मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। भाजपा के उम्मीदवारों की सूची
जारी करने के बाद अब कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की सितंबर के पहले सप्ताह में बैठक आयोजित होगी। इसमें प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगने के बाद पार्टी प्रदेश की आधे से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर सकती है। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि प्रदेश की 230 सीटों के लिए करीब 4 हजार दावेदार हैं। यानी 17 गुना से अधिक। हालांकि पार्टी ने साफ कर दिया है कि केवल जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा। मप्र में भाजपा की पहली सूची आने का असर रविवार को हुई कांग्रेस चुनाव समिति की पहली बैठक में दिखा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी की बैठक में सदस्यों ने कहा कि टिकटों की घोषणा चुनाव के एक से डेढ़ महीने पहले कर दी जाए, ताकि चुनाव लडऩे वालों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके। 2018 के चुनाव में उम्मीदवारों को कम वक्त मिला था। बैठक में 230 विधानसभा सीटों से चुनाव लडऩे वालों के 4000 आवेदन आए हैं, इनमें से अधिकांश सीटों पर 12 से ज्यादा नाम है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों को हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया जैसी सीटों पर 20 से ज्यादा चुनाव लडऩे वालों के आवेदन मिले हैं। बैठक में मप्र के नए बनाए गए इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी शामिल होना था, लेकिन वे स्वास्थ्य कारणों से शामिल नहीं हो सके। बैठक में यह तय किया गया कि इन 4 हजार नामों की स्क्रूटनी कर जल्द प्रत्येक सीट पर दो से तीन नाम का पैनल तैयार कर लिया जाए ताकि, उन्हें स्क्रीनिंग कमेटी में भेजा जा सके। प्रत्येक सीट के सिंगल नाम को मंजूरी कांग्रेस का पार्लियामेंट्री बोर्ड देगा।
3 बार हार चुके नेताओं के टिकट पर खतरा
कांग्रेस चुनाव समिति और कैंपेन कमेटी की बैठक में प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रोडमैप तैयार किया गया। साथ ही हार के मार्जिन पर चर्चा हुई। कांग्रेस हारी हुई सीटों पर क्राइटेरिया बनाने की तैयारी में है। कांग्रेस की मीटिंग में हार के मार्जिन पर भी चर्चा हुई है। बैठक के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। सभी सीटों, वर्तमान विधायक, हारी हुई सीटों, मापदंडों, कितनी दफा जीत-हार हुई, वोट के अंतर पर मंथन किया गया है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने रणनीति बनाई है कि तीन चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने विस चुनाव में प्रत्याशियों की सूची पर कहा कि अभी नामों की चर्चा नहीं हुई है। उम्मीदवारों को लेकर चर्चा लगातार जारी है। भाजपा ने सूची जारी कर दी है, इसलिए हम कर दें यह नहीं होगा। गौरतलब है कि प्रत्येक सीट पर नामों को शार्ट आउट कर फाइनल करने लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 2 सितंबर को होगी। इसमें कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह और इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल होने भोपाल आ रहे हैं। बैठक दिल्ली में भी हो सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी पहले उन 66 सीटों के नाम फाइनल करेगी, जिनमें कांग्रेस पिछले पांच चुनावों में हार रही है। इस बैठक में प्रत्येक सीट पर एक नाम तय कर पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिए जाएंगे, जिससे सितंबर के पहले सप्ताह में पहली सूची जारी की जा सके। सभी टिकटों को सितंबर अंत तक फाइनल कर दिया जाएगा।
खरगे की टीम में मप्र दमदार
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को अपनी टीम घोषित कर दी। कार्यसमिति में मध्य प्रदेश से तीन नेताओं को स्थान दिया गया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और मीनाक्षी नटराजन को शामिल किया है। उम्मीद की जा रही थी कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सहित एक-दो नेताओं को और इसमें स्थान मिल सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष की टीम में स्थान मिलने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। वे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की टीम के प्रमुख सदस्य रहे हैं और समय-समय पर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी जाती रही है। अभी वे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में महत्वूपर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लगातार हारने वाले 66 सीटों का दौरा करने के बाद अब उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित 35 सीटों पर फोकस किया है। कार्यसमिति में मध्य प्रदेश से चौंकाने वाला नाम विंध्य से आने वाले कमलेश्वर पटेल का रहा है। उन्हें संगठन पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर आगे बढ़ा रहा है। प्रदेश में कमल नाथ ने भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं। कुछ दिनों प्रत्याशी चयन के लिए लिए गठित छानबीन समिति में भी शामिल किया गया है। जबकि, संभावना थी कि पिछड़ा वर्ग से ही आने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को अवसर दिया जाएगा। उन्हें राहुल गांधी की टीम का माना जाता है ,लेकिन कमल नाथ से उनका तालमेल ठीक नहीं है। खंडवा और बुरहानपुर जिला कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर मतांतर सामने आ चुके हैं। मंदसौर से पूर्व सांसद रहीं मीनाक्षी नटराजन को स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया है। वे भी भारत जोड़ो यात्रा में पूरे समय सक्रिय थीं। संगठन में विभिन्न पदों पर काम कर चुकी हैं।
नामों पर दिल्ली में लगेगी मोहर
उधर जानकारों का कहना है कि चुनाव समिति ने लगभग 100 सीटों पर नामों पर सहमति बना ली गई है। सूत्रों की माने तो इनमें अधिकांश पार्टी के मौजूदा विधायकों के नाम है। सूत्रों की माने तो सूची में 25 मौजूदा विधायकों के स्थान पर नए चेहरों के नाम शामिल किए गए है। प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में 100 विधानसभा सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बनाएं जाने की खबर है। समिति ने अपने अंदरुनी सर्वे और दिल्ली द्वारा कराएं गए सर्वे के आधार पर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर सहमति जताई है। ऐसी खबर है कि सर्वे में 25 मौजूदा विधायकों की स्थिति सही होने की वजह से उनके टिकट काटे जाने पर समिति ने निर्णय लिया है। हालांकि इन स्थानों के लिए नए नामों की घोषणा बाद में की जाएगी और इसके लिए रणनीति बनाई जाएगी कि विधायकों का टिकट काटे जाने से किसी भी तरह का पार्टी को नुकसान नहीं हो और न ही भितरघात जैसी स्थिति उत्पन्न हो। समिति ने तय किया है कि लगभग 60 नामों की सूची जल्द घोषित कर दी जाए और जहां विधायकों के टिकट बदलने है, वहां उन्हें भरोसे में लेकर आगे निर्णय लिया जाए। इसके अलावा समिति ने उन विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी अपने प्रत्याशियों के नाम पर मंथन किया, जहां पार्टी पिछले चुनाव में काफी कम मतों के अंतर चुनाव हारी थी। खबर है कि इनमें से कुछ क्षेत्रों के लिए भी नामों की घोषणा पहली सूची में कर दी जाएगी।
आधी सीटों की सूची होगी जारी
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में तीन घंटे चली बैठक में हारी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर फॉर्मूला तय किया गया। दरअसल कांग्रेस में वर्तमान विधायकों और पिछली बार मामूली अंतर से हारे प्रत्याशियों के नाम पहले से तय है। पार्टी का फोकस लगातार हार रही सीटों पर है। इसको लेकर बैठक में चर्चा की गई। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बैठक के बाद कहा कि प्रत्याशियों के नाम को लेकर चर्चा नहीं हुई है। चयन के क्राइटिरियों को लेकर प्रत्याशी कितने बार और कितने वोटों से हारा इसके पैमाने को लेकर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के मौजूदा विधायकों और कम वोटों से हारे प्रत्याशियों के टिकट पहले से तय हैं।