ग्वालियर-चंबल पर राजनीतिक दलों का फोकस

प्रियंका के बाद अब शाह करेंगे चुनावी शंखनाद.

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भाजपा-कांग्रेस के आलाकमान की भी पूरी नजर बनी हुई है। दोनों पार्टियों के सीनियर नेता लगातार मप्र का दौर कर रहे हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने हाल ही में ग्वालियर में सभा की थी, जबकि अब भाजपा भी ग्वालियर में बड़ा आयोजन करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जल्द ही ग्वालियर में सभा कर सकते है। दरअसल, कांग्रेस भले ही ग्वालियर-चंबल अंचल में 34 में से 27 सीट जीतने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी अब सडक़ पर आने लगी है। जिसके चलते अब कांग्रेस के लिए भाजपा से ज्यादा बड़ी चुनौती अंदरूनी गुटबाजी और सडक़ पर पहुंच रही कलह को खत्म करना है। दरअसल, ग्वालियर-चंबल अंचल में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की नजर इस अंचल पर है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को जन आक्रोश रैली के माध्यम से चुनावी मैदान में उतार चुकी है। तो वही आम आदमी पार्टी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सभा करा चुकी है। ऐसे में भाजपा प्रियंका गांधी और केजरीवाल की सभा का जवाब देने के लिए ग्वालियर में बड़ा राजनीतिक आयोजन करने की तैयारी कर रही है। जहां अमित शाह का दौरा तय किया गया है। अमित शाह के ग्वालियर दौरे को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि उनके आगमन की जानकारी मिलते ही ग्वालियर शहर के जनता काफी उत्साहित है, क्योंकि अमित शाह के ग्वालियर आने पर जो जोश आज ग्वालियर चंबल अंचल के लोगों में है वह और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। पार्टी की बैठकें भी होती रहती हैं और हमारी पार्टी मजबूत होकर आगे भी बढ़ रही है।
प्रदेश कार्यसमिति के आयोजन की तैयारी
प्रदेश कार्यसमिति की बैठक ग्वालियर में करने पर विचार भाजपा के चुनाव रणनीति के सूत्रधार अंचल में बड़े आयोजन की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश कार्यसमिति के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह को भी आमंत्रित किया जाएगा। बैठक के समापन पर नगर में गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी सभा किए जाने पर विचार किया जा रहा है। संत रविदास समरस यात्रा के बाद इसकी तैयारी शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक से पहले संभागीय सम्मेलन भी किया जा सकता है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जबलपुर के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल से प्रदेश में चुनाव का शंखनाद किया है। भाजपा इसके जवाब में बड़ा संभागीय सम्मेलन कर सकती है। ग्वालियर भाजपा को प्रदेश नेतृत्व से प्रदेश कार्यसमिति की बृहद बैठक का आयोजन करने के संकेत मिले हैं। यह बैठक अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के प्रथम सप्ताह में हो सकती है। इसकी तारीख, स्थान की घोषणा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हरी झंडी मिलने के बाद की जाएगी। कार्यसमिति से पहले संभागीय सम्मेलन होगा। इसमें चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, चुनाव सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव मौजूद रहेंगे। भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह भोपाल और इंदौर में चुनाव का शंखनाद कर चुके हैं। अब ग्वालियर में तैयारी है।
भाजपा का फोकस ग्वालियर-चंबल अंचल पर
भाजपा साल 2018 की गलती यहां दोहराना नहीं चाहती। उस समय एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग भाजपा से नाराज था। इसका खामियाजा भाजपा को सत्ता से दूर होकर भुगतना पड़ा था। इस बार भाजपा ग्वालियर-चंबल अंचल के आठ जिलों की करीब 34 विधानसभा सीटों पर ताकत लगाना चाहती है। भाजपा ने अंचल को सौगात दी हैं। जैसे, अंचल से 5 मंत्री सरकार में हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी अंचल से जुड़े हैं। ग्वालियर निवासी पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। इससे साफ है कि भाजपा ग्वालियर-चंबल अंचल पर फोकस जमाए है। ग्वालियर-चंबल अंचल पर भाजपा किस तरह अड़ी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के दो केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर लगभग हर सप्ताह शनिवार-रविवार को ग्वालियर-चंबल का दौरा कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य ग्वालियर तो नरेन्द्र सिंह तोमर चंबल की कमान संभाले हैं। सिंधिया गुना लोकसभा से साल 2019 में चुनाव हारने के बाद अब ग्वालियर से लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे, यह तय माना जा रहा है। यही कारण है कि वह हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में जाकर जनता से मिल रहे हैं। कभी किसी बच्ची को गोद में ले लेते हैं, तो कभी सडक़ पार करती वृद्ध महिला का सहारा बनते हैं। विकास यात्रा में भी भाजपा ने जोर लगाया है। विकास यात्रा में विकास की बात कम मंत्री, विधायक व नेता जनसंपर्क करते ज्यादा नजर आए हैं।
सत्ता की चाबी है ग्वालियर-चंबल
ग्वालियर-चंबल अंचल की 34 विधानसभा सीटें, बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में प्रदेश में सत्ता की चाबी मानी जाती है। इसलिए भाजपा- कांग्रेस के रणनीतिकारों का अंचल पर फोकस है। 2018 के विधानसभा चुनाव में मिले जनाधार से कांग्रेस को जहां अंचल से उम्मीदें हैं, वही भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह भोपाल और इंदौर में चुनाव का शंखनाद कर चुके हैं, जबकि अब वह ग्वालियर से भी चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी में हैं। दरअसल, भाजपा ग्वालियर में केवल अमित शाह के सभा की तैयारी में नहीं है, बल्कि यहां प्रदेश कार्यसमिति की बड़ी बैठक भी आयोजित होने वाली है। जिस पर कांग्रेस निशाना साध रही है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि भाजपा से अब चाहे मोदी आ जाएं, या फिर अमित शाह, उन्हें फर्क नही पडऩे वाला है। क्योंकि अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में महौल बन चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है उस समय परिस्थितियां अलग थीं। अंचल के मतदाताओं के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा था। इस चुनाव में कांग्रेस की परीक्षा है। क्योंकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के पाले में खड़े में हैं।