अत्याचार, धोखाधड़ी, मारपीट एवं अन्य संगीन मामलों में आरोपी है। इनके खिलाफ राजधानी भोपाल स्थित सांसद-विधायक प्रकरणों की सुनवाई के लिए गठित विशेष कोर्ट में सुनवाई जारी है। प्रदेश के इन मौजूदा विधायकों द्वारा नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग को अपराधों से जुड़ी जो जानकारी दी गई थी, उसी के आधार पर विधायकों के अपराध, संपत्ति पर एडीआर द्वारा यह विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की गई है। इन 94 आरोपी विधायकों में प्रदेश सरकार के 9 मंत्री भी शामिल हैं। इनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, इंदर सिंह परमार, मोहन यादव, ओपीएस भदौरिया, ओमप्रकाश सकलेचा, रामखेलावन पटेल के नाम शामिल हैं। इनमें से 3 मंत्री पूर्व में कांग्रेस में रह चुके हैं।
इन विधायकों पर गंभीर अपराध के प्रकरण दर्ज
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार मप्र विधानसभा के मौजूदा 230 सदस्यों में से कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे ऐसे नेता हैं, जिन पर हत्या का आरोप है। इसी तरह से हत्या के प्रयास के आरोपियों में भाजपा विधायक विक्रम सिंह, जालम सिंह पटेल और मंत्री कमल पटेल का नाम है। कांग्रेस के विधायक महेश परमार, आरिफ मसूद और अजब सिंह कुशवाह भी हत्या के प्रयास में आरोपी है। कुशवाह पर सबसे ज्यादा 11 गंभीर मामले हैं। जिनमें भी धारा 420 के प्रकरण अधिक है। कमल पटेल पर 2 मामले और जालम सिंह पटेल पर 3 गंभीर प्रकरण दर्ज है। जबकि 3 विधायकों पर महिला अत्याचार से जुड़े मामले लंबित हैं।
कांग्रेस के यह आरोपी विधायक
जिन विधायकों के खिलाफ कोई न कोई प्रकरण दर्ज है, उनमें कांग्रेस के विपिन वानखेड़े (आगर), अजब सिंह कुशवाह (सुमावली), महेश परमार (तराना), रामचंद्र दांगी (ब्यावरा), सुखदेव पांसे (मुलताई), पीसी शर्मा (दक्षिण-पश्चिम भोपाल), जीतू पटवारी (राऊ), लखन घनघोरिया (जबलपुर पूर्व), कुणाल चौधरी (कालापीपल), घनश्याम सिंह (सेंवढ़ा ), बैजनाथ कुशवाह (सबलगढ़), सुनीता पटेल (गाडरवाड़ा), दिलीप गुर्जर (नागदा खाचरौद ), फुंदेलाल मार्को (पुष्पराजगढ़), मुरली मोरवाल (बडनगर), विनय सक्सेना (जबलपुर उत्तर), पांचीलाल मेझ (धरमपुरी), लाखन सिंह यादव (भितरवार ), विक्रम सिंह नातीराजा (राजनगर), विजयराघवेंद्र सिंह (बड़वारा), एनपी प्रजापति (गोटेगांव), नीलेश उइके (पांर्डुना ), प्रताप ग्रेवाल (सरदारपुर), आरिफ मसूद (भोपाल मध्य), बाबूलाल जंडेल (श्योपुर), अजय टंडन (दमोह), संजय यादव (बरगी), सुनील उइके (जुन्नारदेव), सिद्धार्थ कुशवाह (सतना), सचिन बिड़ला (बड़वाह ), कांतिलाल भूरिया (झाबुआ), सोहन वाल्मीकि (परासिया), हर्ष विजय गेहलोत (सैलाना), जयवधज़्न सिंह (राघौगढ़), गोपाल सिंह चौहान (चंदेरी), तरुण भनोट (जबलपुर पश्चिम), विजय चौरे (सौंसर), निलय डागा (बैतूल), सुरेन्द्र सिंह बघेल (कुक्षी), विशाल पटेल (देपालपुर), हर्ष यादव (देवरी), सुश्री चंद्रभागा किराड़ (पानसेमल), अशोक मर्सकोले (निवास), कमलेश्वर पटेल (सिंहावल), अर्जुन सिंह काकोडिया (बरघाट ), संजय शर्मा (तेंदूखेड़ा), बाला बच्चन (राजपुर), हीरालाल अलावा (मनावर), राकेश मावई (मुरैना), मेवाराम जाटव (गोहद), सुरेश राजे (डबरा), प्राज्ञीलाल जाटव (करेरा) के नाम शामिल हैं।
भाजपा के विधायक
उधर, भाजपा के जिन विधायकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं उनमें विक्रम सिंह (रामपुर बघेलान), जजपाल सिंह (अशोकनगर), संदीप जायसवाल (मुडवारा), जालम सिंह पटेल (नरसिंहपुर), कमल पटेल (हरदा), प्रद्युख सिंह तोमर (ग्वालियर), प्रहलाद लोधी (पवई), अनिरुद्ध मारू (मनासा), राम दांगोरे (पंधाना), पारस जैन (उज्जैन उत्तर ), इंदर सिंह परमार (शुजालपुर), राजवर्धन सिंह (नरसिंहगढ़), केपी त्रिपाठी (सेमरिया), मोहन यादव (उज्जैन दक्षिण), प्रेमशंकर वर्मा (सिवनी मालवा), ऊषा ठाकुर (महू), राजेश शुक्ला (बिजावर), महेन्द्र सिसौदिया (बमोरी), ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), संजीव सिंह (भिंड), सुरेन्द्र पटवा (भोजपुर), राकेश गिरी (टीकमगढ़), वीरेन्द्र रघुवंशी (कोलारस ), आकाश विजयवर्गीय (इंदौर), प्रदीप लारिया (नरयावली), शैलेन्द्र जैन (सागर), प्रदीप पटेल (मऊगंज), राजेन्द्र शुक्ला (रीवा), संजय पाठक (विजयराघवगढ़), गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट), दिनेश राय मुनमुन (सिवनी), ओमप्रकाश सकलेचा (जावद ), दिलीप सिंह परिहार (नीमच), रामेश्वर शर्मा (हुजूर), देवेन्द्र वर्मा (खंडवा), हरिशंकर खटीक (जतारा), प्रणय पांडे (बहोरीबंद), हरी सिंह सप्रे (कुरवाई), रामखेलावन पटेल (अमरपाटन), कमलेश जाटव (अंबा)के नाम शामिल हैं।
भाजपा विधायक राम दोगोरे सबसे गरीब
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के एक विधायक की औसत संपत्ति 10 करोड़ रुपए है। जबकि 100 करोड़ से ज्यादा संपत्ति वाले 6 विधायक है। भाजपा के पंधाना विधायक राम दोगोरे प्रदेश के सबसे गरीब विधायक हैं। दोगोरे ने अपनी संपत्ति महज 50 हजार रुपए बताई थी। वे देश में मौजूदा 4001 विधायकों में 7 वें नंबर के सबसे गरीब विधायक है। विधायक सुरेन्द्र पटवा पर वित्तीय लेनदेन से जुड़े सबसे ज्यादा मामले हैं।
कितने कहां तक शिक्षित
एडीआर के मुताबिक प्रदेश में 5 विधायक ऐसे भी है, जो पांचवी पास भी नहीं है। 66 विधायक 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं। सबसे ज्यादा 94 विधायक स्नातक तक शिक्षित हैं। साथ ही 64 विधायक ऐसे है जो स्नातकोत्तर हैं।
3 विधायकों का चुनाव शून्य
चुनाव के दौरान नामांकन पत्र के साथ गलत जानकारी देने, जानकारी छिपाने और जाति के मामले में अदालत ने भाजपा के 3 विधायकों का चुनाव शून्य घोषित कर दिया था। तीनों विधायकों की विधानसभा की सदस्यता निचली अदालत के फैसले पर ऊपरी अदालत द्वारा रोक लगाने की वजह से बची हुई है। इनमें अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र के मामले में संदिग्ध हैं। खरगापुर विधायक राहुल लोधी ने चुनाव के दौरान जानकारी छिपाई थी। पवई विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता भी शून्य हो चुकी है।
अन्य आरोपी विधायक
सुरेंद्र सिंह- बुरहानपुर (निर्दलीय) रामबाई पथरिया (बसपा)।