मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। विधानसभा चुनाव के तीन महीने
पहले भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। आम तौर पर चुनाव की तारीखें घोषित होने पर ही पार्टी अपने पत्ते खोलती हैं। इस बार भाजपा ने तमाम अटकलों को विराम देते हुए तीन महीने पहले ही 39 नाम घोषित कर दिए हैं। वहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो 5 सितंबर तक भाजपा और पांच दर्जन नामों की दूसरी सूची जारी कर देगी। इसके लिए पार्टी में तैयारियां जोर से चल रही हैं।
गौरतलब है कि भाजपा इस बार युद्ध स्तर पर चुनावी तैयारी में जुटी हुई है। मैदानी तैयारी में कांग्रेस से काफी आगे होने के बाद अब भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम घोषित करने में भी बाजी मार ली है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पार्टी ने 29 जिलों की 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। सबसे ज्यादा नाम महाकौशल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र से है। सबसे कम उम्मीदवार विंध्य इलाके से हैं। 39 में से चार टिकट महिलाओं को दिए गए हैं। पहली सूची में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 13 और अनुसूचित जाति की आठ सीटें है। पार्टी ने सी और डी कैटेगरी में सीटों को बांटा है। सी कैटेगरी में वह सीटें हैं जहां पार्टी दो या ज्यादा बार हारी है। कभी जीते भी हैं तो काफी कम अंतर से। डी कैटेगरी में वह सीटें हैं,जो कभी नहीं जीत सके। पार्टी ने चुनाव से काफी पहले इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, ताकि उम्मीदवारों को जमीन पर काम करने का और अपनी जीत सुनिश्चित करने का ज्यादा समय मिल सके।
सबसे पहले कमजोर सीटों पर प्रत्याशी घोषित
भाजपा के पास अभी 127 विधायक हैं। यानी 103 सीटों पर पार्टी हारी है। ऐसे में भाजपा का फोकस है की चुनाव की घोषणा से पहले कमजोर सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया जाए। पार्टी ने पहली सूची में 39 प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया है। अब बाकी हारी सीटों पर भी पार्टी की तरफ से जल्द ही सूची जारी की जा सकती है। विधानसभा चुनावों के इतिहास में पहली बार तीन महीने पहले अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने वाली भाजपा जल्द ही एक और सूची जारी करने जा रही है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सितम्बर के दूसरे हफ्ते में होने वाली केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। इसमें भी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया जाएगा, जहां पिछला विधानसभा चुनाव हार गई थी। इसके अलावा उपचुनाव वाली कुछ सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान किया जाएगा। पहली सूची जारी होने के बाद कई मौजूदा विधायकों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। संगठन के सर्वे में पिछली बार पिछड़ गए विधायकों को अब अपने टिकट कटने का डर सता रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश संगठन ने अपने स्तर पर तीन सर्वे कराए थे। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने विधायकों के साथ उन्हें यह सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अपने कामकाज में सुधार करते हुए कार्यकर्ता और जनता से मेलजोल बढ़ाने की सलाह दी थी। माना जा रहा है कि इस बार सवा सौ में से आधे विधायकों के टिकट काटे जा सकते है। इसके अलावा तीन से चार सांसदों को भी मौका दिया जा सकता है। छत्तीसगढ़ की पहली सूची में भाजपा ने अपने एक सांसद को विधानसभा प्रत्याशी बनाया है।
कल ग्वालियर में तय होगी रणनीति
भाजपा की विस्तारित कार्यसमिति बीस अगस्त को ग्वालियर में हो रही है। इसमें सभी 230 सीटों को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बैठक में सीटों का जातिगत गणित, सामाजिक प्रभाव को देखा जाएगा। इस बार जो सूची तैयार हो रही है, उसमें भी पहले सामने रख चुनावी रणनीति पर बात की जाएगी। इन सीटों पर प्रदेश में चुनाव लड़ चुके नेताओं का जनाधार और संगठन पिछले दो साल से काम कर रहा है। कार्यसमिति में पहली बार मंडल अध्यक्षों को भी बुलाने पर विचार हो रहा है। इस वृहद नाम फाइनल किए जा रहे हैं। संगठन के एक कार्यसमिति में बूथ तक की तैयारियों का अवलोकन खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।
केवल जिताऊ को ही टिकट
भाजपा ने अपनी पहली सूची में जिन 39 सीटों पर टिकट घोषित किए हैं, उसमें सिर्फ एक ही मापदंड चला और वह यह कि जिसमें चुनाव जीतने की सबसे ज्यादा संभावना है उसे टिकट दे दो। यही कारण है बाकि सब बातों को नजरअंदाज कर हारे हुए उम्रदराज और पार्टी से बगावत कर चुनाव लडऩे वाले नेता भी उम्मीदवार बनाए गए हैं। 2018 के चुनाव में शिकस्त खाने वाले कई नेताओं को भाजपा ने फिर से दांव पर लगाया है, वहीं कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में विधायक रहे नेताओं पर भरोसा जताया है। इसमेें कुछ नए चेहरों को भी मौका दिया गया है। भाजपा उम्मीदवारों के चयन में कई महीनों से विधानसभा वार दौरे कर रहे सह संगठन मंत्री अजय जामवाल के फीडबैक, अलग-अलग प्रांतों से भेजे गए विस्तारकों की रिपोर्ट और पिछले एक महीने से सक्रिय टीम की अहम भूमिका रही है। भाजपा की पहली सूची में जिस तरह के नाम आए हैं, उसने नेताओं की गणेश परिक्रमा करने वाले नेताओं के दिल की धडक़ने बढ़ा दी हैं। इस सूची में किसी खास नेता के किसी समर्थक को कोई महत्व नहीं दिया गया है। संगठन सूत्र बताते हैं कि प्रदेश संगठन और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कराए गए तीन सर्वे के आधार पर ही टिकट बांटे गए हैं। पार्टी सक्रियता पर सर्वे कराया गया है और उसके बाद आला पदाधिकारी की माने तो 50 से अधिक सीटों पर नाम तय हो चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास 109 सीटें थी और कांग्रेस ने 114 सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। इसके बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस का दामन छोडक़र भाजपा का कमल अपना लिया था। इसके बाद कुछ और विधायक भी कांग्रेस से भाजपा में आए थे। कुल 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटें जीती थी और कांग्रेस नौ सीटों पर सिमट गई थी। भाजपा पूरी तैयारी पिछले विधानसभा चुनाव को आधार मानकर कर रही है। यही वजह है कि उसने 103 सीटों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। इन पर पिछले दो साल से संगठन काम भी कर रहा है। दूसरी लिस्ट में इन्हीं 103 में 64 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के ऐलान की पुष्ट जानकारी सूत्र दे रहे हैं।