भाजपा का एजेंडा तय बनाया चुनावी कैलेंडर

भाजपा का चुनावी एजेंडा तय, बनाया चुनावी कैलेंडर.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह मिशन मोड में हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रविवार को उन्होंने मप्र के सभी नेताओं को दिल्ली में बुलाया और अपने निवास पर चार घंटे तक चुनावी रणनीति पर मंथन किया। बताया जाता है कि शाह ने जहां पदाधिकारियों से अंचलवार फीडबैक लिया, वहीं पुरानी बैठकों में दिए गए स्पेशल टास्क की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी जानी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर हुई इस बैठक में सूबे के दिग्गजों ने आगामी चुनावों का कैलेंडर बनाया। इसमें आने वाले दिनों में किस इलाके में क्या कार्यक्रम कराया जाना है, इसपर मंथन हुआ। 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के सागर में संत रविदास मंदिर की आधारशिला रखेंगे और एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के बारे में भी बैठक में अमित शाह ने वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की। सागर दौरे के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के प्रदेश में आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी रखी गई। मध्य प्रदेश के चुनावों के लिए ये बैठक काफी महत्वपूर्ण थी। लगभग चार घंटों तक चली इस बैठक में सांगठनिक मुद्दों और संगठन को मजबूत करने से लेकर आगामी चुनावों की तैयारियों तक विस्तार से मंथन हुआ है।
इस हाई लेवल मीटिंग में तीन महीने बाद होने वाले चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की गई। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में हुए उनके दौरों के असर के बारे में नेताओं से जाना। साथ ही पिछले दिनों चुनाव के मद्देनजर बनाई गई समितियों का अब तक का काम और फीडबैक भी अमित शाह ने लिया। बताया जाता है कि अचानक बुलाई गई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अंचलवार चुनावी तैयारी का फीडबैक लिया और संभागीय सम्मेलन व विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को लेकर भी समीक्षा की। बैठक में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी तय करने के बाद अब क्रियान्वयन समिति बनाने पर विचार किया गया। इसमें उन पदाधिकारियों को रखा जाएगा, जिन्हें विधानसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतारा जाना है। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मप्र चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यकर्ता सम्मेलनों पर फोकस
गौरतलब है कि भाजपा के बूथ प्रबंधन की कार्ययोजना के अनुरूप संभागीय सम्मेलनों के बाद अब विधानसभावार कार्यकर्ता सम्मेलनों पर पार्टी फोकस कर रही है। लगातार कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों की कमान केंद्रीय नेताओं को सौंपी गई है। ग्वालियर में हुई संभागीय बैठक के बाद रविवार को केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने प्रदेश कार्यालय में चुनाव प्रबंधन की दृष्टि से बनाई गई विभिन्न समितियों के प्रभारियों के साथ बैठक कर चुनावी कार्ययोजना तैयार की। वहीं पूर्व में सौंपे गए कार्यों की समीक्षा भी की। भूपेंद्र यादव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने संभागीय सम्मेलनों के अलावा विधानसभावार कार्यकर्ता सम्मेलनों की जानकारी ली। यादव ने समितियों के प्रभारियों से एक-एक कर कामकाज का ब्योरा लिया और आगामी रणनीति पर चर्चा की इसके अंतर्गत प्रत्येक नेता को 50 बूथ सौंपे गए हैं, इनमें उन्हें बूथ प्रबंधन से जुड़े काम करने होंगे। पूर्व में निर्धारित की गई कार्ययोजना के तहत मोर्चा, प्रकोष्ठ, विधायक-सांसद, पूर्व विधायक या कोई अन्य पूर्व जनप्रतिनिधि, नगर निगम नगर पालिका, पंचायत, मंडी सहित 50 जनप्रतिनिधियों को 15 सूत्रीय कार्यक्रम सौंपे गए हैं, इसके तहत वे पंचायत सचिव, आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं से लेकर बूथ में रहने वाले गणमान्य लोगों से मुलाकात करेंगे और उन्हें भाजपा सरकार के रहने और न रहने के मायने समझाएंगे। कोई यदि स्थानीय नेता या विधायक से नाराज है तो, उससे संवाद स्थापित कर उसकी नाराजगी दूर की जाएगी। यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सागर में आयोजित कार्यक्रम की तैयारियों को भी देखा। 12 अगस्त को प्रधानमंत्री 35 एकड़ में 100 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले संत रविदास मंदिर का शिलान्यास करेंगे। यादव ने कहा कि सागर में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी स्तर पर कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। समरसता यात्राओं को सफल बनाने पूरी ताकत से जुट जाएं। प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने बैठक में प्रभारियों को प्रचार- प्रसार की जिम्मेदारी भी सौंपी। इनमें बूथ स्तर पर दीवार लेखन कराया जाएगा। इसके माध्यम से मोदी- शिवराज की योजनाओं का प्रचार किया जाएगा। बूथ पर रहने वाले किन-किन लोगों के पास मोटरसाइकिल है, उन सभी लोगों की सूची तैयार करवाई जा रही है, ताकि वे चुनाव प्रचार की कमान संभाल सकें।
शाह के हाथ में है मप्र की कमान
मप्र विधानसभा चुनावों की कमान केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में ली हुई है। खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार चुनावों को मॉनिटर कर रहे हैं। इसके लिए वो लगातार सूबे के दौरे भी कर चुके हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए जो टीम बनाई है, उसमें भी अपने भरोसेमंद लोगों को तैनात किया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को शाह ने मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया है, जोकि उनके बहुत करीबी बताए जाते हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र सिंह तोमर को भी चुनावों के लिए अहम जिम्मेदारी दी गई है और ये नेता भी केंद्र के करीबी माने जाते हैं। वहीं पार्टी नेतृत्व ने ये साफ कर दिया है कि वो चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे के दावेदार का नाम बताने की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। इसी रणनीति के तहत पार्टी चुनावों की तैयारी में जुटी है।
सांगठनिक मुद्दों पर भी चर्चा
चुनावी तैयारियों पर चर्चा के साथ-साथ इस दौरान सांगठनिक मु्द्दों को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में पीएम मोदी के मध्यप्रदेश में आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर भी चर्चा हुई। मीटिंग में यह बात भी रखी गई कि किस तरह प्रदेश और केंद्र सरकार के कामों को प्रभावी तरीके से बूथ स्तर ले जाया जाए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के सागर जाएंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। सबसे पहले पीएम मोदी दोपहर सवा दो बजे संत श्री रविदास स्मृति स्थल का भूमि पूजन करेंगे और इसके बाद संत शिरोमणि श्री रविदास स्मारक का शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। भाजपा के लिए मध्य प्रदेश की अहमियत कितनी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते महीनों में पीएम मोदी 3 से ज्यादा बार मध्य प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। वहीं गृह मंत्री भी इतने ही बार राज्य में आ चुके हैं। बीते 1 जुलाई को उन्होंने राज्य के शहडोल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा मैंने आदिवासी समाज के लोगों के बीच वक्त गुजारा है। यह सिकल सेल एनीमिया से बचाने का संकल्प है। ये संकल्प है हर साल सिकल सेल एनीमिया की की गिरफ्त में आने वाले 2.5 लाख बच्चों और उनके परिवारजनों के जीवन बचाने का। साथ ही हारी हुई सीटों को लेकर तैयारियों पर मंथन हुआ। ढाई माह में की जाने वाली चुनावी चुनाव गतिविधियों को लेकर लक्ष्य तय किए गए। शाह ने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पार्टी की रणनीति पर चर्चा की। संभाग से लेकर बूथ स्तर पर तय की गई पार्टी कार्य योजना की जानकारी भी ली।