मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में होने वाले विधानसभा
चुनाव के लिए अब कांग्रेस भी पूरी तरह से तैयार है। इस चुनावी तैयारी के लिए पार्टी में सरकार गिरने के बाद से बीते तीन साल से तैयारियों की जा रही थीं। सरकार से बाहर होते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को समझ आ गया था कि, अगर उन्हें प्रदेश में भाजपा को हराना है, तो सबसे पहले संगठन पर ध्यान देना होगा। यही वजह है कि नाथ का बीते साल तक पूरा फोकस संगठन की मजबूती पर ही रहा है। इसी संगठन के सहारे उनके द्वार मैदानी स्तर पर कई स्तर की टीमों का गठन कर कार्यकर्ताओं को काम पर लगाने का काम किया गया है। इसमें बूथ, सेक्टर और मंडलम समितियों तक का गठन शामिल है। इसके अलावा प्रदेश में पहली बार बूथ लेवल एजेंट और संगठन मंत्रियों तक की नियुक्तियां की गई हैं। इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी अलग-अलग जिम्मेदारी देकर उन्हें भी मैदानी स्तर पर सक्रिय रखा गया है। इसका फायदा पार्टी को चुनाव में मिलना तय माना जा रहा है। इसके अलावा कमलनाथ खुद भी बीच-बीच में मैदानी स्तर पर पहुंचकर सक्रियता का फीडबैक लेते रहे हैं, तो पार्टी के सबसे बड़े दूसरे चेहरे दिग्विजय सिंह भी उन 66 सीटों पर पहुंचे , जहां पर बीते कई चुनावों से पार्टी प्रत्याशी जीत के लिए तरस रहे हैं। इस बीच हर उस वर्ग को साधने के प्रयास भी किए जाते रहे हैं, जिससे पार्टी को चुनाव में फायदा मिल सकता है। इसमें कर्मचारियों से लेकर महिलाएं तक शामिल हैं। इस बीच मैदानी स्तर पर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन भी किए जाते रहे। इस बीच अब पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकट वितरण की है।
केंद्रीय पर्यवेक्षक भी रहे प्रवास पर
मप्र में लगातार भाजपा की सरकार बनने की वजह से अब इस प्रदेश को भाजपा का गढ़ कहा जाने लगा है। यही वजह है कि हर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने इस गढ़ को तोड़ने की चुनौती रहती है। इसकी वजह से ही इस बार पार्टी के अनुकूल कुछ हद तक बने माहौल को देखते हुए केंद्रीय संगठन भी बेहद सतर्क बना हुआ है। यही वजह है कि पार्टी आलाकमान ने चार केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजकर मैदानी स्तर तक का पूरा फीडबैक लिया और उसके बाद प्रदेश की सभी 29 लोकसभा क्षेत्र में अलग-अलग पर्यवेक्षकों तक की तैनाती कर दी गई है। इसके साथ ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े सुनील कानूगोलू की टीम को भी प्रदेश में बहुत पहले ही भेजा जा चुका है।
नाथ के चेहरे पर ही चुनावी मैदान में उतरेगी पार्टी
कांग्रेस ने भले ही चुनाव के लिए औपचारिक तौर पर अभी तक अपने नेता का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन यह तो तय है कि चुनाव में पार्टी का चेहरा कमलनाथ ही रहने वाले हैं। इसके संकेत कई बार मिल चुके हैं। पार्टी हाईकमान द्वारा कमलनाथ को प्रदेश के मामले में बहुत पहले ही पूरी तरह से फ्री-हैंड दिया जा चुका है। यही वजह है कि वे सरकार गिरने के बाद से ही लगातार इस साल होने वाले चुनाव की तैयारी में जुट गए थे।
नाथ व सिंह की जोड़ी की सक्रियता
कांग्रेस में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को एक दूसरे के पूरक के तौर पर देखा जाता है। दोनों नेताओं को लेकर खबरें कुछ भी आती हों , लेकिन वे दोनों आपस में बेहतर समन्वय के साथ मुख्य विपक्षी दल भाजपा का मुकाबला कर रहे हैं। कमल नाथ जहां चुनाव की रणनीति, प्रबंधन सहित अन्य कामकाज पर फोकस कर रहे हैं तो वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदानी स्तर पर सक्रिय बने हुए हैं। उनका पूरा फोकस लगातार हार वाली सीटों के बाद अब एससी वर्ग के लिए सुरक्षित 35 सीटों पर बना हुआ है।
श्रीमंत का जिम्मा भी दिग्विजय के पास
कांग्रेस की सरकार गिरने की वजह बने श्रीमंत और उनके समर्थकों की घेराबंदी करने का काम भी कमलनाथ द्वारा दिग्विजय सिंह को ही दे रखा गया है। इस मामले में उनकी सक्रियता का ही असर है, कि बीते कुछ समय में श्रीमंत समर्थक कई बड़े चेहरों द्वारा कांग्रेस की सदस्यता ली जा चुकी है। उनके द्वारा इस काम में आने पूर्व मंत्री बेटे की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा अब उनके द्वारा प्रदेश में आरक्षित वर्ग की सीटों पर आदिवासी स्वाभिमान के बाद जन जागरण यात्रा निकालने की भी तैयारी की जा रही है।
निगरानी की भी व्यवस्था
पार्टी ने पहली बार मैदानी स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता के लिए निगरानी की भी व्यवस्था बनाई है। इसके लिए प्रभारी व सहप्रभारी तक तैनात किए गए हैं। इन प्रभारियों को सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ, सेक्टर और मंडलम पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के काम काज व सक्रियता पर नजर रखने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा पार्टी के सभी सहयोगी संगठनों से समन्वय के लिए पहली बार संगठन मंत्रियों की तैनाती की भी परंपरा शुरु की गई है। इनके मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारियां प्रदेश कांग्रेस और कमल नाथ के कार्यालय में उपलब्ध हैं। वे स्वयं प्रतिदिन चुनिंदा व्यक्तियों से न केवल संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी लेते हैं, बल्कि टिकट के दावेदारों के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं। यही नहीं इस बार चुनावी तैयारी के तहत प्रदेश में लगभग 62 हजार बूथों पर एजेंटों की नियुक्ति भी की गई है। इन्हें मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम दिया गया है।
खरगे 22 को आएंगे
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जबलपुर और ग्वालियर में जनसभा करके कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा चुकी हैं। अब उनके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 22 अगस्त को सागर आ रहे हैं। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी दौरे की शुरुआत विंध्य से करने वाले हैं। इसके साथ ही पार्टी के बड़े नेताओं के भी दौरे कई तरह के समीकरणों को साधने के हिसाब से तय किए जा रहे हैं।